चंद्रकला ऐसी ''कला'' भी दिखाएंगी इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी

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चंद्रकला लोकप्रियता के आड़ में ऐसा खेल खेलेंगी ऐसा तो किसी को नहीं लगता था परन्तु वह जब से आईएएस हुईं तो कथित रूप से उनकी आमदनी में 90 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। केन्द्र के सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग की जानकारी के मुताबिक चंद्रकला की संपत्ति 2011-12 में सिर्फ 10 लाख रुपये थी।

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी आईएएस बी. चंद्रकला पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने चहेतों को अवैध खनन की मंजूरी देने के लिए सारे नियम व कायदे ताक पर रख दिये थे। यह मामला जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे दिये जाने के हैं। ई-टेंडर के जरिये मौरंग के पट्टे स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन आरोप है कि बी चंद्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की। चंद्रकला 2008 बैच की आईएएस हैं और सोशल मीडिया पर वह काफी मशहूर हैं। वह पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब वह बुलंदशहर की डीएम नियुक्त हुईं। यहां डीएम रहते हुए उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार और अफसरों को जमकर लताड़ लगाई थी, जिसका वीडियो इतना वायरल हुआ कि बी. चंद्रकला घर-घर में पहचानी जाने लगीं। वह बॉलीवुड की सुपर स्टार की तरह लोकप्रिय हुईं इनके आये दिन वीडियो आते रहते थे। लोकप्रियता में चंद्रकला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं कई राजनीतिक लोगों से कहीं आगे हैं। फेसबुक पर उनके 85 लाख 96 हजार फॉलोअर हैं। इसी तरह ट्विटर पर उनके 8 लाख 95 हजार फॉलोअर हैं। सोशल मीडिया पर वो लगातार चर्चा में बनी रहती हैं।

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चंद्रकला लोकप्रियता के आड़ में ऐसा खेल खेलेंगी ऐसा तो किसी को नहीं लगता था परन्तु वह जब से आईएएस हुईं तो कथित रूप से उनकी आमदनी में 90 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। केन्द्र के सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग की जानकारी के मुताबिक चंद्रकला की संपत्ति 2011-12 में सिर्फ 10 लाख रुपये थी। 2013-14 में यह बढ़कर करीब 1 करोड़ रुपये हो गई। यानी एक साल में उनकी संपत्ति 90 फीसदी बढ़ी। 2011-12 में अपने गहने बेचकर और वेतन से चंद्रकला ने आंध्र प्रदेश के उप्पल में 10 लाख का फ्लैट खरीदा था। अब उनके पास लखनऊ के सरोजिनी नायडू मार्ग पर अपनी बेटी कीर्ति चंद्रकला के नाम से 55 लाख का फ्लैट है। हालांकि उन्होंने दावा किया था कि यह फ्लैट उनके सास-ससुर ने उन्हें गिफ्ट किया था। इसके अलावा आन्ध्र प्रदेश के अनूपनगर में भी उन्होंने 30 लाख का एक मकान खरीदा है। इससे वह 1.50 लाख सालाना कमाई का दावा करती हैं।

  

उन्होंने महज नौ दिन पहले ही तेलंगाना में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। यह प्रॉपर्टी एक आवासीय प्लॉट के रूप में है। 107 नंबर का यह प्लॉट तेलंगाना के मलकानगिरी जिले के ईस्ट कल्याणपुरी में उन्होंने खरीदा। 27 दिसंबर 2018 को ही इस प्लॉट की चंद्रकला ने रजिस्ट्री कराई थी। खास बात यह है कि 22.50 लाख रुपये के इस प्लॉट को उन्होंने बिना किसी बैंक लोन के खरीदा।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्तूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। याची ने यह कहा कि याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

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जालौन में खनन विभाग के रिटायर्ड क्लर्क राम अवतार सिंह के ठिकाने पर जब सीबीआई ने छापा मारा तो दो करोड़ से ज्यादा कैश और दो किलो से ज्यादा सोना बरामद हुआ। चंद्रकला के साथ यूपी के कई और आईएएस अफसरों पर भी सीबीआई का शिकंजा कस सकता है। इनमें में कुछ अफसर चंद्रकला के बाद हमीरपुर के डीएम रहे हैं। इन अफसरों से सीबीआई एक बार पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा तत्कालीन प्रमुख सचिव (खनन) गुरदीप सिंह भी जांच के दायरे में हैं। उनसे मई 2017 में सीबीआई ने पूछताछ की थी। उन्हें अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति का करीबी कहा जाता था। गायत्री प्रसाद प्रजापति पर भी अवैध खनन की खबरें आती रहीं हैं जब सपा सरकार थी।

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दूसरी ओर इस मामले में कुछ सियासी लोगों की बात करें तो अखिलेश यादव का आरोप है कि उनको फंसाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि बसपा-सपा गठबंधन के कारण सीबीआई कार्ड भाजपा ने खेला है। अखिलेश यादव ने कहा है कि वह जांच एजेंसी का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन जनता भी भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के पीछे सीबीआई लगाने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, अब वक्त आ गया है कि इस सरकार को उखाड़ फेंका जाए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अखिलेश यादव से कहा है कि डरने की कोई जरूरत नहीं है हम उनके साथ है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष से सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि इस मामले में सीबीआई अखिलेश को अपने कार्यालय में बुलाकर पूछताछ करे और इस मामले की सतह तक पहुँचे।

-रजनीश कुमार शुक्ल

नोटः लेख में दिये गये तथ्यों की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से लेखक की है।

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