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रेकरिंग डिपॉजिट से तैयार कीजिए एकमुश्त धनराशि, खाता संचालन प्रक्रिया हुई बेहद आसान
- कमलेश पांडेय
- जनवरी 14, 2021 13:34
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बता दें कि पोस्ट ऑफिस आरडी पर 5.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। आप आरडी स्कीम में न्यूनतम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं। यदि अधिक करने की इच्छा है तो 10 रुपये के गुणक में ही करें। अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है वैध तरीके से।
किसी भी व्यक्ति को 5-10 साल के अंतराल पर एकमुश्त धनराशि की जरूरत पड़ती है। कभी कभी प्रत्येक 10-20 वर्ष में बड़ी पूंजी की जरूरत महसूस होती है। लेकिन यह बात उनको काफी खलती है जिन्हें कोई सम्पत्ति या बड़ी पूंजी नहीं होती है। ऐसे में हम आपको यह बताना चाहते हैं कि अपनी नियमित या मासिक आय में से ही कुछ राशि बचाएं और उसे पोस्ट ऑफिस के आरडी खाते में जमा करें, ताकि आपकी भविष्य की योजनाएं निर्बाध रूप से साकार हो सकें।
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अब आपको यह पता होना चाहिए कि ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पोस्ट ऑफिस के आर डी (रेकरिंग डिपाजिट) अकाउंट में आप घर बैठे ही पैसा जमा कर सकते हैं और आईपीपीबी ऐप के जरिए आपका यह काम होगा। इस प्रकार अब प्रति माह पैसा जमा करने के लिए पोस्ट ऑफिस जाने का चक्कर नहीं होगा और आसानीपूर्वक आपका पैसा आपके आर डी एकाउंट में जमा होता जाएगा।
बता दें कि पोस्ट ऑफिस आरडी पर 5.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। आप आरडी स्कीम में न्यूनतम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं। यदि अधिक करने की इच्छा है तो 10 रुपये के गुणक में ही करें। अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है वैध तरीके से। ऐसे में यदि आपका रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट पोस्ट ऑफिस में है तो आपको इसमें पैसा जमा करने के लिए पोस्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि आप इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ऐप के माध्यम से पोस्ट ऑफिस आरडी में ऑनलाइन पैसा जमा कर सकते हैं। कहने का तातपर्य यह कि आप अपनी मासिक किस्त को इस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन अपने आरडी खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं।
बताते चलें कि आप ऐसे ऐप से अपनी नियत राशि डिपाजिट कर सकते हैं। सबसे पहले अपने बैंक खाते से आईपीपीबी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करें। फिर डीओपी प्रॉडक्ट्स पर जाएं और यहां पर रेकरिंग डिपॉजिट चुनें।
आर डी अकाउंट नंबर और फिर डीओपी कस्टमर आईडी लिखें। उसके बाद इंस्टालमेंट पीरियड और अमाउंट दर्ज करें। इतना करने पर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आपको आईपीपीबी ऐप के जरिए किए गए पेमेंट ट्रांसफर के लिए सूचित करेगा। इस तरह से आप इंडिया पोस्ट द्वारा ऑफर की जाने वाली अन्य स्कीम्स में भी आईपीपीबी बचत खाते के माध्यम से नियमित भुगतान कर सकते हैं।
आपको मालूम होना चाहिए कि आरडी यानी आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपॉजिट) किसी भी बड़ी बचत में आपकी मदद कर सकती है। एक तरह से आप इसका इस्तेमाल गुल्लक की तरह कर सकते हैं। आशय यह कि आप इसमें हर महीने सैलरी आने पर एक निश्चित रकम डालते रहें और इसके मेच्योर होने पर आपके हाथ में एक बड़ी रकम होगी। फिलवक्त इंडिया पोस्ट की आरडी में 5.8 फीसदी ब्याज मिल रहा है। इस आरडी स्कीम में आप मिनिमम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं। इससे ज्यादा 10 के मल्टीपल में आप कोई भी रकम जमा करा सकते हैं। मैक्सिमम जमा राशि की कोई लिमिट नहीं है।
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उल्लेखनीय है कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की शुरुआत 1 सितंबर 2018 को हुई थी। आईपीपीबी देशभर में फैले 1.55 लाख पोस्ट ऑफिस और 3 लाख पोस्टल एम्पलॉयीज के जरिए अपनी बेहतर सेवाएं दे रहा है। इसमें 1.35 लाख पोस्ट ऑफिस ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। आईपीपीबी मौजूदा समय में 13 भाषाओं में अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। आप अपनी भावी बड़ी जरूरतों यथा- बच्चों की शिक्षा, उनके लिए बड़ी पूंजी की व्यवस्था, खुद के लिए अप्रत्याशित बड़े आकस्मिक व्यय के वास्ते पूंजी की व्यवस्था, शादी-विवाह व अन्य सामाजिक संस्कारों के निमित्त इसका उपयोग कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी नियमित आय या मासिक आय में से कुछ राशि की बचत करके अपने आरडी एकाउंट को चला सकता है। ऐसा करने से उसके पूरे परिवार का भला होगा।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य और इसके फायदे
