तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव प्रचार खत्म
तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया और इसके साथ ही दो महीने के लंबे दौर के बाद विधानसभा चुनाव का शोर थम गया।
चेन्नई-तिरूवनंतपुरम। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया और इसके साथ ही चिलचिलाती गरमी में चुनाव प्रचार के दो महीने के लंबे दौर के बाद तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का शोर थम गया। केरल में जहां कांग्रेस नीत यूडीएफ और माकपा नीत एलडीएफ आमने सामने हैं। भाजपा इस चुनाव में अपना जोर लगा रही है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार किया है और केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के साथ वाकयुद्ध की स्थिति देखने को मिली। केरल में 2.61 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं और वे 140 विधायकों का 16 मई को चुनाव करेंगे जिसके लिए 1203 उम्मीदवार चुनावी मैदान में जिसमें से 109 महिला उम्मीदवार हैं।
राज्य में चुनाव प्रचार में कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने हिस्सा लिया। चुनाव प्रचार के दौरान सौर घोटाला और बार घोटाला चर्चा में रहा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमालिया से जुड़े बयान से विवाद भी उत्पन्न हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों का अपमान किया है। लीबिया से केरल के लोगों के लाने के खर्च से जुड़े मुद्दे पर भी भाजपा और चांडी में आरोपों के तीर चले। केरल में भाजपा इस बार श्री नारायण धर्म परीपालन योगम द्वारा बनाई गई नयी पार्टी भारत धर्म जन सेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
तमिलनाडु के 234 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के पांच करोड़ 79 लाख मतदाता मुख्यमंत्री पद के चार दावेदारों- अन्नाद्रमुक की जे जयललिता, द्रमुक के एम. करूणानिधि, डीएमडीके के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास समेत 3776 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम गया। इससे अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने वाले उन नेताओं को थोड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने राज्य भर में घूम-घूम कर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की। राज्य में बहुपक्षीय चुनाव हो रहा है। अन्नाद्रमुक, द्रमुक, पीडब्ल्यूएफ-डीएमडीके-टीएमसी गठबंधन, भाजपा नीत गठबंधन और पीएमके चुनाव में उतरे हैं।
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