सब्जेक्टिव फिल्में करना ज्यादा पसंद करते हैं किंग खान
अपने फिल्मी कॅरियर में शाहरुख खान ने सब्जेक्टिव फिल्मों पर खास ध्यान दिया और बेहतरीन एक्टिंग से अपना लोहा मनवाया है चाहे फिल्म ''फैन'' हो या ''माई नेम इज़ खान'' बादशाह की एक्टिंग का जवाब नहीं।
70 से ज्यादा फिल्में, 8 से ज्यादा अवॉर्ड अपने नाम करने वाले बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ हर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर काम करना चाहता है। अपने फिल्मी कॅरियर में शाहरुख खान ने सब्जेक्टिव फिल्मों पर खास ध्यान दिया और बेहतरीन एक्टिंग से अपना लोहा मनवाया है चाहे फिल्म 'फैन' हो या 'माई नेम इज़ खान' बादशाह की एक्टिंग का जवाब नहीं। ये है शाहरूख खान कि वो फिल्में जो कुछ हट कर हैं।
डियर जिंदगी
खास सब्जेक्ट पर बनी फिल्म डियर जिंदगी ऐसी फिल्म थी जिसने मेंटल हेल्थ को लेकर लोगों को नए तरीके से सोचने पर मजबूर किया था। वहीं इस फिल्म की दूसरी सबसे बेहतरीन बात थी, इस फिल्म में शाहरुख और आलिया की कैमिस्ट्री। डियर जिंदगी में शाहरुख और आलिया पहली बार साथ दिखाई दिए थे। शाहरुख इस फिल्म में एक मनोचिकित्सक के किरदार में दिखे थे।
चक दे इंडिया
हॉकी की पृष्ठभूमि में बनी 'चक दे इंडिया' में शाहरुख़ खान ने अपनी रोमांटिक छवि से हटकर एक ऐसे हाकी कोच की भूमिका निभाई है जिसका एकमात्र लक्ष्य अपनी टीम को विश्व कप जिताना है। फिल्म हमें भारतीय हॉकी के वह सारे पहलू दिखाती है जिसके कारण वह अब रसातल में जा रही है।
स्वदेश
इस फिल्म में भी शाहरुख बेहद गंभीर और बेहतरीन किरदार में नजर आए थे। बादशाह ने इस फिल्म में मोहन भार्गव का किरदार निभाया है जो एक अनिवासी भारतीय है जो हजारों अन्य अनिवासी भारतीयों की तरह अमेरिका में रहता है और नासा में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम करता है। बरसों पहले वह अनाथ हो गया था और उसकी देखरेख एक दाई ने की थी जिसे वो मां समान मानता है। अचानक उसे उनकी याद आती है और वो उन्हें अमेरिका ले जाने आता है। मोहन गांव की परेशानियों से रूबरू होता है और बिजली की समस्या के लिये एक समाधान भी निकाल लेता है। शाहरुख का ये किरदार आज तक याद किया जाता है।
डॉन
इस फिल्म में शाहरुख खान बेहद निगेटिव किरदार में नजर आए थे। फ़िल्म में शाहरुख़ ख़ान व प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में हैं इस फिल्म में वे पहली बार डॉन के किरदार में नजर आए थे।
माई नेम इज खान
2010 में बनी इस फिल्म में भी शाहरुख खान काफी अलग किरदार में नजर आए थे। ‘माई नेम इज खान’ वर्तमान दौर का आइना है। ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब हम आतंकवादियों के हमले में मारे गए मासूमों की खबर पढ़ते/सुनते या देखते नहीं हैं। हर वक्त एक डर-सा लगा रहता है। 9/11 के बाद दुनिया एक तरह से बँट गई है। यह फिल्म दृढ़ता से कहती है कि सारे मुसलमान आतंकवादी नहीं होते हैं और बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो अंत में जीत अच्छाई की ही होती है। इस फिल्म से शाहरुख ने सबका दिल जीत लिया था।
फैन
इस फिल्म में शाहरुख खान खुद के ही फैन के किरदार में दिखाई दिए थे। शाहरुख ने कुछ हटकर करने का फैसला किया था और फिल्म में सिर्फ शाहरुख खान ही नजर आए। विलेन भी शाहरुख, हीरो भी शाहरुख, फैन भी शाहरुख और सुपरस्टार भी शाहरुख।
मोहब्बतें
2000 में बनी हिन्दी फिल्म मोहब्बतें में पहली बार शाहरुख खान किसी टीचर के किरदार में नजर आए थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी।
अशोका
इस फिल्म में पहली बार शाहरुख किसी किसी हिस्टोरिकल किरदार में नजर आए थे। फिल्म में शाहरुख ने सम्राट अशोक का किरदार निभाया था।
ड्वॉर्फ
वहीं आने वाली फिल्म में शाहरुख खान एक बार फिर एक्सपेरिमेंट करते दिखाई देंगे। इस फिल्म में शाहरुख बौने के किरदार में दिखेंगे। अभी तक इस फिल्म का नाम फाइनल नहीं किया गया है।
- रेनू तिवारी
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