- जे. पी. शुक्ला
- जनवरी 23, 2021 15:20
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प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना लगभग 17 राज्यों में फैली हुई है, जिसमें लगभग 406 करोड़ का निवेश है। ये परियोजनाएँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की परिकल्पना करती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
केंद्रीय क्षेत्र योजना- कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण समूहों के विकास के लिए योजना- SAMPADA (Scheme for Agro-Marine Processing and Development of Agro-Processing Clusters) को कैबिनेट ने मई 2017 में 14 वें वित्त आयोग के चक्र के साथ 2016-20 की अवधि के लिए अनुमोदित किया था। इस योजना को अब "प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY)" नाम दिया गया है।
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यह एक अंब्रेला स्कीम है, जिसमें मंत्रालय की चल रही योजनाओं, जैसे मेगा फूड पार्क, इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर, फूड सेफ्टी और क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के साथ नई स्कीम, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर, क्रिएशन ऑफ बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड लिंकेज, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का निर्माण / विस्तार शामिल हैं।
उद्देश्य:
- कृषि के पूरक व्यवस्था
- प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता बनाने के लिए
- प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने की दृष्टि से मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण और विस्तार करना
- अपव्यय को कम करने के लिए मूल्य जोड़ना
- कृषि-अपशिष्ट को कम करना
प्रधानमंत्री किसान योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना लगभग 17 राज्यों में फैली हुई है, जिसमें लगभग 406 करोड़ का निवेश है। ये परियोजनाएँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की परिकल्पना करती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
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कौन सी योजनाओं को लागू किया जाएगा?
PMKSY के तहत निम्नलिखित योजनाओं को लागू किया जाना है।
मेगा फूड पार्क
मेगा फूड पार्क की योजना किसानों, प्रोसेसर और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र प्रदान करती है, ताकि अधिकतम मूल्य संवर्धन, अपव्यय को कम करने, किसानों की आय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हो सके। मेगा फूड पार्क में आम तौर पर संग्रह केंद्रों, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्रों, कोल्ड चेन सहित लगभग 25-30 पूरी तरह से विकसित भूखंड उद्यमियों के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए होते हैं। अभी तक 21 मेगा फूड पार्क ऑपरेशनल हैं।
कोल्ड चेन
कोल्ड चेन, वैल्यू एडिशन और संरक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना का उद्देश्य खेत से उपभोक्ता तक बिना किसी ब्रेक के एकीकृत कोल्ड चेन और संरक्षण संरचना प्रदान करना है। इसमें संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा का निर्माण शामिल है, जैसे- पूर्व शीतलन, तौल, छँटाई, ग्रेडिंग, कृषि स्तर पर वैक्सिंग की सुविधा, बहु उत्पाद / बहु तापमान कोल्ड स्टोरेज, सीए स्टोरेज, पैकिंग सुविधा, आईक्यूएफ और बागवानी की सुविधा के लिए मोबाइल कूलिंग इकाइयाँ, जैविक उत्पादन, डेयरी, मांस और पोल्ट्री आदि।
खाद्य प्रसंस्करण / संरक्षण क्षमता का सृजन / विस्तार (यूनिट योजना)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण और प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने के लिए मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के आधुनिकीकरण / विस्तार है। नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के आधुनिकीकरण / विस्तार को योजना के तहत शामिल किया गया है। योजना केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों / संयुक्त वेंचर्स / किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) / गैर सरकारी संगठनों / सहकारी समितियों / एसएचजी / प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों जैसे संगठनों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर
