जानें जीएसटी की गणना का बेहद आसान तरीका

[email protected] । Apr 22 2017 11:07AM

प्रभासाक्षी के लोकप्रिय कॉलम ''आर्थिक विशेषज्ञ की सलाह'' में इस सप्ताह जानें जीएसटी की गणना का तरीका, बैंक अकाउंट में क्वाटरली बैलेंस की गणना का फार्मूला और आयकर रिटर्न संबंधी पाठकों के प्रश्नों के उत्तर।

पाठकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक व कंपनी सचिव श्री बी.जे. माहेश्वरी जी। श्री माहेश्वरी पिछले 33 वर्षों से कंपनी कानून मामलों, कर (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष) आदि मामलों को देखते रहे हैं। यदि आपके मन में भी आर्थिक विषयों से जुड़े प्रश्न हों तो उन्हें [email protected] पर भेज सकते हैं।

प्रश्न-1. मैंने सुना है कि अब कुछ शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम रोजाना बदलेंगे क्या यह बात सही है? क्या इससे आम जनता का नुकसान नहीं होगा?

उत्तर- अब कुछ शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम रोजना बदलेंगे जो अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित होंगे अतः आम जनता को नफा-नुकसान हो सकता है।


प्रश्न-2. जीएसटी की गणना किस हिसाब से की जाएगी?

उत्तर- जीएसटी का गणना निम्न आधार पर होगी।

(a) कर की वह दर जो वस्तु या सेवा के वर्ग (केटेगरी) के आधार पर लागू होगी।

(b) आपूर्ति के स्थान के अनुसार

राज्य के भीतर (विदिन स्टेट) कुल एप्लीकेबल दर का आधा-आधा- SGST & CGST

एक राज्य से दूसरे राज्य (इंटर-स्टेट) IGST & CGST

(c) ट्रान्जैक्शन का मूल्य छूट के बाद

उदाहरण के लिए यदि किसी वस्तु/सेवा के ट्रान्जेक्शन का मूल्य छूट के बाद रुपये 90 है। और उस पर कर की दर 18 प्रतिशत है तो उक्त दोनों स्थितियों में 9.1 each SGST & CGST या IGST & CGST आपूर्ति के स्थान के अनुसार लगेगा।


प्रश्न-3. नया आयकर फॉर्म अधिसूचित हो चुका है इसको भरने की अंतिम तारीख इस वर्ष क्या रखी गयी है?

उत्तर- नया आयकर फार्म अधिसूचित हो चुका है। इसे भरने का अंतिम तारीख 31/07/2017 है उन व्यक्तियों के लिए जो कि 'Income from other than business' के वर्ग में हों।

प्रश्न-4. आजकल फिर से एटीएम खाली रहने लगे हैं। बैंक इस बारे में कहते हैं कि आरबीआई ने नोटों की सप्लाई कम कर दी है क्या यह बात सही है?

उत्तर- एटीएम खाली होने अथवा आरबीआई से नोटों की सप्लाई कम करने के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।

प्रश्न-5. मैंने एक समाचार रिपोर्ट में पढ़ा कि ज्यादातर नियोक्ता अब अभ्यर्थियों का सिबिल स्कोर चेक करने के बाद ही नौकरी पर रख रहे हैं। किसी की निजी क्रेडिट इमेज से किसी कंपनी को क्या लेना-देना?

उत्तर- नियोक्ताओं द्वारा अभ्यर्थियों का सिबिल स्कोर चेक करने के बाद नियुक्त करना या न करना यह हर एक कंपनी की अपनी-अपनी पालिसी पर निर्भर करता है। हम इस पर अपनी कोई राय नहीं दे सकते।


प्रश्न-6. निजी कंपनियां एफडी पर बैंकों से ज्यादा ब्याज देती हैं ऐसे में हमें किसको चुनना चाहिए? क्या निजी कंपनी पैसा लेकर भाग भी सकती है?

उत्तर- एफडी के लिए निजी कंपनियों का चुनाव करने से पहले आप उसकी क्रेडिट रेटिंग, पिछला रीपेमेंट रिकार्ड सिबिल स्कोर, मैनेजमेंट और बैंक की तुलना में रिटर्न के आधार पर और अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से चुनाव करें।

प्रश्न-7. अब लगभग सभी बैंकों ने एक निश्चित राशि अपने अकाउंट में रखना अनिवार्य कर दिया है। अकाउंट में क्वाटरली बैलेंस की गणना कैसे की जाती है?

उत्तर- एक निश्चित राशि अकाउंट में रखना अनिवार्य करना बैंकों का अपना निर्णय है। Average Quarterly Balance वह बैलेंस है जो आपको एक quarter period में रखना होता है। इसकी गणना quarter के प्रत्येक दिन के अंत का Balance (राशि) को उस quarter के कुल दिनों से भाग कर के की जाती है।

प्रश्न-8. यदि मैं टूरिस्ट वीजा पर परिवार सहित विदेश जाता हूँ तो क्या मुझे इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में देनी होगी?

उत्तर- टूरिस्ट वीजा पर परिवार सहित विदेश यात्रा की जानकारी आपको अपने आयकर रिटर्न में नहीं देनी है।

प्रश्न-9. आपने एक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि दवाइयों पर 30 हजार रुपए तक की राशि के खर्च को आयकर रिटर्न में क्लेम किया जा सकता है लेकिन इस राशि की एंट्री हो जाने से कहीं मुझे भविष्य में लोन आदि मिलने में कोई दिक्कत तो नहीं आएगी?

उत्तर- आपको लोन देने का आधार आपकी वर्तमान आय, शेष वर्किंग लाइफ, आपके द्वारा आफर की गई सिक्योरिटी, आपका सिबिल स्कोर आदि है। आपकी दवाइयों पर हुआ खर्च या उसकी एंट्री लोन में कोई अवरोध नहीं होगा।

प्रश्न-10. मैंने वाहन के लिए पांच साल का लोन लिया था अब जब लोन पूरा हो गया तो स्टेटमेंट में दिखा रहा है कि तीन जगह ईएमआई बाउंस हुई है और उसकी पैनल्टी लगी है। मैंने उस तारीख के बैंक स्टेटमेंट देखे तो मेरे अकाउंट में पैसे थे। लेकिन लोन देने वाला बैंक मानने को तैयार नहीं है। मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर- अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस होने के बावजूद ईएमआई बाउंस होने और पैनल्टी लगने की शिकायत आप उस बैंक के 'OMBUDSMAN' से करें और आरबीआई की उसकी कॉपी भेजें।


नोटः कर से जुड़े हर मामले चूँकि भिन्न प्रकार के होते हैं इसलिए संभव है यहाँ दी गयी जानकारी आपके मामले में सटीक नहीं हो इसलिए अपने विशेषज्ञ की सलाह भी ले लें।

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