सरकार 3 में भव्यता पर ज्यादा ध्यान, कहानी में दम नहीं

प्रीटी । May 15 2017 2:36PM

अमिताभ बच्चन की उपस्थिति वाली फिल्म भी यदि दर्शकों को निराश करे तो इसमें ज्यादा खामी निर्देशक और पटकथा लेखक की ही मानी जायेगी।

इस सप्ताह प्रदर्शित 'सरकार-3' में ड्रामा इतना ज्यादा हो गया है कि कहानी उसके पीछे दबकर रह गयी है। किसी भी फिल्म की सफलता के बाद जब उसका अगला भाग बनाया जाता है तो निर्देशक से काफी अपेक्षाएं जुड़ जाती हैं लेकिन इन्हीं अपेक्षाओं के भारी बोझ के चलते गलतियों की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। यही रामगोपाल वर्मा के साथ भी हुआ है। अमिताभ बच्चन की उपस्थिति वाली फिल्म भी यदि दर्शकों को निराश करे तो इसमें ज्यादा खामी निर्देशक और पटकथा लेखक की ही मानी जायेगी।

फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि महाराष्ट्र के एक बड़े राजनीतिक परिवार का प्रमुख सुभाष नागरे या सरकार (अमिताभ बच्चन) का लोहा आज भी लोग मानते हैं। इस फिल्म में सरकार के साथ उनके पोते शिवाजी नागरे (अमित साध) नज़र आ रहे हैं, जो कि अपने दादा से जितना प्यार करता है, उतनी ही नफरत भी। पिछली फिल्म में अपने दोनों बेटों विष्णु (के.के. मेनन) और शंकर (अभिषेक बच्चन) को खोने के बाद उनकी उम्र तो बढ़ी नज़र आ रही है, लेकिन स्वभाव में आज भी वह उतने ही सख्त दिख रहे। अब वह कई चीजों से खुद को अलग कर चुके हैं, क्योंकि उनका काम उनके दोनों सहयोगी गोकुल (रॉनित) और रमन (पराग) देखते हैं। उनकी पत्नी पुष्पा (सुप्रिया) बीमार हैं और वह पूरी तरह उनकी देखभाल में लगे रहते हैं। कहानी सरकार के पोते शिवाजी उर्फ चीकू की एंट्री के साथ आगे बढ़ती है। उसे गोकुल में उन गद्दारों के बारे में पता लग जाता है, जो गुपचुप तरीके से डॉन बनने की तैयारी में है। यहां तक कि सत्ता के संघर्ष के लिए नागरे की चारदीवारी के बाहर भी गोविंद देशपांडे (मनोज बाजपेयी), सत्ता का भूखा और नेता बनने की इच्छा रखने वाले दुबई बेस्ड बिज़नसमैन माइकल (जैकी) और गांधी (बजरंगबली) जैसे लोग सरकार को बर्बाद करने के लिए तरह-तरह की चालें चलते हैं।

अभिनय के मामले में अमिताभ बच्चन प्रभावी रहे और अपनी भूमिका में जमे भी हैं। रॉनित रॉय का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। अमित साध, जैकी श्रॉफ, रॉनित रॉय, यामी गौतम, मनोज बाजपेयी अपनी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय करने में सफल रहे। फिल्म की कहानी में साजिशें चलती रहती हैं लेकिन दर्शक बड़ी आसानी से सभी का अंदाजा लगा लेते हैं और यही कहानीकार की कमजोरी है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म की जान है। निर्देशक के तौर पर रामगोपाल वर्मा ने फिल्म को भव्यता प्रदान करने में ही सारी मेहनत लगा दी है।

कलाकार- अमिताभ बच्चन, अमित साध, जैकी श्रॉफ, रॉनिट रॉय, यामी गौतम, मनोज बाजपेयी और निर्देशक- राम गोपाल वर्मा।

प्रीटी

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