इत्तेफाक की कहानी में है दम, कातिल का अंदाजा नहीं लगा पाएंगे

Film review of Ittefaq
[email protected] । Nov 6 2017 2:59PM

जिस तरह शुरू से लेकर अंत तक पूरी तरह कहानी पर निर्देशक की पकड़ रही है उसे देखकर लगता नहीं कि अभय चोपड़ा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'इत्तेफाक' सस्पेंस थ्रिलर फिल्में देखने के शौकीन दर्शकों को बहुत पसंद आयेगी। जिस तरह शुरू से लेकर अंत तक पूरी तरह कहानी पर निर्देशक की पकड़ रही है उसे देखकर लगता नहीं कि अभय चोपड़ा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है। यह फिल्म सिर्फ अपनी सशक्त कहानी के दम पर ही हिट होने का माद्दा रखती है। फिल्म पूरे समय दर्शकों को सीट से बांधें रखती है और कातिल कौन है, इस सवाल का दर्शकों का अंदाजा अंत में गलत साबित होता है। फिल्म के क्लाइमैक्स को लेकर निर्माता निर्देशक इतने ज्यादा गंभीर थे कि फिल्म की प्रिव्यू स्क्रीनिंग नहीं किया गया ताकि कहीं से भी कुछ लीक नहीं हो जाये।

फिल्म की कहानी विक्रम सेठी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और माया (सोनाक्षी सिन्हा) के इर्दगिर्द घूमती है। विक्रम जाना माना लेखक है एक दिन हादसे में उसकी पत्नी कैथरीन सेठी की मौत हो जाती है तो दूसरी तरफ माया के पति शेखर सिन्हा की भी उसी दिन हत्या हो जाती है। इन दोनों मामलों की जांच का काम इंस्पेक्टर देव (अक्षय खन्ना) को सौंपा जाता है। हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि कभी विक्रम पर शक का घेरा घूमता है तो कभी माया शक के दायरे में आती है। देव को लगता है कि दोनों की मौत के पीछे विक्रम ही है इसलिए वह उस पर हत्या का आरोप लगाता है। लेकिन फिर भी उसे लगता है कि अभी यह मामला पूरी तरह साफ नहीं है।

अभिनय के मामले में अक्षय खन्ना का जवाब नहीं। वह वैसे भी थ्रिलर फिल्मों में काफी जमते हैं। उनका स्टाइल भी दर्शकों को भायेगा। सिद्धार्थ मल्होत्रा का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। सोनाक्षी सिन्हा सामान्य रही हैं। निर्देशक ने उनके किरदार को विकसित करने पर लगता है ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी जानदार है। अगर आप सस्पेंस फिल्मों को देखने के शौकीन हैं तो इस फिल्म को अवश्य ही देखने जायें।

कलाकार- सिद्धार्थ मल्होत्रा, अक्षय खन्ना, सोनाक्षी सिन्हा और निर्देशक अभय चोपड़ा।

- प्रीटी

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