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सर्दी−जुकाम से लेकर कमर दर्द, हर तरह की परेशानियों को दूर करता है अदरक
- मिताली जैन
- सितंबर 1, 2018 15:55
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अदरक हर घर में पाई जाने वाली एक बेहतरीन औषधि है। सुबह की चाय से लेकर रात की सब्जी तक में लोग अदरक का प्रयोग करते हैं। वहीं कई छोटी−मोटी स्वास्थ्य परेशानियां होने पर भी अदरक का प्रयोग लोग बतौर घरेलू नुस्खों के रूप में करते हैं।
अदरक हर घर में पाई जाने वाली एक बेहतरीन औषधि है। सुबह की चाय से लेकर रात की सब्जी तक में लोग अदरक का प्रयोग करते हैं। वहीं कई छोटी−मोटी स्वास्थ्य परेशानियां होने पर भी अदरक का प्रयोग लोग बतौर घरेलू नुस्खों के रूप में करते हैं। इससे पैसों की बचत तो होती है ही, साथ ही शरीर पर किसी तरह का साइडइफेक्ट नहीं होता। तो चलिए जानते हैं अदरक के कुछ बेजोड़ घरेलू नुस्खों के बारे में−
अपच की समस्या
अगर आपको भोजन के डाइजेशन में परेशानी हो रही है तो आप अदरक का सेवन करें। इसके लिए अदरक के रस को नींबू के रस में मिलाकर गर्म पानी के साथ भोजन के पश्चात लें। इससे आपको भोजन के डाइजेशन में आसानी होगी। वैसे अदरक अपच के अतिरिक्त पेट संबंधी अन्य परेशानियों को भी दूर करता है। इसके लिए आप भोजन से पहले अदरक के ऊपर नमक छिड़क इसका सेवन करें। ऐसा करने से आपके मुंह में लार बढ़ती है जो पेट की सभी समस्याओं से बचाव करने में सक्षम करता है। वहीं अगर आपको पेट फूलने या पेट की गैस को कम करना है, तो आप भोजन के कुछ देर बाद अदरक की चाय पीएं।
खांसी−जुकाम
खांसी−जुकाम को दूर करने में अदरक से बेहतर दूसरा कोई उपाय हो ही नहीं सकता। इसके लिए अदरक का रस निकालकर उसे शहद में मिलाकर सेवन करें। इससे गले की खराश, खांसी व जुकाम से आराम मिलेगा। वहीं अगर आपको खांसी के साथ बलगम की भी समस्या है तो आप दूध में अदरक उबालें और रात को सोने से पहले इस गरमा−गरम दूध का सेवन करें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से आप पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। बस अदरक का दूध पीने के बाद पानी पीने से परहेज करें।
दर्द से आराम
अदरक में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो बॉडी पेन को कम करने में मददगार होता है। अगर आपको अक्सर कमर व पीठ में दर्द की शिकायत रहती है तो आप अदरक व गुड़ को मट्ठे में मिलाकर पीएं।
हिचकी होगी गायब
जब किसी को लगातार काफी देर तक हिचकी आती है तो व्यक्ति खुद को काफी असहज महसूस करता है। इस परेशानी को प्राकृतिक तरीके से दूर करने के लिए अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसें। कुछ देर में आपकी हिचकी बंद हो जाएगी।
अगर नहीं लगती भूख
कुछ लोगों को भूख न लगने की शिकायत होती है और पोषक तत्वों के अभाव में उन्हें कई प्रकार की परेशानियां हो जाती हैं। अगर आपका नाम भी ऐसे ही लोगों की लिस्ट में शुमार है तो आप अदरक को काटकर उस पर नमक लगाइए व लगातार एक सप्ताह तक दिन में एक बार इसका सेवन कीजिए। यह नुस्खा आपका पेट साफ करता है, जिससे व्यक्ति की भूख खुलती है।
-मिताली जैन
लिवर के लिए फायदेमंद है इन चीजों का सेवन, डाइट में जरूर करें शामिल
- मिताली जैन
- जनवरी 16, 2021 16:22
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कॉफी का सेवन करना आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है। कॉफी लीवर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाती है, जबकि सूजन को कम करती है। यह यकृत रोग, कैंसर और फैटी लीवर के विकास के जोखिम को भी कम करता है।
लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह विभिन्न प्रकार के आवश्यक कार्य करता है, जिसमें प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के निर्माण से लेकर विटामिन, खनिज और यहां तक कि कार्बोहाइड्रेट भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन को तोड़ने में भी मदद करता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए अपने लिवर का भी उतना ही ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने आहार पर ध्यान देना होगा। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इसलिए आपको इन्हें अपनी डाइट में जगह देनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में−
