हिंदी सिनेमा के आज के शो मैन हैं संजय लीला भंसाली
हिंदी फिल्मों में राज कूपर के बाद सुभाष घई को शो मैन की उपाधि दी गई लेकिन अब समय आ गया है जब फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को यह उपाधि दे दी जानी चाहिए।
हिंदी फिल्मों में राज कूपर के बाद सुभाष घई को शो मैन की उपाधि दी गई लेकिन अब समय आ गया है जब फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को यह उपाधि दे दी जानी चाहिए। अपनी फिल्मों की भव्यता के मामले में भंसाली कहीं से भी घई और कपूर से पीछे नहीं रहते। भंसाली के कलात्मक पक्ष पर कभी कोई सवालिया निशान नहीं लगता क्योंकि वह शुरू से ही फिल्में एक खास वर्ग के लिए बनाते रहे हैं।
भंसाली आगे चलकर बहुत नाम अर्जित करेंगे यह तो भंसाली की उस पहली फिल्म को देखने वालों को तभी पता चल गया था जो पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट से फिल्म निर्माण में डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने परीक्षा के तौर पर बनाई थी। इस फिल्म का नाम 'अंगीकम' था।
भंसाली ने हिंदी फिल्मों में प्रवेश विधु विनोद चोपड़ा के मुख्य सहायक के तौर पर किया। फिल्म '1942− ए लव स्टोरी' के निर्माण के दौरान भंसाली को चोपड़ा ने बड़ी जिम्मेदारियां सौंपीं। फिल्म जब सफल हुई तो चोपड़ा ने बताया कि फिल्म के गानों का निर्देशन भंसाली ने ही किया था।
संगीत को लेकर भंसाली हमेशा से ही काफी गंभीर रहे हैं। खास बात यह है कि वह खुद संगीत निर्देशक भी हैं। भंसाली ने निर्देशक के रूप में सबसे पहले जिस फिल्म का निर्माण किया उसका नाम था 'खामोशी− द म्यूजिकल'। इस फिल्म के गानों को आज भी याद किया जाता है। फिल्म बेहद सफल रही और इसे कई पुरस्कार मिले।
इसके बाद भंसाली ने अजय देवगन, सलमान खान और ऐश्वर्या राय को लेकर एक और संगीतमय भव्य फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' बनाई। यह फिल्म सलमान और ऐश्वर्या के प्रेम प्रसंगों और उनमें टकराव को लेकर तो चर्चित रही ही फिल्म ने बॉक्स आफिस पर भी जमकर धूम मचाई।
इसके बाद भंसाली ने शाहरुख खान, ऐश्वर्या और माधुरी दीक्षित को लेकर शरतचंद्र के मशहूर उपन्यास पर 'देवदास' फिल्म बनाई। इस फिल्म ने धूम मचा दी और भंसाली का नाम बॉलीवुड के बड़े निर्देशकों के सूची में शुमार हो गया।
कुछ समय बाद भंसाली ने अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी को लेकर फिल्म 'ब्लैक' बनाई। यह फिल्म भी खूब सफल रही और इसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया।
2007 में भंसाली ने ऋषि कपूर के बेटे रणवीर कपूर और अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर को अपनी एक और भव्य फिल्म 'सांवरिया' के जरिए लांच किया। फिल्म बहुत प्रचार होने के बावजूद नहीं चल पाई।
2010 में भंसाली रितिक रोशन और ऐश्वर्या के साथ 'गुजारिश' लेकर आए। लेकिन दर्शकों ने उनकी गुजारिश नहीं स्वीकारी लेकिन फिल्म को समीक्षकों की सराहना बहुत मिली है।
इसके बाद भंसाली की 'रास लीला' आई और फिर 'बाजीराव मस्तानी' के जरिये वह दर्शकों के दिलों पर छा गये।
हाल ही में भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' काफी विवाद के बाद प्रदर्शित हो पायी लेकिन इस फिल्म ने भी सफलता के सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिये। फिल्म की भव्यता देखने लायक है।
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