आयकर रिटर्न भरते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगी परेशानी

steps to e-filing your income tax return
कमलेश पांडे । Jun 13 2018 4:15PM

आगामी 31 जुलाई तक उन सभी व्यक्तियों के लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी है जिनकी आय दो लाख पचास हजार रुपए से अधिक है। हालांकि इस संदर्भ में कुछ मान्य कटौतियों का लाभ उठाकर अपना आयकर जमा करने से तो बच सकते हैं।

आगामी 31 जुलाई तक उन सभी व्यक्तियों के लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी है जिनकी आय दो लाख पचास हजार रुपए से अधिक है। हालांकि इस संदर्भ में कुछ मान्य कटौतियों का लाभ उठाकर अपना आयकर जमा करने से तो बच सकते हैं, लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करना आपके लिए तब भी बेहद जरूरी होगा। लोगों की इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखकर हम आगे बता रहे हैं आयकर रिटर्न भरने की पूरी प्रक्रिया के 10 आसान चरण, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। यदि आप इसे जानेंगे, समझेंगे तो निकट भविष्य में इस बाबत होने वाली आम गलतियों से बच जाएंगे। जी हां, उनकी गुंजाईश नहीं के बराबर रहेगी और आप हो जाएंगे बिल्कुल टेंशन फ्री। तो आइए विस्तार पूर्वक जानते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपना आयकर रिटर्न कैसे दाखिल करे।

चरण 1:- सबसे पहले आप अपना ई-फ़ाइलिंग एकाउंट बनाएं।

यदि आप पहली बार अपना आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने जा रहे है तो सर्वप्रथम आप खुद को आयकर विभाग की वेबसाइट पर पंजीकृत कीजिए। इसके लिए आप incometaxindiaefiling.gov.in के वेब पते पर जाएं और उस पर क्लिक करने के बाद जो पेज खुलता है, उसमें दाहिनी ओर 'मेन मेनू' के ठीक नीचे ‘रजिस्टर योरसेल्फ' का विकल्प मिलता है, उस पर क्लिक करें। यहां आपको अपना पैन, पूरा नाम और जन्मतिथि बतानी होगी। इसके अलावा, एक प्रपत्र (फॉर्म) भी भरना होगा। इसको भरकर आप खुद को वेबसाइट पर पंजीकृत करवा लें। इस पंजीकरण के दौरान ही आपका आधार पैन से लिंक कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप अपने पैन और पासवर्ड की मदद से incometaxindiaefiling वेबसाइट में लॉगिन कर सकते हैं।

 

चरण 2:- आप अपना आयकर रिटर्न फॉर्म ऐसे डाउनलोड करें और फिर उन्हें भरकर कुशलतापूर्वक अपलोड भी करें।

ई-फाइलिंग में आयकर फॉर्म मात्र दो तरीकों से भरा जाता है। प्रथम तरीके में आईटीआर फॉर्म आयकर की वेबसाइट पर खुल जाता है जिसे आप वहीं भरकर सबमिट कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा सिर्फ आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के लिए ही उपलब्ध है। इसलिए ऑनलाइन फॉर्म भरना बेहद आसान है जो जल्दी ही हो भी जाता है। आपको बस इस तरीके में ख्याल करके फॉर्म को सेव करते रहना है जिसके लिए लॉगिन करने के लिए बाद आप ई-फ़ाइल मेनू पर क्लिक करें और प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन आईटीआर को चुनें।

जहां तक दूसरे तरीके की बात है तो इसके तहत सबसे पहले फॉर्म को डाउनलोड किया जाता है, और फिर उसे बरीकीपूर्वक भरकर शीघ्र ही अपलोड कर दिया जाता है। हालांकि यह तरीका थोड़ा मुश्किल भरा तो है लेकिन बड़े फॉर्म के लिए यह पहले के मुकाबले बेहतर भी है। क्योंकि इस तरीके से सभी तरह के आयकर रिटर्न फॉर्म भरे जा सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि इस तरीके से रिटर्न भरने के लिए फॉर्म भी प्रायः दो तरह के आते हैं- प्रथम तरीके में एक्सेल फाइल डाउनलोड होती है जिसके लिए आपके पास 'एक्सेल प्रोग्राम' होना चाहिए। इसलिए जो लोग 'एक्सेल या स्प्रेडशीट' में पहले से ही काम करते आए हैं, उनके लिए तो यह तरीका बेहद आसान है, जबकि अन्य लोगों के लिए थोड़ी मुश्किल, फिर भी ज्यादा नहीं, क्योंकि अभ्यास से ही कोई व्यक्ति किसी भी कार्य में परफेक्ट बनता है।

जबकि, दूसरे तरीके में सबसे पहले जावा फाइल डाउनलोड होती है जिसके लिए आपके कंप्यूटर पर जावा प्रोग्राम इंस्टाल होना चाहिए। अनुभव बताता है कि दूसरा वाला फॉर्म ज्यादा यूजर फ्रेंडली होता है। क्योंकि आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करने के लिए आपको इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल के होमपेज पर एक बार फिर से जाना होगा, जहां दाहिनी ओर मेनू में फॉर्म डाउनलोड करने का लिंक आपको मिलेगा। यहां पर आप बारीक नजर दौड़ाकर अपनी जरूरत का फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। अब कौन से फॉर्म आपके लिए है यह विस्तार से समझने के लिए नीचे की टेबल देखें।

