''शिवाय'' को मिली तारीफों से अजय देवगन का हौसला बढ़ा

प्रीटी । Nov 25, 2016 12:00PM
''शिवाय'' को देखकर कहा जा सकता है कि बॉलीवुड में बर्फीले पहाड़ों पर इससे ज्यादा कमाल की सिनेमटॉग्रफी पहले नहीं देखने को मिली होगी। अजय ने इस फिल्म पर बेतहाशा पैसा खर्च किया है।

अपनी हालिया प्रदर्शित फिल्म 'शिवाय' को मिल रही तारीफ और सफलता से निर्माता, निर्देशक और अभिनेता अजय देवगन काफी खुश हैं। वह कहते हैं कि मैंने बड़े दिल से इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया और फिल्म को हॉलीवुड की फिल्मों के स्तर तक पहुँचाने का भरसक प्रयास किया। 'शिवाय' निर्देशक करण जौहर की फिल्म 'ए दिल है मुश्किल' के साथ प्रदर्शित हो रही थी तो माना जा रहा था कि बॉक्स आफिस पर 'ए दिल...' का ही प्रदर्शन अच्छा रहेगा लेकिन 'शिवाय' ने भ्रम को तोड़ दिया और औसत से अधिक सफलता अर्जित की। 'शिवाय' को देखकर कहा जा सकता है कि बॉलीवुड में बर्फीले पहाड़ों पर इससे ज्यादा कमाल की सिनेमटॉग्रफी पहले नहीं देखने को मिली होगी। अजय ने इस फिल्म पर बेतहाशा पैसा खर्च किया है और यह फिल्म उनके दिल के भी काफी करीब है। यही नहीं फिल्म के एक्शन दृश्य हॉलीवुड की फिल्मों को टक्कर देने की हैसियत रखते हैं। फिल्म की शूटिंग बुल्गारिया की उन बर्फीली लोकेशनों पर हुई है जहां बड़े बड़े विदेशी फिल्म निर्माता जाने से कतराते हैं। फिल्म की खासियत यह है कि इसमें देश विदेश के दो हजार से ज्यादा खिलौनों का इस्तेमाल किया गया है और एक पोलिश अभिनेत्री एरिका कार ने बॉलीवुड में इस फिल्म के जरिये एंट्री कर ली है।

खुद पर ‘एक्शन हीरो’ की छाप लग जाने से इंकार करते हुए देवगन कहते हैं कि वह रूमानी फिल्मों में अभिनय करने में भी खुद को सहज महसूस करते हैं। अपनी पिछली फिल्म ‘एक्शन जैक्सन’ की असफलता को हालांकि वह हलके में लेते हुए कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि एक फिल्म फ्लॉप हो जाने से मैं रोमांटिक या एक्शन फिल्में करना बंद कर दूं। किसी भी अभिनेता के लिए बॉलीवुड में बने रहने के लिए विविधता भरे रोल करना जरूरी है तभी दर्शक उसे पसंद करते हैं और मैं इसी सिद्धांत पर अमल करता हूं। ‘सिंघम’ सीरीज की मशहूर फिल्मों के हीरो अजय कहते हैं कि मैंने अपने कैरियर में अलग-अलग किस्म की फिल्मों में अभिनय किया है। मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे हर विधा की फिल्म में काम करने का मौका मिला। उन्होंने याद दिलाया कि ‘हम दिल दे चुके सनम’ और ‘गंगाजल’ खालिस एक्शन फिल्में नहीं थीं। वह कहते हैं कि फिलहाल मेरे सामने किसी रूमानी फिल्म की कोई अच्छी पटकथा नहीं आयी है। अगर मुझे किसी रूमानी फिल्म की अच्छी पटकथा सुनने को मिलेगी, तो मैं उस फिल्म में जरूर काम करना चाहूंगा।

