मिर्जया के नहीं चलने से निराश नहीं हैं हर्षवर्धन कपूर

प्रीटी । Oct 18, 2016 12:44PM
फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्जया’ से दो नये चेहरे हर्षवर्धन कपूर और सैयामी खेर ने सिने जगत में कदम रखा है। दोनों फिल्म के नहीं चल पाने से निराश नहीं हैं।

फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्जया’ से दो नये चेहरे हर्षवर्धन कपूर और सैयामी खेर ने सिने जगत में कदम रखा है। फिल्म को सफलता भले नहीं मिली हो लेकिन दोनों नये कलाकार अपनी परिवारिक विरासत से बेफिक्र हैं। हर्षवर्धन कपूर अभिनेता अनिल कपूर के पुत्र हैं, जबकि सैयामी खेर पुराने जमाने की अभिनेत्री उषा किरण की पोती और तन्वी आजमी की भतीजी हैं। चौबीस वर्षीय अभिनेत्री सैयामी का कहना है कि वह अपने परिवार की अभिनय प्रतिभा की विरासत को आत्मसात करने में स्वयं को धन्य महसूस कर रही हैं। सैयामी कहती हैं कि यदि मेरे पास मेरी दादी अथवा चाची की पांच प्रतिशत अभिनय प्रतिभा भी है, तो मुझे लगता है कि मैं अभिनय का थोड़ा बहुत जान गयी हूं। हालांकि मेरे ऊपर इसका दबाव नहीं है। मैंने और हर्ष ने अपना बेहतरीन दिया है। हमें राकेश और गुलजार साहब जैसे लोगों का मार्गनिर्देशन मिला है, जिससे फिल्म करना बहुत आसान हो गया।

हर्षवर्धन को भी लगता है कि यदि कोई अभिनेता अपना सर्वश्रेष्ठ देता है, तो दर्शक उसे मान्यता देंगे। वह कहते हैं कि यदि आप किसी पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं, तो आप ईमानदारी से बहुत लंबे समय तक काम करते रहेंगे। आपका पुराना जीवन पीछे छूट जाएगा। जब आप अच्छा अभिनय करते हैं, तो दर्शक इसे अपने दिल और दिमाग में महसूस करेंगे। नये अभिनेताओं के अनुसार फिल्म से अलग किसी भी प्रकार का ‘रचनात्मक दबाव’ महसूस करना अकलमंदी नहीं है। वह कहते हैं कि मुझे नहीं लगता कि किसी भी प्रकार का रचनात्मक दबाव महसूस करना बुद्धिमानी होगी। व्यावसायिक उम्मीदों के लिहाज से, क्योंकि मैं किसी बड़े अभिनेता का पुत्र हूं, मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फर्क पड़ता है। जो होना है, वो तो होगा ही। गुलजार ने इस फिल्म के जरिये करीब 17 साल बाद फिर से संवाद-लेखन के क्षेत्र में वापसी की। इससे पहले उन्होंने तब्बू अभिनीत फिल्म ‘हू तू तू’ के संवाद लिखे थे। फिल्म का संगीत शंकर अहसान लॉय ने दिया है, जो हमेशा मेहरा की फिल्मों के संगीतकार रहे हैं।

हर्षवर्धन का कहना है कि जब पटकथा चुनने की बात आती है तो वह सुपरस्टार आमिर खान से प्रेरणा लेते हैं और उन्हें रणबीर कपूर का सहज अभिनय पसंद है। यह पूछे जाने पर कि हिन्दी फिल्म जगत के किस अभिनेता से वह प्रेरित हैं तो हर्षवर्धन कहते हैं कि आमिर से बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। जब मेरी पीढ़ी बड़ी हो रही थी, उस समय 2001 में ‘दिल चाहता है’ आयी थी, उसके बाद ‘लगान’ और उसके बाद ‘रंग दे बसंती’ आयी थी। यह हमारे लिए, हमारी पीढ़ी के लिए नया मापदंड पेश करने वाली फिल्म थीं। वह कहते हैं कि ऐसे समय में जब अभिनेता एक ही समय में कई फिल्में करते थे, उन्होंने (आमिर) अलग तरह से काम करने का निर्णय लिया और एक समय में एक ही चीज पर ध्यान केन्द्रित किया। आमिर का फिल्म चयन एवं उनकी प्रतिबद्धता और रणवीर कपूर का सहज अभिनय मुझे प्रेरणा देते हैं।

प्रीटी

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