मॉनसून शूटआउट में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जोरदार अभिनय
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''मॉनसून शूटआउट'' स्टाइल के लिहाज से उम्दा फिल्म है और बहुत समय बाद ऐसी फिल्म आई है जिसमें पुलिस वालों के नैतिक पक्ष पर भी अच्छी तरह से फोकस किया गया है।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'मॉनसून शूटआउट' स्टाइल के लिहाज से उम्दा फिल्म है और बहुत समय बाद ऐसी फिल्म आई है जिसमें पुलिस वालों के नैतिक पक्ष पर भी अच्छी तरह से फोकस किया गया है। एक पुलिस वाले को अपने कर्तव्य को निभाने में किन किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उसका एक फैसला कैसे परिस्थितियों को बदल सकता है यह इस फिल्म में बहुत अच्छी तरह से दिखाया गया है। निर्देशक अमित वर्मा की यह पहली फिल्म है और मुंबई की लोकेशनें उन्होंने कहानी के हिसाब से बहुत अच्छी रखी हैं।
फिल्म की कहानी आदी (विजय वर्मा) और शिवा (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) के इर्दगिर्द घूमती है। आदी क्राइम ब्रांच में है और शिवा कत्ल का आरोपी है। अपने पहले ही केस में आदी इस सोच में पड़ जाता है कि कत्ल का जो आरोपी शिवा भाग रहा है उसे शूट करना चाहिए या नहीं। आदी को सही और गलत रास्ते में से एक का चुनाव करना है। इस दौरान उसके सामने कई ऐसी बातें आती हैं जिनके आधार पर वह जो फैसला करता है वह सही साबित होता है। फिल्म की कहानी ऐसी है कि यदि सारी बता दी तो पर्दे पर इसे देखने का मजा किरकिरा हो सकता है। वैसे फिल्म का अंत निराश ही करता है।
अभिनय के मामले में नवाजुद्दीन एक बार फिर बीस साबित हुए हैं। वह कमाल के हैं। उनके हावभाव ही बहुत कुछ कह देते हैं। इस फिल्म में उनका स्टाइल दर्शकों को विशेष रूप से पसंद आयेगा। विजय वर्मा का काम भी अच्छा रहा। अन्य सभी कलाकार सामान्य रहे। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक प्रभावी है। अगर आपको क्राइम-ड्रामा टाइप की फिल्में पसंद हैं और समय हो तो एक बार इस फिल्म को देखा जा सकता है।
कलाकार- नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, नीरज काबी, तनिष्ठा चटर्जी, गीतांजलि थापा, श्रुति बाप्ना, विजय वर्मा और निर्देशक अमित कुमार।
- प्रीटी
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