काहानी कमजोर लेकिन भरपूर हॉलीवुड थ्रीलर है जुरासिक वर्ल्ड- फॉलेन किंगडम''
जुरासिक पार्क की पहली फिल्म 1993 में बनी थी जिसके बाद इस फिल्म ने ग्राफिक्स फिल्म की क्रांति ला दी। सन् 2015 में फिर एक बार डायनासोर पर आधारित एक फिल्म आई
फिल्म : जुरासिक वर्ल्ड- फॉलेन किंगडम'
डायरेक्टर: जेए बायोना
स्टार कास्ट: ब्राइस डलास हावर्ड , क्रिस प्रैट,जेफ गोल्डबम, बी डी वांग, टाबी जोंस, जेम्स क्रामवेल
अवधि: 2 घंटा 8 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: दक्षिण दिल्ली के अनुपम PVR सिनेमा की ऑडियंस के अनुसार 4 स्टार
जुरासिक पार्क की पहली फिल्म 1993 में बनी थी जिसके बाद इस फिल्म ने ग्राफिक्स फिल्म की क्रांति ला दी। सन् 2015 में फिर एक बार डायनासोर पर आधारित एक फिल्म आई, जिसने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और ब्लॉकबस्टर फिल्म कहलाई। और अब उसी थीम पर 7 जून को 2018 में बनी फिल्म जुरासिक वर्ल्ड- फॉलेन किंगडम' बनकर सामने आई है, जिसे मॉन्स्टर कॉल्स और द ऑर्फ़नेज जैसी फिल्में बना चुके जेए बायोना ने डायरेक्ट किया है।
कहानी
फिल्म की शुरुआत काफी दिलचस्प ढंग से होती है। डाइनोसॉर इस्ला नुबलार के पार्क में रहते हैं लेकिन वह ज्वालामुखी की वजह से जल्द नष्ट होने वाला है। अमेरिकी की सरकार भी डाइनोसॉर को बचाने से पल्ला झाड़ लेती है और मानवता की भलाई के लिए वे डाइनोसॉर को उनके हालात पर छोड़ देती है। ब्राइस डलास जानवरों के अधिकार के लिए काम करती हैं और जुरासिक पार्क के क्रिएटर के दोस्त रह चुका शख्स उसे मिलने के लिए बुलाता है और डाइनोसॉर को विलुप्त होने से बचाने का आग्रह करता है। वह डाइनोसॉर को सुरक्षित जगह पर दुनिया की नजरों से बचाकर रखना चाहता है।
क्यों देखे फिल्म
निर्देशक इस फिल्म में ग्राफिक्स से जबरदस्त रोमांच पैदा किया हैं। आप खुद को इन जीवों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और हॉल में कई लोगों की आँखों में आँसू दिखे जब एक प्यारे डायनो की मौत होती है। इस फिल्म का थ्रिल वाकई आपको चौंकाता है और आप पहली बार फिल्म देखने के बाद दोबारा इसे देखना चाहेंगे क्योंकि पहली नज़र में आप समझ ही नहीं पाएंगे कि डायनो कहां से आया था।
फिल्म की परफॉर्मेंस लाजवाब हैं लेकिन फिल्म के असली हीरो विज़ुअल टीम और सिनेमैटोग्राफर ऑस्कर फॉरा हैं। हालांकि इस फिल्म की कहानी बार बार आपको पिछली फिल्म की याद दिलाती है और एक फैन को इस बात से परेशानी हो सकती है कि ये फिल्म कहानी के तौर पर एक कॉपी है। फिल्म के डॉयलॉग भी कमज़ोर हैं लेकिन पहली फिल्म में दिखे डॉक्टर इयन की वापसी दमदार है। पर इस सबके बाद ये फिल्म मिस नहीं की जानी चाहिए।
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