Blank Movie Review: फिल्म का बना रहा सस्पेंस लेकिन कहानी बिखरती चला गई
फिल्म की कहानी की शुरूआत होती है करण कपाड़िया की एंट्री से... करण कपाड़िया यानी हनीफ लोगों से मोबाइल बात कर रहा है, लेकिन अचानक सड़क पर उसका एक्सिडेंट हो जाता है।
बॉलीवुड में अधिकतर नये चहरों को लॉंच करने की जिम्मेदारी वैसे तो करण जौहर ने ले रखी है लेकि कभी कभी किसी और को भी मौका मिल जाता हैं। जानी-मानी ऐक्ट्रेस डिंपल कापड़िया के भतीजे और उनकी बहन सिंपल कपाड़िया के बेटे करण कापड़िया ने फिल्म ब्लैंक से बॉलीवुड में डेब्यू किया हैं। फिल्म ब्लैंक सिनेमघर में 3 मई को रिलीज हो गई है। इस फिल्म का डायरेक्शन निर्देशक बेहजाद खंबाटा ने किया हैं। करण कापड़िया को इस फिल्म में ऐक्शन हीरो के रूप में पेश किया गया है। ऐक्शन को संभालने के लिए फिल्म में सनी देओल भी हैं। आइये जानते है फिल्म की क्या हैं कहानी और फिल्म ब्लैंक के रिव्यू-
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कहानी
फिल्म की कहानी की शुरूआत होती है करण कपाड़िया की एंट्री से... करण कपाड़िया यानी हनीफ लोगों से मोबाइल बात कर रहा है, लेकिन अचानक सड़क पर उसका एक्सिडेंट हो जाता है। लोग उसे अस्पताल पहुंचाते हैं लेकिन खुलासा होता हैं कि वह एक एक सूइसाइड बॉम्बर है। पुलिस की तरफ से हनीफ के एनकाउंटर करने का फैसला किया जाता है। मगर तभी एक कॉल आती है और कहानी 12 घंटे पीछे जाती है। एटीएस चीफ एसएस दीवान (सनी देओल) को शहर में एक बहुत बड़ी खेप में एचएमएक्स (विस्फोटक) लाए जाने की खबर मिलती है। वह अपनी टीम हुस्ना (इशिता दत्ता) और रोहित (करणवीर शर्मा) के साथ तफ्तीश में जुट जाता है। तफ्तीश के दौरान पता चलता है कि हनीफ के शरीर पर लगे हुए बम के तार 24 अलग लोगों से जुड़े हुए हैं। इन सभी बमों की कमांड आतंकवादी मकसूद (जमील खान) जेहाद और जन्नत के नाम पर उनका इस्तेमाल करके शहर में 25 धमाके करके आतंक का राज्य कायम करना चाहता है। हनीफ किसी तरह पुलिस की गिरफ्त से भाग निकलता है। क्या वह उन 25 धमाकों के भयानक काम को अंजाम दे पाता है? युवा हनीफ आत्मघाती बम क्यों बना? इन सवालों का जवाब फिल्म में मिलेगा।
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फिल्म का डायरेक्शन
निर्देशक बेहजाद खंबाटा ने फिल्म की कहानी की शुरूआत काफी दमदार तरीके से की, लेकिन जैसे- जैसे फिल्म आगे बढ़ती हैं फिल्म बिखरने लगती हैं इंटरवल से पहले फिल्म से आप बंधें रहते है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म उबाने लगती हैं। जैहाद पर आधारित फिल्में पहले भी बनी हैं। इस फिल्म निर्देशक और फिल्म की कहानी लिखने वाले राइटर कुछ खाल फिल्म को एंगल नहीं दे पाए। फिल्म के अंत में ट्विस्ट लाकर थोड़ा फिल्म को संभाला गया लेकिन। ऐक्शन के तगड़े डोज के बाद अक्षय कुमार और करण कपाड़िया का प्रमोशनल गाना 'अली अली' को फिल्म का मजाक उड़ाने के लिए डाल दिया गया हैं।
कलाकार
इस फिल्म में करण कपाड़िया ने अपने भरपूर एक्शन के साथ एंट्री मारी हैं। करण कपाड़िया ने एक्शन तो ठीकठाक कर लिए लेकिन एक्सप्रेशन के मामले में चूक गए हैं। एक्टिंग के मामले में वो कच्चे नजर आ रहे है क्योंकि पूरी फिल्म में करण के चेहरे के भाव एक जैसे ही हैं। सनी देओल ने अपने ऐक्शन-इमोशन रोल के साथ फिल्म में न्याय किया हैं। करणवीर शर्मा ने एटीएस अफसर की भूमिका में अच्छा काम किया है। हुस्ना के रूप में इशिता दत्ता के पास कुछ ज्यादा करने को नहीं था। आतंकी सरगना मकसूद के रूप में जमील खान ने चरित्र के मुताबिक काम किया है।
कलाकार- सनी देओल, इशिता दत्ता, करण कपाड़िया, करणवीर शर्मा
निर्देशक- बेहजाद खंबाटा
मूवी टाइप- ऐक्शन,थ्रिलर
अवधि- 2 घंटा 10 मिनट
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