इस योजना का उद्देश्य आधुनिक अवसंरचना के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से उत्पादकों / किसानों के समूहों को प्रोसेसर और बाजारों से जोड़कर क्लस्टर प्रसंस्करण पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों के समूह को प्रोत्साहित करने के लिए आधुनिक बुनियादी ढाँचे और सामान्य सुविधाओं को विकसित करना है। कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर की स्थापना के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की खरीद के लिए या कम से कम 50 वर्षों के लिए पट्टे पर होने की आवश्यकता है।
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बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड लिंकेज के निर्माण के लिए योजना
योजना का उद्देश्य कच्चे माल की उपलब्धता और बाजार के साथ संबंधों के संदर्भ में आपूर्ति श्रृंखला में खामियों को दूर करके प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए प्रभावी और निर्बाध बैकवर्ड और फॉरवर्ड एकीकरण प्रदान करना है। यह योजना फलों और सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मांस, मुर्गी पालन, मछली, रेडी टू कुक फूड प्रोडक्ट्स, शहद, नारियल, मसाले, मशरूम, परसेबल फूड प्रोडक्ट्स आदि के लिए लागू है। मंत्रालय ने योजना के तहत अपनी भागीदारी को आसान बनाने के लिए किसान उत्पादक कंपनियों, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूहों सहित किसान / उत्पादक समूहों की सहायता के लिए तकनीकी एजेंसियों (टीएएस) को लगाया है।
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन इंफ्रास्ट्रक्चर
खाद्य उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा प्रतिस्पर्धात्मक बन गई है। देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए, गुणवत्ता नियंत्रण, गुणवत्ता प्रणाली और गुणवत्ता आश्वासन जैसे कुल गुणवत्ता प्रबंधन (TQM) के विभिन्न पहलुओं को एक हॉरिजॉन्टल तरीके से संचालित करना चाहिए। इसके अलावा, उपभोक्ता सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बाजार में निर्मित और बेची जाने वाली गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद खाद्य सुरक्षा नियामक द्वारा निर्धारित कड़े मापदंडों को पूरा करते हैं।
प्रभाव
- PMKSY के इम्प्लीमेंटेशन से फार्म गेट से लेकर रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा
- यह देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा
- यह किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने में मदद करेगा और किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा
- यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा
- यह कृषि उत्पादों के अपव्यय को कम करने, प्रसंस्करण स्तर बढ़ाने, उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर सुरक्षित और सुविधाजनक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में भी मदद करेगा
- जे. पी. शुक्ला
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- मिथिलेश कुमार सिंह
- जनवरी 21, 2021 18:31
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खुदा-न-खास्ता अगर आपका नाम भी किसी एफआईआर में दर्ज हो जाता है या फिर आपके किसी संबंधी परिचित का नाम एफआईआर में दर्ज हो जाता है, तो इससे घबराने की बजाय आप यह विचार करें कि आपके पास भी कानून द्वारा उपलब्ध कई रास्ते हैं, जिनका प्रयोग आप कर सकते हैं।
कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। ऐसे में अगर पुलिस के पास कोई मामला आ जाए, तो उन मामलों पर संज्ञान लेकर कई बार पुलिस एफआईआर दर्ज कर लेती है। अब जिन व्यक्तियों के नाम एफआईआर (फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट / प्राथमिकी) में दर्ज होते हैं, पुलिस यह कोशिश करती है कि वह उन व्यक्तियों को तत्काल गिरफ्तार करे या फिर उन्हें समन देकर उनसे पूछताछ करें।
खुदा-न-खास्ता अगर आपका नाम भी किसी एफआईआर में दर्ज हो जाता है या फिर आपके किसी संबंधी परिचित का नाम एफआईआर में दर्ज हो जाता है, तो इससे घबराने की बजाय आप यह विचार करें कि आपके पास भी कानून द्वारा उपलब्ध कई रास्ते हैं, जिनका प्रयोग आप कर सकते हैं।
आइए देखते हैं...
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एफआईआर अगर झूठी है तो?
