प्रधानमंत्री के जीवन के संघर्ष को जानना चाहते हैं तो देखें विवेक ओबेरॉय की ''पीएम नरेंद्र मोदी''
विवेक ओबेरॉय की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार विवेक ओबेरॉय निभा रहे हैं। विवादों को झेलकर आई इस फिल्म को देखने का अगर आप मन बना रहे है तो यहां रिव्यू पढ़ कर जान ले कैसी है फिल्म-
साल 2019 लगते ही ये हलचल तेज हो गई थी कि अब की बार किसकी सरकार? लेकिन 23 मई 2019 को यह तय हो गया की कि फिर एक बार मोदी सरकार। भारत का जनादेश आया कि नरेंद्र मोदी को ही वो फिर से भारत का प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। रिजल्ट आने के एक महीने पहले ही जब देश भर में चुनावी दंगल चल रहा था तक इसी दंगल में एक फिल्म को लेकर भी काफी चर्चा हो रही थी। वो फिल्म विवेक ओबेरॉय की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक थी। विवेक ओबेरॉय की फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' को लेकर खूब विवाद हुआ। ये फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज होनी थी लेकिन चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज डेट को टाल दिया। फिल्म के निर्माताओं ने कानून का सहारा लिया लेकिन तब भी कुछ हाथ नहीं लगा। 'पीएम नरेंद्र मोदी' के नाम पर भी चुनाव आयोग और कोर्ट ने एक नहीं सुनी। रिलीज डेट को टाल किया। फिल्म की रिलीज डेट के लिए नई डेट निर्धारित हुई वो थी 24 मई, यानि चुनावी नतीजे आने का अगला दिन। विवेक ओबेरॉय की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार विवेक ओबेरॉय निभा रहे हैं। विवादों को झेलकर आई इस फिल्म को देखने का अगर आप मन बना रहे है तो यहां रिव्यू पढ़ कर जान ले कैसी है फिल्म-
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फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी की शुरूआत होती हो 2014 के लोकसभा चुनावों के समय से जहां पैनल पर चर्चा हो रही होती है। इस सीन को देख कर आपनी आंखों के आगे एक राजनीतिक दुनिया का भ्रम बन जाता है। यहीं से शुरू हो जाती है पीएम नरेंद्र मोदी के राजनैतिक सफर की शुरूआत। फिल्म में पीएम नरेंद्र मोदी के बचपन को भी दिखाया गया है। कैसे 1950 के दौर से वो 2014 तक पहुंचे। दुनिया में मोदी-मोदी का डंका कैसे बजा। नरेंद्र मोदी के संघर्ष को दिखाया कि कैसे वह मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने।
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एक्टिंग
फिल्म की शुरूआत में विवेक ओबेरॉय को देख कर ऐसा लगता है कि इस रोल में विवेक ओबेरॉय को आखिर क्यों लिया गया। लेकिन जैसे फिल्म थोड़ा आगे बढ़ती है तो पीएम नरेंद्र मोदी के किरदार में विवेक ओबेरॉय रम से गये। फिल्म के लिए विवेक ओबेरॉय ने काफी मेहनत की है। विवेक ओबेरॉय के लुक को हूबहू नरेंद्र मोदी का लुक दिया गया है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है फिल्म को देखते वक्त आप भूल जाएंगे की रियल पीएम कौन हैं। विवेक ओबेरॉय ने पीएम नरेंद्र मोदी को काफी ढंग से ऑबजर्व किया हैं। विवेक ने पीएम के हाव-भाव को पूरी तरह से अपनाया है। विवेक ने जिस तरह पीए की स्पीच देने का स्टाइल कॉपी किया हैं वो काबिले तारिफ हैं। फिल्म में आलोक नाथ, मनोज जोशी, जरीना वाहब, सुरेश ओबेरॉय और बोमन इरानी का भी अहम रोल है इन सभी ने अपने किरदार के साथ न्याय किया हैं।
रिव्यू
फिल्म को एक लाइन में अगर रिव्यू दिया जाए तो फिल्म अच्छी हैं। भारत के प्रधानमंत्री के जीवन के संघर्ष को बारिकी से दिखाया हैं। अगर आप पीएम मोदी के जीनव को देखना चाहते है तो फिल्म में काफी खूबसूरत ढंग से दिखाया गया हैं। फिल्म में 1950 से लेकर 2014 तक का सफर दिखाया है कि कैसे पीएम मोदी के पिता की एक छोटी सी दुकान थीं, मां लोगों के घर पर बर्तन मांजती थी। कब पीएम मोदी ने चाय बेची और कैसे गुजरात की गद्दी पर बैठ कर किये गये कामों ने 2014 में मोदी लहर बना दी। फिल्म को सत्य घटनाओं से प्रेरित बताया गया है, लेकिन विवादों से बचने के लिए शुरुआत में लंबा-चौड़ा डिस्क्लेमर दिया गया है।
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