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कॉफी
डायटीशियन बताते हैं कि कॉफी का सेवन करना आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है। कॉफी लीवर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाती है, जबकि सूजन को कम करती है। यह यकृत रोग, कैंसर और फैटी लीवर के विकास के जोखिम को भी कम करता है। हालांकि आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसमें कैफीन होता है।
चकोतरा
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, चकोतरा भी आपके लिवर को लाभ पहुंचाता है। चकोतरा में एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करके और इसके सुरक्षात्मक तंत्र को बढ़ाकर लिवर की रक्षा करते हैं। वैसे चकोतरे के अलावा अंगूर का सेवन करना भी लिवर के लिए काफी अच्छा माना गया है।
चुकंदर का जूस
सर्दियों में चुकंदर के जूस को सेहत का साथी माना गया है। इससे आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह लिवर के लिए भी बेहद फायदेमंद है। चुकंदर का जूस लीवर को ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन से बचाता है, और इसके प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइम को बढ़ाता है।
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जैतून का तेल
अध्ययनों से पता चलता है कि जैतून के तेल का सेवन जिगर में वसा के स्तर को कम करता है, रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और लिवर एंजाइम के स्तर में सुधार करता है। ऐसे में आप इसे अपने सलाद से लेकर खाने तक में शामिल करके अपनी लिवर हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।
ओट्स
डायटीशियन कहते हैं कि लिवर को हेल्दी बनाए रखने के लिए ओट्स को भी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर आपके लिवर के लिए लाभकारी है। वैसे, शोध से पता चलता है कि यह आपको कुछ अतिरिक्त पाउंड और पेट की चर्बी कम करने में मदद कर सकता है, जो यकृत की बीमारी को दूर रखने का एक अच्छा तरीका है।
मिताली जैन
मीठी तुलसी से मिलते हैं यह गजब के फायदे, जानकर दंग रह जाएंगे आप
- मिताली जैन
- जनवरी 15, 2021 14:54
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स्टीविया यानि मीठी तुलसी आपके शरीर की रोग−प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है और ऐसा इसमें मौजूद एंटी−ऑक्सीडेंट्स के कारण होता है। गौरतलब है कि स्टीविया में फलेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेन्स, कैफीनोल, कैफिक एसिड और क्वेरसेटिन जैसे कई एंटी−ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।
तुलसी के औषधीय गुणों के बारे में तो आपने यकीनन सुना ही होगा। आमतौर पर लोग घरों में तुलसी का पौधा लगाकर ना सिर्फ उसका सेवन करते हैं, बल्कि उसकी पूजा भी करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी मीठी तुलसी और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में सुना है। स्टीविया जिसे मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है, इसका स्वाद चीनी से भी 300 गुना मीठा होता है और यह सेहत के लिए भी उतनी ही गुणकारी है। स्टीविया वास्तव में सूरजमुखी परिवार के लगभग 240 प्रजातियों में पाया जाने वाला एक जीनस है, जो मुख्य रूप से अमेरिका के अलग−अलग भागों में पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इससे मिलने वाले कुछ बेमिसाल लाभ−
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मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका इस्तेमाल सालों से एक स्वीटनर के रूप में किया जाता रहा है। वैसे यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद ही लाभकारी है। ग्लूकोज रक्त पर स्टीविया का प्रभाव नग.य होता है, यहां तक कि ग्लूकोज सहनशीलता को यह बढ़ाता है, इसलिए, यह नेचुरल स्वीटनर के रूप में मधुमेह रोगियों और कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित आहार पर रहने वाले अन्य लोगों के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है।
बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता
