''हरामखोर'' को पुरस्कार तो कई मिले मगर दर्शक नहीं

प्रीटी । Jan 16 2017 4:03PM

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''हरामखोर'' एक स्कूल टीचर और नाबालिग छात्र के बीच पनपती नाजायज रिश्तों की ऐसी कहानी है जोकि एक बेहद खतरनाक मोड़ पर जाकर खत्म होती है।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'हरामखोर' एक स्कूल टीचर और नाबालिग छात्र के बीच पनपती नाजायज रिश्तों की ऐसी कहानी है जोकि एक बेहद खतरनाक मोड़ पर जाकर खत्म होती है। तीन साल की देरी से प्रदर्शित यह फिल्म हालांकि कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में ढेरों पुरस्कार जीत चुकी है लेकिन हिंदीभाषी दर्शकों के लिहाज से यह फिल्म शायद ही पसंद की जाए। एक तो फिल्म की कहानी बेहद धीमी गति से आगे बढ़ती है और कहानी ऐसी है जोकि भारतीय समाज में आसानी से स्वीकार नहीं की जाती। ऐसे में इस बात की उम्मीद कम ही है कि सिर्फ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बेहतरीन अदायगी देखने के लिए ही दर्शक थियेटरों पर महंगे टिकट लेकर इसे देखेंगे।

फिल्म की कहानी मध्य प्रदेश में स्थित एक गांव के सरकारी स्कूल में अध्यापक श्याम टेकचंद (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) के इर्दगिर्द घूमती है। श्याम गणित का अध्यापक है और स्कूल के बाद बहुत से छात्र उससे ट्यूशन पढ़ने उसके घर पर आते हैं। श्याम कुछ रंगीन मिजाज का व्यक्ति है इसलिए अपनी छात्राओं पर उसकी टेढ़ी नजर रहती है। वह अपनी एक छात्रा सुनीता से शादी कर चुका है लेकिन अब उसकी नजर नयी छात्रा संध्या शर्मा (श्वेता त्रिपाठी) पर है। श्याम जिस बैच में संध्या को पढ़ाता है उसमें कुछ लड़के भी हैं और उनमें से एक लड़का कमल भी संध्या को मन ही मन चाहता है लेकिन वह जानता है कि श्याम की नजर संध्या पर लगी हुई है। संध्या का पिता पुलिस इंस्पेक्टर जरूर है लेकिन वह हर समय नशे में धुत रहता है। श्याम संध्या को शाम को घर छोड़ने कुछ दूर तक जाता है ऐसे ही एक दिन उसके संध्या के साथ संबंध बन जाते हैं। दूसरी ओर कमल अब भी संध्या से शादी करना चाहता है। इस बीच कुछ ऐसा घटता है कि सभी हतप्रभ रह जाते हैं।

जहां तक अभिनय की बात है तो यकीनन नवाजुद्दीन सिद्दीकी और श्वेता त्रिपाठी ने अपने अपने किरदारों को जीवंत अभिनय से यादगार बना दिया है। फिल्म में कमल और मिंटू का किरदार निभाने वाले दो बाल कलाकारों मास्टर इरफान खान और मोहम्मद समद ने भी बहुत अच्छा काम किया है। फिल्म में बैकग्राउंड में एक गाना है लेकिन उसका कहानी को आगे बढ़ाने में कोई योगदान नहीं है। फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती है और कई जगह खिझाती भी है। फिल्म में संपादन पर और ध्यान देना चाहिए था। अगर लीक से हटी फिल्में देखना पसंद है तभी इस फिल्म को देखने जाएं।

कलाकार- नवाजुद्दीन सिद्दिकी, श्वेता त्रिपाठी, त्रिमाला अधिकारी, मोहम्मद समद खान, इरफान खान और निर्देशक श्लोक शर्मा।

प्रीटी

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