अजय ने हाल में जितनी फिल्में की उनमें अधिकतर अपने दोस्त रोहित शेट्टी के साथ ही कीं। देवगन का कहना है कि रोहित के साथ काम करके मजा आता है। दोनों की जोड़ी ने अब तक जितनी भी फिल्में दी हैं वह सभी हिट रही हैं इनमें गोलमाल और सिंघम श्रृंखला की फिल्में प्रमुख हैं। इस जोड़ी के लिए गोवा भी लकी माना जाता है क्योंकि यहां यह जिस भी फिल्म की शूटिंग करते हैं वह हिट साबित होती है।

फिल्म 'फूल और कांटे' से अभिनय के क्षेत्र में पहला कदम रखने वाले देवगन ने 'यू मी और हम' के जरिये निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा था। जिसमें वह अपनी पत्नी काजोल के साथ नजर आए थे लेकिन यह फिल्म चल नहीं सकी। देवगन अपने बैनर तले इससे पहले भी भारी भरकम बजट वाली 'राजू चाचा' का निर्माण कर चुके थे और उनके पिता ने भी एक फिल्म 'मेजर साब' का निर्देशन किया था। लेकिन यह फिल्में नहीं चल सकीं। इस लिहाज से अपने बैनर तले फिल्में बनाना देवगन के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ जबकि रोहित शेट्टी के साथ मिलकर वह यही काम करने के दौरान सफल रहे।

वैसे अजय बताते हैं कि अभिनेता बनने से पहले वह निर्देशक ही बनना चाहते थे और इसी का सपना 12 साल की उम्र से अपने मन में पाले हुए थे। उन्होंने अपने मित्रों को लेकर कुछ वीडियो फिल्मों का निर्माण भी किया। अजय ने फिल्म 'मिस्टर इंडिया' के निर्माण के दौरान निर्देशक शेखर कपूर के साथ बतौर सहायक भी काम किया। संपादन भी उनका प्रिय क्षेत्र था लेकिन उनके पिता स्टंट मास्टर वीरू देवगन उन्हें अभिनेता के तौर पर स्थापित होते देखना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अजय को स्टंट सिखाना शुरू किया। शुरू में आधे अधूरे मन से उन्होंने इसे सीखना शुरू किया लेकिन जल्द ही निर्माता कुक्कु कोहली उनके पास फिल्म 'फूल और कांटे' का प्रस्ताव लेकर आ गये। अजय को जब यह फिल्म मिली उस दौरान वह सिर्फ 19 वर्ष के थे इसलिए उन्होंने यह रिस्क लेना ठीक समझा कि यदि फिल्म नहीं भी चली तो भी उनके पास किसी और क्षेत्र में जाने का फिलहाल समय है। भाग्य से अजय की पहली फिल्म ही सुपरहिट साबित हुई और उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई।

एकाएक कई प्रस्ताव आ जाने से उनके चयन में अजय से कुछ भूलें हुईं और प्लेटफार्म, दिव्यशक्ति आदि उनकी शुरुआती फिल्में बॉक्स आफिस पर धराशायी हो गईं। लेकिन बाद में जिगर, जख्म, इश्क, प्यार तो होना ही था, दिलवाले हम दिल दे चुके सनम, कंपनी, द लिजेंड ऑफ भगत सिंह, लज्जा, दीवानगी, भूत, मस्ती, एलओसी कारगिल, युवा, रेनकोट, खाकी, मस्ती, अपहरण और ओमकारा, राजनीति, आक्रोश, दिल तो बच्चा है जी, रेडी, अतिथि तुम कब जाओगे, वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई, सिंघम, बोल बच्चन, सन आफ सरदार, गंगाजल, राजनीति आदि फिल्मों के जरिये उन्होंने अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाया। फिल्म प्यार तो होना ही था के दौरान अजय देवगन और काजोल एक दूसरे के नजदीक आये और इस फिल्म के बाद दोनों ने शादी कर ली। अजय को फिल्म जख्म और द लिजेंड ऑफ भगत सिंह में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए नेशनल अवार्ड मिल चुका है। इसके अलावा अजय को फिल्म 'जख्म' में अपने दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।

प्रीटी

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