हेल्थ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि स्टीविया यानि मीठी तुलसी आपके शरीर की रोग−प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है और ऐसा इसमें मौजूद एंटी−ऑक्सीडेंट्स के कारण होता है। गौरतलब है कि स्टीविया में फलेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेन्स, कैफीनोल, कैफिक एसिड और क्वेरसेटिन जैसे कई एंटी−ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
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कम करें वजन
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आप अपना वजन नेचुरली कम करना चाहते हैं तो ऐसे में स्टीविया को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। दरअसल, यह एक नेचुरल स्वीटनर है, जिसके कारण इसे प्रोसेस्ड नहीं किया जाता। रिसर्च से भी यह साबित हुआ है कि स्टीविया में मिठास चीनी से कहीं ज्यादा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है। ऐसे में अगर आप अपने स्वाद से समझौता किए बिना वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो मीठी तुलसी यकीनन इसमें आपकी मदद करेगी।
मिताली जैन
पेट की गंभीर बीमारी कोलाइटिस होने पर नजर आते हैं यह लक्षण, जानिए कैसे करें इससे अपना बचाव
- मिताली जैन
- जनवरी 14, 2021 13:27
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कोलाइटिस होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि यह आपकी स्थिति और कोलाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। वैसे अगर इसके आम लक्षणों की बात की जाए तो इसमें तेज दर्द, डिप्रेशन, तेजी से वजन कम होना, जोड़ों में दर्द और भूख में कमी है।
कोलाइटिस एक क्रॉनिक डाइजेस्टिव स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें कोलोन की इनर लाइनिंग में सूजन होती है। कोलाइटिस के कई कारण हैं जिनमें संक्रमण, सूजन आंत्र रो, इस्केमिक कोलाइटिस, एलर्जी प्रतिक्रियाएं और सूक्ष्म कोलाइटिस शामिल है। यह आपके पेट के दर्द, ब्लोटिंग व डायरिया से भी जुड़ा हो सकता है। इसके लक्षणों पर ध्यान देकर समय रहते उपचार किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए मेडिकल हेल्प लेने के अलावा आप कुछ छोटी−छोटी बातों का ध्यान रखकर स्थित किो बेहद आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको इसके लक्षणों व इससे बचाव के कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं−
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पहचानें लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि कोलाइटिस होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि यह आपकी स्थिति और कोलाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। वैसे अगर इसके आम लक्षणों की बात की जाए तो इसमें तेज दर्द, डिप्रेशन, तेजी से वजन कम होना, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, थकान, बुखार, बृहदान्त्र ऊतक की सूजन, कोलोन की सतह पर लालिमा, कोलोन में अल्सर, मल में ब्लड आना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में गैस, ब्लोटिंग, अपच, हार्टबर्न, गैस्ट्रो एसोफैगल रिफ्लक्स रोग, ऐंठन, आदि शामिल हैं। कोलाइटिस की पहचान के लिए बृहदान्त्र का एक्स−रे, सिग्मायोडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी के लिए मल का परीक्षण आदि किया जाता है।
यूं करें बचाव
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि जिन लोगों को यह समस्या होती है, उन्हें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई तरह के खाद्य पदार्थ इस समस्या को टि्रगर करते हैं। इसलिए आपको शराब, कैफीन, कार्बोनेटेड शीतल पेय, सूखे सेम, मटर, फलियां, सूखे फल या जामुन, गूदे या बीज वाले फल, गर्म सॉस और मसालेदार भोजन, मीट, पॉपकॉर्न, रिफाइंड चीनी आदि से दूरी बनानी चाहिए।
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कुछ हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि स्वच्छता में ही रोकथाम निहित है। स्वच्छ पेयजल की कमी और पर्याप्त स्वच्छता मुख्य कारण हैं, जिसके कारण यह समस्या अधिक लोगों को अपनी जद में ले रही है। ऐसे में पर्सनल हाईजीन से लेकर किचन हाईजीन पर फोकस करके इस समस्या से काफी हद तक बचाव संभव है।
मिताली जैन

