सिक्किम में मिनरल वाटर बोतलों का इस्तेमाल प्रतिबंधित
प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी तरीका अपनाते हुए सिक्किम सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में मिनरल वाटर बोतलों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है।
गंगटोक। प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी तरीका अपनाते हुए सिक्किम सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में मिनरल वाटर बोतलों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है और राज्यभर में फोम निर्मित खाद्यपात्रों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी हालिया दो अधिसूचनाओं में सरकार ने कहा कि विभागीय बैठकों और कार्यक्रमों में डिब्बाबंद पानी की बोतलों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है और इससे बहुत अधिक कचरा पैदा हो रहा है जो ठोस अपशिष्ट के निपटान में अतिरिक्त बोझ डालता है।
मुख्य सचिव आलोक के. श्रीवास्तव के हस्ताक्षर वाले इस आदेश के मुताबिक, ‘‘इसलिए, प्लास्टिक की, पीने के पानी की बोतलों के रूप में पैदा होने वाले कचरे में कमी लाने के उद्देश्य से यह अधिसूचित किया जाता है कि किसी भी सरकारी बैठकों या कार्यक्रमों में डिब्बाबंद पानी की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जाए।’’ इसमें यह सुझाव दिया गया है कि विकल्प के तौर पर सरकारी कार्यक्रमों में विभाग बड़े वितरकों द्वारा फिल्टर किया हुआ पानी या पुन: इस्तेमाल योग्य पानी अथवा पुन: इस्तेमाल योग्य पानी की बोतलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक अन्य अधिसूचना में मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार कचरा प्रबंधन और वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए विभिन्न उपाय शुरू कर रही है, लेकिन ऐसा देखा गया है कि ना केवल बाजारों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिस्पोज़ेबल फोम निर्मित खाद्यपात्रों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। अधिसूचना के जरिये डिस्पोज़ेबल फोम निर्मित खाद्यपात्रों जैसे कप, प्लेटों, चम्मचों आदि के उपयोग पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। पॉलिस्टीरिन फोम से बने ये खाद्यपात्र आम तौर पर सफेद रंग के होते हैं। सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता और सांसद प्रेम दास राय ने कहा कि यह निर्णय हाल ही में मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में किया गया।
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