जबरिया जोड़ी ने उठाया ''पकड़वा विवाह'' जैसा गंभीर मुद्दा लेकिन कहानी के कर दिया बंटाधार

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रेनू तिवारी । Aug 14 2019 5:12PM

बिहार में लड़के की शादी में लाखों का दहेज लेने का रिवाज है। लड़की वाले लड़के को दहेज देने के लिए बोली लगाते हैं और लड़के वाले मुंह फांड कर अपना लड़के का रेट बढ़ाते हैं।

समझ नहीं आ रहा है ये बॉलीवुड को हो क्या गया है। हर हफ्ते थोक के भाव में हिंदी फिल्में रिलीज होती हैं लेकिन देखने लायक बेहद कम। इसी तरह अगर बॉलीवुड की फिल्मों का स्तर गिरता रहा तो एक दिन कोई भी बाहुबली आकर इसे संभाल नहीं पाएगा। अब बात कर लेते है फिल्म जबरिया जोड़ी की। आगे पढ़ने से पहले ध्यान रख ले ये नाम ही केवल जबर है काम फिल्म में नाकारा है। फिल्म जबरिया जोड़ी का निर्देशन प्रशांत सिंह ने किया है। जनाब अच्छे डायरेक्टर है लेकिन इस फिल्म में वो सारे गुण अपने घर रख कर ही शूट पर आते थे। खैर बहुत हो गई बुराई अब थोड़ी अच्छी बात भी कर लेते हैं... सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की फिल्म जबरिया जोड़ी में बात काफी जबरदस्त मुद्दे पर की गई है। 

फिल्म की कहानी का आधार

बिहार में लड़के की शादी में लाखों का दहेज लेने का रिवाज है। लड़की वाले लड़के को दहेज देने के लिए बोली लगाते हैं और लड़के वाले मुंह फांड कर अपना लड़के का रेट बढ़ाते हैं। ये प्रथा तो मुझे समझ नहीं आती लगता हैं बिहार में दहेज लेने वाले लोग बचपन में लड़के को इस लिए पालते-पोसते हैं ताकि लड़के को बड़ा करके उसकी बोली लगा कर बेच सके। दहेज लेना कानून जुर्म होने के बावजूद बिहार में रिवाज के नाम पर धड़ल्ले से लड़कों की शादी में दहेज लिया जाता हैं। अमीर लड़की वाले तो लड़के का हाई रेट लगा कर लड़का खरीद लिया करते थे लेकिन गरीब हमेशा की तरह यहां भी मात खाता है। गरीब घर की काबिल लड़की से कोई इस लिए भी शादी नहीं कर सकता क्योंकि उनके पास दहेज देनें के लिए पैसे नहीं होते हैं।

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गरीब लड़कियों के लिए काबिल लड़के ढूंढ़ने का काम वहां पर पकड़वा गैंग करता है। वह अमीर और काबिल लड़कों को अगवा करके उनकी शादी गरीब लड़कियों से जबरन करवा देता है। इस मुद्दे पर प्रशांत सिंह ने फिल्म बनाई है। जिसमें पकड़वा गैंग को अभय सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) चलाता है। ये सीख अभय ने अपने पिता से ली है। बबली यादव (परिणीति चोपड़ा) अभय का प्रेमिका होती है लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन एक दोस्त की शादी में इन दोनों की मुलाकात फिर होती हैं और फिर आशिकी परवान चढ़ती है। अभय बाबू सबका घर जबरदस्ती बसाते हैं, लेकिन अपनी बारी में डर जाते हैं। मुद्दा गंभीर लेकिन लव का बेकार सा एंगल डाल कर पूरी कहानी को बर्बाद कर दिया गया है। कुछ अच्छे कलाकारों का अभिनय देखने के लिए आप फिल्म देख सकते हैं वरना पैसा खराब न करें। 

जबरिया जोड़ी रिव्यू

फिल्म के डायरेक्टर ने तो अच्छा काम नहीं किया लेकिन कास्ट ने फिल्म को बार्बाद करने में पूरा साथ दिया है। परिणीति चोपड़ा अच्छी एक्ट्रेस है लेकिन न जाने फिल्म में वह किस दबाव में काम कर रही हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने बड़ी मेहनत की है बिहारी बोलने में लेकिन वह बिलकुल भी बिहार के नहीं लग रहे है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की एक्टिंग भी किसी जुल्म से कम नहीं है। हां, बीच-बीच में संजय मिश्रा, जावेद जाफरी और अपारशक्ति खुराना आते हैं और आपका अच्छा फील करवाते हैं। फिल्म के पंच और जोक अच्छे थे हालांकि वो इस फिल्म की बची नहीं सके।

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