अब इस संभावना पर विचार कीजिए कि आप पर दर्ज प्राथमिकी अगर झूठी है, तो आप क्या कर सकते हैं! जाहिर तौर पर कानून के दुरुपयोग करने वाले लोगों की संख्या समाज में कुछ कम नहीं है। कई बार तो कुछ पुलिसकर्मी खुद भी तमाम मामलों में इंवॉल्व होकर लोगों को फंसाने और परेशान करने का कार्य करते हैं।
ऐसे में अगर कोई झूठी प्राथमिकी आप पर दर्ज हो गयी है, तो आप भारतीय दंड संहिता में वर्णित धारा 482 के तहत उस प्राथमिकी को चैलेंज कर सकते हैं। इसके लिए आपको हाई कोर्ट का रुख करना होगा और अगर आपने हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द कराने की याचिका दायर कर दी, तो पुलिस आप के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है।
हाँ! इसमें आपको एक वकील की मदद ज़रूर लेनी पड़ेगी और एक एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी बेगुनाही के सबूत देकर एफआईआर रद्द कराने की याचिका हाईकोर्ट में दायर कर सकते हैं। जाहिर तौर पर इसमें तमाम डाक्यूमेंट्स आप लगा सकते हैं, तो अपनी बेगुनाही के लिए जवाब पेश कर सकते हैं। हालांकि यह टालमटोल का मामला नहीं दिखना चाहिए और आपके पक्ष में मजबूत सबूत नजर आना चाहिए, तभी आपकी एफआईआर रद्द हो सकती है।
अगर प्राथमिकी रद्द नहीं होती है और गिरफ्तारी की तलवार लटकती है तो क्या करें?
मान लीजिए कि FIR रद्द कराने का विकल्प आप के संबंध में काम नहीं आता है तो भी आप कानून की मदद ले सकते हैं, और इसमें पुलिसकर्मी अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं।
इसमें पुलिस अगर आपको किसी स्थान से गिरफ्तार करती है तो जल्द से जल्द आपके किसी रिश्तेदार को उसे सूचित करना होगा कि आप की गिरफ्तारी अमुक अस्थान से की गई है और अमुक स्थान पर आपको रखा गया है। अगर आपका कोई रिश्तेदार शहर से बाहर है तो भी 8 से 12 घंटे के भीतर पुलिस को टेलीग्राम के माध्यम से करीबी को सूचना देना अनिवार्य है। पुलिस को अपने रोजनामचे (डायरी) में इसका पूरा विवरण, पुलिस अधिकारी का नाम, जिसकी अभिरक्षा में आपको रखा गया है, उसे दर्ज करना होगा।
साथ ही गिरफ्तारी के 48 घंटे के भीतर ही डॉक्टरों द्वारा आप की चिकित्सा जांच कराना भी अनिवार्य है। इसके अलावा आपको आपके वकील से मिलने की परमिशन भी दी जाएगी। हालांकि वकील आपसे पूरी पूछताछ के दौरान मौजूद नहीं रहेगा।
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गिरफ्तारी के दौरान आप पर बल प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए और आप के सम्मान की रक्षा की जानी चाहिए। इस प्रकार के दिशा निर्देश पुलिस को पहले से ज्ञात होते हैं।
खासकर महिलाओं की तलाशी सिर्फ और सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों द्वारा ही शालीनता के साथ ली जाएगी। महिलाओं को सूर्यास्त के बाद, और सूर्योदय के पहले किसी हालत में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हथकड़ी या बेड़ी का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है।
गिरफ्तारी के बाद भी आप को पर्याप्त कानूनी अधिकार दिए गए हैं और उसमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि 24 घंटे के भीतर आपको संबंधित न्यायालय में पेश किया जाएगा और आपको अपने वकील से मिलने की परमिशन भी दी जाएगी। जाहिर तौर पर यह तमाम जानकारियां आपको नहीं होती हैं और इस वजह से आप एफआईआर में अपना या अपने किसी संबंधी का नाम देखकर घबरा जाते हैं। कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि अगर आपको समस्त प्रक्रियाओं की जानकारी हो, तो आप इन मामलों को कहीं बेहतर ढंग से अंजाम तक पहुंचा सकते हैं।
वैसे बेहतर यही समझना है कि पुलिस और प्रशासन हमारे लिए, हमारी सुरक्षा के लिए ही बनाए गए हैं। इस बात को जानकर, ऐसे किसी कार्य से खुद ही दूर रहना समझदारी है, जहाँ पुलिस को आपके ऊपर प्राथमिकी दर्ज करना पड़े। वैसे, ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि अगर संयोगवश आपका नाम कहीं आ भी जाता है, तो पुलिस को उसकी कार्रवाई करने दें और उसमें बाधा उत्पन्न करने की बजाय सहयोग करने का प्रयत्न करें। साथ ही उपलब्ध कानूनी उपचारों के माध्यम से आगे की प्रक्रिया जारी रखें।
-मिथिलेश कुमार सिंह
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- अंकित सिंह
- जनवरी 18, 2021 16:54
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तो सबसे पहले आपको बता दें कि को भी Co-Win ऐप है? सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारत में कोरोना टीकाकरण की योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए Co-Win ऐप विकसित किया गया है। कोरोना वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इस ऐप की मदद ली जाएगी।
