महिलाओं की माहवारी से जुड़े मुद्दे पर जागरूक करती है ''पैडमैन''
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''पैडमैन'' भारतीय समाज में रूढ़िवादी सोच को नकारती है और महिलाओं की माहवारी से जुड़े मुद्दे को सशक्त तरीके से समाज के सामने रखती है।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'पैडमैन' भारतीय समाज में रूढ़िवादी सोच को नकारती है और महिलाओं की माहवारी से जुड़े मुद्दे को सशक्त तरीके से समाज के सामने रखती है। फिल्म दर्शाती है कि किस तरह आज भी देश में मेंस्ट्रुअल हाइजीन का मुद्दा गंभीर है और लोग इस पर बात करने से भी कतराते हैं। देश के कुछ ग्रामीण इलाकों में तो महिलाओं को इस दौरान घर से बाहर तक रहना पड़ जाता है। माहवारी के दौरान महिलाओं को अपवित्र मान लेने की परम्परा देश के अनेक भागों में आज भी देखी जाती है और इस दौरान उन्हें मंदिर जाने या भगवान की मूर्ति को छूने की सख्त मनाही रहती है। अक्षय कुमार इससे पहले फिल्म 'टॉयलेट-एक प्रेम कथा' बनाकर समाज को आइना दिखा चुके हैं और अब उनकी यह नयी फिल्म उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिला सकती है।
कहानी पूरी तरह लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) और उसकी पत्नी गायत्री (राधिका आप्टे) के इर्दगिर्द घूमती है। शादी के बाद जब लक्ष्मीकांत देखता है कि उसकी पत्नी पीरियड्स के दौरान गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती है तो वह विचलित हो जाता है। घर की परम्परा को देखते हुए उसकी पत्नी को इस दौरान 5 दिन तक घर से बाहर भी रहना पड़ता है। जब वह डॉक्टर से इस बारे में चर्चा करता है तो उसे देश में महिलाओं की स्थिति का पता चलता है। वह यह जानकर हैरान हो जाता है कि माहवारी के दौरान महिलाएं गंदे कपड़ों के अलावा राख और छाल तक का इस्तेमाल करती हैं। वह निर्णय लेता है कि महिलाओं को इस समस्या से निपटने में मदद करेगा ताकि वह बीमारियों की चपेट में आने से बच सकें। वह खुद सैनिटरी पैड बनाने का निर्णय लेता है तो उसकी पत्नी सहित अन्य लोग उसका विरोध करते हैं। वह अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए परिवार को ही छोड़ देता है। उसकी मुलाकात दिल्ली की एक एमबीए की छात्रा परी (सोनम कपूर) से होती है जो इस लक्ष्य का पूरा करने में उसका साथ देती है।
अभिनय के मामले में अक्षय कुमार का जवाब नहीं। उन्होंने गजब का काम किया है। इस फिल्म के बाद महिलाओं की नजर में अक्षय और चढ़ जाएंगे। राधिका आप्टे भी शानदार अदाकारा हैं। सोनम कपूर भी अपने रोल में प्रभावी रहीं। फिल्म के अन्य कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है। गीत-संगीत प्रभावी है और आजकल इसके गाने काफी सुने जा रहे हैं। फिल्म का दूसरा भाग ज्यादा प्रभावी बन पड़ा है। निर्देशक आर. बाल्की को एक उद्देश्यपूर्ण फिल्म बनाने के लिए बधाई।
कलाकार- अक्षय कुमार, राधिका आप्टे, सोनम कपूर और निर्देशक- आर. बाल्की।
प्रीटी
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