दरअसल, रिटर्न फॉर्म का प्रकार जानना आपके बेहद जरूरी है। इससे आप यह तय कर पाएंगे कि किस श्रेणी के कर अदाकर्ता के लिए कौन सा फॉर्म है जिसे ही भरना जरूरी है। पहला, आईटीआर-1 (सहज) सिर्फ सैलरी और ब्याज के रूप में आमदनी होने वालों के लिए है। दूसरा, आईटीआर-2 बिजनेस या फिर किसी भी पेशे से जिनकी कोई आमदनी नहीं है, ऐसे ही व्यक्तियों या फिर परिवारों (एचयूएफ) के लिए है। तीसरा, आईटीआर-3 किसी फर्म में साझेदारी करने/रखने वाले व्यक्तियों या एचयूएफ के लिए है। हालांकि यह भी याद रहे कि इनके स्वामित्व में अलग से कोई बिजनेस या प्रोफेशन नहीं होना चाहिए। चौथा, आईटीआर-4 खुद के स्वामित्व वाले बिजनेस से जुड़े व्यक्तियों अथवा परिवारों के लिए है। पांचवां, आईटीआर-4 एस (सुगम) सिर्फ अनुमानित आय वाले बिजनेस से जुड़े व्यक्तियों या एचयूएफ के लिए है। छठा, आईटीआर-5 किसी भी फर्म, एओपीएस, बीओआईएस और एलएलपीएस के लिए है। सातवां, आईटीआर-6 सेक्शन 11 के तहत कर देने से छूट प्राप्त कंपनियों के लिए है। आठवां, आईटीआर-7 सामूहिक नेतृत्व वाले संस्थानों और कंपनियों के लिए (सेक्शन 139 (4ए) या 139 (4बी) या 139 (4सी) या फिर 139(4डी) के तहत) है। अब आप समझ गए होंगे कि किसके लिए क्या जरूरी है।

चरण 3:- ऐसे करें ई-फ़ाइलिंग के लिए लॉगिन और रहिए हर पल सजग ताकि किसी गलती की गुंजाईश नहीं रहे।

आपको पता होना चाहिए कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए विभागीय ई-फाइलिंग पोर्टल में ल़ॉगिन करना पड़ता है। फिलहाल यह लॉगिन ही मुश्किल हो गई है, क्योंकि इस पोर्टल में लॉगिन करने लिए आपके पास 'आधार' के तहत रजिस्टर्ड मोबाइल अवश्य होना चाहिए। वजह यह कि लॉगिन के लिए जरूरी वन टाइम पासवर्ड भी उसी मोबाइल पर आएगा। इसलिए जो लोग इंटरनेट बैंकिंग का बखूबी इस्तेमाल करते हैं, वे लोग अपने नेट बैंकिंग अकाउंट के जरिए भी सीधे ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉगिन कर सकते हैं। इससे उन्हें काफी सहूलियत भी होगी।

बता दें कि आयकर पोर्टल में आपको दाहिनी ओर लॉगिन का एक बटन मिलेगा, जिसे दबाने पर सबसे पहले आपको अपना पैन, पासवर्ड, जन्मतिथि और कैप्चा भरना होगा। उसके बाद आगे के चरण में लॉगिन करने के दो प्रचलित तरीके आएंगे। पहला, लॉगिन थ्रू इंटरनेट बैंकिंग और दूसरा, लॉगिन थ्रू आधार मोबाइल नंबर। अब यदि आप प्रथम रास्ते को चुनते हैं तो इस सारी कसरत का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि आपको सिर्फ सामान्य तरीके से ही इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉगिन करनी है। उसके बाद आप खोजिए कि कर और ई-फाइलिंग संबंधी लिंक कहां है, जिसके जरिए आप सीधे ई-फ़ाइलिंग डैशबोर्ड में पहुंच जाएंगे। दूसरा, यदि आप दूसरे रास्ते को चुनते हैं तो आपके रजिस्टर्ड आधार मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा जिसे भरने के बाद आप ई-फाइलिंग डैशबोर्ड में पहुंच जाएंगे।

चरण 4:- आइए जानते हैं कि फॉर्म 26 एएस कैसे डाउनलोड करें और किन-किन बातों का ध्यान रखें।

ई-फाइलिंग डैशबोर्ड में लॉगिन करने के बाद नीली पट्टी वाले मेनू में 'माय एकाउंट' पर माउस को ले जाएं। उसके बाद नीचे खुलने वाली सूची में पहला विकल्प व्यू फ्रॉम 26 एएस का होता है। अतः इस लिंक पर क्लिक करके आप एनएसडीएल की साइट पर पहुंच जाएंगे। अब आप यहां से किसी भी वित्त वर्ष का फॉर्म 26 एएस डाउनलोड कर सकते हैं। अब इसमें अंदर जाते ही आपके पैन नंबर पर जो भी टैक्स आदि पहले जमा किया हुआ है, उसका बाकायदा तिथिवार विवरण आपको देखने को मिल जाएगा। दरअसल, फार्म 26 एएस (टैक्स क्रेडिट) आपके द्वारा पहले जमा किए गए सभी कर संबंधी लेन-देन का दस्तावेज होता है। अतः इसमें आपको टीडीएस, एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स का स्पष्ट विवरण दिखेगा।

                                                  

(शेष चरण अगले आलेख में)

कमलेश पांडे

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