जाह्नवी और अर्जुन के लिए बॉलीवुड लकी है या अनलकी!
बॉलीवुड में अपने अभिनय के दम पर सालों तक राज करने वाली श्रीदेवी का दिल का दौरा पडने से आज निधन हो गया। उनकी मौत ने न सिर्फ उसे परिवार−रिश्तेदारों, बल्कि पूरे बॉलीवुड यहां तक कि आम आदमी तक को हिला कर रख दिया।
बॉलीवुड में अपने अभिनय के दम पर सालों तक राज करने वाली श्रीदेवी का दिल का दौरा पडने से आज निधन हो गया। उनकी मौत ने न सिर्फ उसे परिवार−रिश्तेदारों, बल्कि पूरे बॉलीवुड यहां तक कि आम आदमी तक को हिला कर रख दिया। किसी भी व्यक्ति के लिए यह यकीन कर पाना बेहद मुश्किल है कि महज 54 साल की उम्र में श्रीदेवी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। श्रीदेवी की मृत्यु पर सबसे बडा नुकसान उनकी बेटियों का हुआ। खासतौर से, जाहनवी ने श्रीदेवी के रूप में न सिर्फ अपनी ममता ही छांव को खोया, बल्कि वह एक मेंटोर से भी वंचित हो गई।
गौरतलब है कि श्रीदेवी की बेटी जाहनवी कपूर धड़क फिल्म से बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर रही हैं। यह फिल्म छह जुलाई को रिलीज होगी, लेकिन रिलीज से पहले ही जाह्नवी को इतना बडा सदमा लगा है। एक ओर जहां श्रीदेवी भी न सिर्फ जाहनवी की मां के रूप में उन्हें एक सफल अभिनेत्री बनते हुए देखना चाहती थीं, बल्कि खुद भी एक सुपरस्टार होने के कारण वह जाहनवी को वह सब बारीकियां सिखा रही थीं जो एक सफल अभिनेत्री बनने के लिए बेहद आवश्यक है। अब भले ही जाहनवी फिल्मों में अपना सफल करियर बनाएं, लेकिन उसे देखने के लिए श्रीदेवी इस दुनिया में नहीं है।
यह दुखद वाक्या सिर्फ जाहनवी के साथ ही नहीं हुआ, बल्कि उनके सौतेले भाई और बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर भी इस सदमे को पहले झेल चुके हैं। आपको बता दें कि अर्जुन कपूर बोनी कपूर और उनकी पहली पत्नी मोना शौरी कपूर के बेटे है। अर्जुन ने साल 2012 में इश्कजादे से बॉलीवुड में अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी लेकिन उनकी फिल्म की रिलीज से पहले ही अर्जुन कपूर ने अपनी मां मोना शौरी कपूर को खो दिया था।
अर्जुन की पहली फिल्म इश्कजादे ने 11 मई 2012 के दिन सिनेमाघरों में दस्तक दी थी, जबकि उनकी मां का निधन 25 मार्च 2012 को हुआ था। अर्जुन कपूर ने खुद एक इंटरव्यू में यह बात कही थी कि उनकी मां उनके करियर की पहली फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित थी लेकिन फिल्म की रिलीज से दो महीने पहले उनकी मां के निधन ने उन्हें अंदर से पूरी तरह तोड दिया था। उस दुख से तो अर्जुन कपूर उबर गए होंगे लेकिन आज श्रीदेवी के निधन के बाद वह अपनी बहन की किस्मत को यकीनन अपनी किस्मत से जोडकर देख रहे होंगे।
वहीं बोनी कपूर ने भी कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके दोनों बच्चों को अपने करियर का पहला कदम बढाते ही ममता ही छांव से वंचित होना पडेगा। अब यह कहना थोडा मुश्किल है कि जाहनवी और अर्जुन के लिए बॉलीवुड वास्तव में लकी है या अनलकी!
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