Movie Review- फिल्म ''स्त्री'' में मिलेगा हॉरर के साथ कॉमिडी का तड़का
हर हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर कई फिल्में रिलीज होती हैं। कुछ अपने शानदार प्रदर्शन के साथ बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर जाती हैं, तो कुछ टाय-टाय फिस हो जाती हैं।
हर हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर कई फिल्में रिलीज होती हैं। कुछ अपने शानदार प्रदर्शन के साथ बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर जाती हैं, तो कुछ टाय-टाय फिस हो जाती हैं। इस शुक्रवार भी बॉक्स ऑफिस पर एक साथ दो फिल्में रिलीज होने जा रही हैं। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री और धर्मेंद्र, बॉबी देओल और सनी देओल की 'यमला, पगला, दीवाना फिर से' साथ में रिलीज हो रही हैं। आज हम बात करते है फिल्म 'स्त्री' की।
फिल्म 'स्त्री' की कहानी
भूत-प्रेत, अत्माओं पर यूं तो आजकल के मॉडर्न जामाने में यकीन नहीं होता हैं। लेकिन कई बार कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती है हमारी आंखों के सामने तो फिर न चाहते हुए भी विश्वास करना पड़ता। कुछ इसी तर्ज पर आधारित है फिल्म 'स्त्री' की कहानी। फिल्म की कहानी की भूतनी एक 'स्त्री' वो खास त्योहार के दौरान गांव में आती है। वो हर घर के दरवाजे पर शाम को दस्तक देती है और घर के मर्दो का नाम लेकर बुलाती हैं अगर कोई पुरुष दरवाजा खोल देता है, तो वह उसे अपने साथ ले जाती है। उससे बचने के लिए लोग अपने घर के बाहर स्त्री कल आना लिख देते हैं, जिसे पढ़कर वह लौट जाती है और यह सिलसिला रोजाना चलता रहता है।
डायरेक्टर ने हॉरर के साथ कॉमिडी का भी तड़का लगाया हैं
फिल्म 'स्त्री' के बारे में कहा जा रहा है कि ये एक सच घटना से प्रेरित है। फिल्म को बेहतर बनाने के लिए डायरेक्टर अमर कौशिक ने हॉरर के साथ कॉमिडी का भी तड़का लगा दिया है। फिल्म की शूटिंग भोपाल के एक गांव में हुई है, जहां ऐसी घटनाओं के बारे में सुनने में आता रहता है। फिल्म में विक्की (राजकुमार राव) एक टेलर है। एक दिन उसकी मुलाकात स्त्री (श्रद्धा कपूर) से होती है। विक्की और उसका दोस्त बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) मिलकर स्त्री को पटाने की हर कोशिश करते हैं, लेकिन जब उन्हें स्त्री की अजीब हरकतों के चलते उस पर शक होता है, तो वे रुद्रा (पंकज त्रिपाठी) की शरण में जाते हैं, जो उन्हें स्त्री की सच्चाई से परिचित कराता है।
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