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में निर्मित दो कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए लॉन्च कर दिया है। एक सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड है दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। इन दोनों टीकों ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह को और भी मजबूत किया है। कोरोना के टीकाकरण अभियान के पहले चरण में लगभग 3 करोड़ फ्रंटलाइन वॉरियर्स को पहला डोज दिया जाएगा। भारत के इस कदम को लेकर विश्व में हर तरफ वाहवाही हो रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही आम लोगों के लिए भी कोरोना वैक्सीन शुरू की जाएगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आम लोगों तक यह वैक्सीन कैसे पहुंचेगी। सरकार इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। सरकार ने Co-Win ऐप शुरू किया है जिसके जरिए आम लोग भी आसानी से टीका लगवा सकते हैं। आज हम आपको बताते हैं Co-Win ऐप के बारे में और आखिर यह ऐप आपको टीकाकरण में कैसे मदद करेगा इसके बारे में भी...
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तो सबसे पहले आपको बता दें कि को भी Co-Win ऐप है? सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारत में कोरोना टीकाकरण की योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए Co-Win ऐप विकसित किया गया है। कोरोना वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इस ऐप की मदद ली जाएगी। आम लोग इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवा कर कोरोना का टीका आसानी से ले सकेंगे। इस ऐप पर टीकाकरण केंद्र से लेकर टीका लेने वाले लोगों तक की पूरी सूची होगी। इस ऐप के जरिए टीकाकरण प्रक्रिया की पूरी तरह से ट्रैकिंग की जाएगी। कुल मिलाकर अगर कम शब्दों में कहें तो Co-Win ऐप पर भारत में लगाए जाने वाले टीके को लेकर पूरा लेखा-जोखा रहेगा। Co-WIN ऐप को पांच मॉड्यूल में बांटा गया है। पहला है प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां हैं रिपोर्ट मॉड्यूल।
एक बात स्पष्ट कर दें कि Co-Win ऐप पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप कोरोना का टीका लगवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको अपनी आईडी दिखानी होगी। आपको बता दें कि रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी फोटो आईडी का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इन आईडी का इस्तेमाल कर सकते है।
आधार कार्ड,
वोटर आईडी कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस,
पैन कार्ड,
मनरेगा जॉब कार्ड,
पासपोर्ट
पेंशन दस्तावेज फोटो के साथ,
बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटो वाली पासबुक
सांसद, विधायक, एमएलसी द्वारा जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
सेवा पहचान पत्र
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अब आपको यह बताते है कि Co-Win ऐप पर रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकते हैं। सबसे पहले आपको गूगल प्ले स्टोर में जाकर Co-Win ऐप डाउनलोड करना होगा। ध्यान रहे कि आपको Co-Win ऐप डाउनलोड करना है। वर्तमान में गूगल प्ले स्टोर पर Co-Win ऐप के ही नाम से कई फर्जी ऐप मौजूद है। ऐसे ऐप को इंस्टॉल करने से बचें। रिपोर्ट के मुताबिक Co-Win ऐप एंड्रॉयड, आईओएस और KaiOS, सभी प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेगा। नोकिया फोन और जिओ फोन इस्तेमाल करने वाले लोग भी Co-Win ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन से पहले Co-Win ऐप पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस बताई जाएगी। रजिस्ट्रेशन के दौरान आपको अपनी फोटो आईडी देनी होगी। बिना फोटो आईडी के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान आपको अपना मोबाइल नंबर भी रजिस्टर्ड करवाना होगा। रजिस्टर्ड मोबाइल पर ही रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद एक SMS आएगा। इस SMS में वैक्सीनेशन की तारीख, पता और समय बताया जाएगा। आपको यह भी बता दें कि जिस फोटो आईडी के जरिए आपने Co-Win ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाया है उसे टीका लगाते समय भी ले जाना जरूरी है। Co-Win ऐप या फिर मैसेज के जरिए ही आपको डोज की दूसरी तिथि बताई जाएगी।
- अंकित सिंह
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