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बच्चों में विटामिन D की कमी को करें दूर, जरूर खिलाएं ये आहार
- मिताली जैन
- फरवरी 20, 2021 13:55
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हडि्डयों, दांतों व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स जैसी हड्डियों की विकृति हो सकती है।
बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शरीर में सही मात्रा में पोषक तत्वों का होना बेहद आवश्यक है। इनमें कई तरह के विटामिन्स व मिनरल्स शामिल है। अन्य विटामिन की तरह ही विटामिन डी भी बच्चे के लिए उतना ही जरूरी है। हडि्डयों, दांतों व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स जैसी हड्डियों की विकृति हो सकती है। इतना ही नहीं, विटामिन डी की कमी से बच्चे को अधिक चिड़चिड़ापन होता है व उसे अधिक गुस्सा आता है। वैसे तो विटामिन डी का सबसे अच्छा व नेचुरल स्त्रोत सूरज की किरणों को माना जाता है। लेकिन इसके अलावा आप कुछ फूड्स की मदद से उसके शरीर में विटामिन डी की कमी को दूर कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में−
मशरूम्स
मशरूम एकमात्र ऐसा प्लांट स्त्रोत है, जिसमें विटामिन डी की महत्वपूर्ण मात्रा होती है। न्यूटिशन एक्सपर्टके अनुसार, मशरूम में विटामिन डी −2 होता है, जबकि पशु उत्पादों में विटामिन डी −3 होता है। विटामिन डी −2 विटामिन डी −3 की तरह जैव−उपलब्धता नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी विटामिन डी का स्तर बढ़ा सकता है।
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फोर्टिफाइड सेरल्स
डायटिशियन बताते हैं कि कई ब्रेकफास्ट सेरल्स और ओटमील्स आदि विटामिन डी के साथ फोर्टिफाइड होते हैं। फोर्टिफाइड अनाज में विटामिन डी की मात्रा ब्रांडों के बीच भिन्न हो सकती है। आम तौर पर प्रति सर्विंग में 0.2 से 2.5 उबह विटामिन डी पाया जाता है।
सोया प्रॉडक्ट
डायटिशियन के अनुसार, टोफू और सोया चंक्स जैसे सोया उत्पाद विटामिन डी का एक स्वस्थ स्रोत हैं। ये उत्पाद एक सुपरमार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं। टोफू आपके लिए नया प्रॉडक्ट हो सकता है, लेकिन आप इसे अपने पनीर से स्विच कर सकते हैं।
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खाएं संतरे
वैसे तो बहुत से फलों में विटामिन डी कम ही पाया जाता है। लेकिन संतरा एक ऐसा फल है, जिससे आपको विटामिन डी मिल सकता है। इसलिए अपने बच्चों की डाइट में एक गिलास संतरे का जूस जरूर शामिल करें। यह बच्चे की विटामिन डी के साथ−साथ कैल्शियम व विटामिन सी आदि की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करेगा।
मिताली जैन
सर्दियों में धूप काफी नहीं, इन फूड्स से भरपूर लें विटामिन डी
- शैव्या शुक्ला
- जनवरी 20, 2021 18:57
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सूरज की रोशनी विटामिन डी के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक है। हालांकि, हम में से ज्यादातर अपने इनडोर नौकरियों की वजह से सूरज की रोशनी का ज्यादा लाभ नहीं उठा पाते हैं और इस तरह विटामिन डी की उचित मात्रा से वंचित रह जाते हैं।
विटामिन डी, जिसे 'सनशाइन विटामिन' के रूप में भी जाना जाता है, एक आवश्यक पोषक तत्व है, जिसे हमारे शरीर पर शक्तिशाली प्रभाव के लिए जाना जाता है। भारत जैसे देश में जहाँ पर प्रचुर मात्रा में धूप मौजूद रहती है, यह जानकर हैरानी होती है कि यहाँ आबादी का बड़ा हिस्सा विटामिन डी की कमी से पीड़ित है।
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फेट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के विनियमन और अवशोषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और हड्डियों और दांतों के विकास के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियों में, जोड़ों या पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि हो सकता है। अगर कमी ज्यादा हो जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और गठिया जैसी बिमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
हम सभी जानते हैं कि सूरज की रोशनी विटामिन डी के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक है। हालांकि, हम में से ज्यादातर अपने इनडोर नौकरियों की वजह से सूरज की रोशनी का ज्यादा लाभ नहीं उठा पाते हैं और इस तरह विटामिन डी की उचित मात्रा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो उनकी विटामिन डी की कमी को पूरा कर सके।
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आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में जिनमे प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाई जाती है-
1. काऊ मिल्क
गाय का दूध विटामिन डी और कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत है। विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ दैनिक आहार में एक गिलास गाय के दूध का सुझाव देते हैं, जो विटामिन डी की आपकी दैनिक आवश्यकता का 20% होता है।
2. दही
प्रोटीन में समृद्ध, योगर्ट भी विटामिन डी से भरपूर होते हैं। हालांकि, सुनिश्चित करें कि दही खरीदने से पहले आप लेबल अवश्य पढ़ लें क्योंकि मार्किट की दही के इन फोर्टीफाइड संस्करणों में से अधिकांश सुगंधित होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी चीनी सामग्री बहुत अधिक है। इसलिए, बाजार की दही पैकेट से बचने की कोशिश करें और घर पर तैयार की गई दही का ही सेवन करें।
3. ऑरेंज जूस
संतरे के रस में विटामिन डी और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। यह सबसे अच्छे फलों के रसों में से एक है, जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभकारी गुणों से भरपूर होता है। नाश्ते में एक गिलास ताजा संतरे का रस शामिल करना आपकी सुबह को किक-स्टार्ट करने का सबसे अच्छा तरीका है। ध्यान रहे कि हमेशा ताजे संतरे के जूस का विकल्प चुनें और स्टोर से खरीदे गए संतरे के रस को खरीदने से बचें।
4. मशरूम
चूंकि मशरूम सूरज की रोशनी में उगते हैं, इसलिए वे विटामिन डी से भरपूर होते हैं। इसके अलावा, मशरूम में विटामिन बी1, बी 2, बी 5और मैग्नेशियम जैसे गुण भी पाए जाते हैं। लेकिन सभी मशरूम में विटामिन डी की समान मात्रा नहीं होती है, यह उसके प्रकार और क्वॉलिटि पर निर्भर होता है। प्राकृतिक धूप में सूखने वाले मशरूम को चुनना हमेशा बेहतर होता है।
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5. अंडे की जर्दी
अंडे की जर्दी विटामिन डी का एक और समृद्ध स्रोत है। जर्दी अतिरिक्त कैलोरी और फैट के साथ आ सकती है, लेकिन इसमें प्रोटीन और अच्छे कार्ब्स सहित सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। सुनिश्चित करें कि आप एक दिन में एक से अधिक अंडे की जर्दी नहीं खाते हैं। एक आमलेट तैयार करें और स्वाद और पोषण मूल्य को बढ़ावा देने के लिए इसमें कुछ सब्जियां भी मिला सकते हैं।
6. मछली
अपने भोजन में अधिक मछली जैसे हेरिंग, मैकेरल, सैल्मन और टूना शामिल करें, क्योंकि वे विटामिन डी के भरपूर स्रोत हैं। विटामिन डी प्रदान करने के अलावा, ये कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से भी प्रचुर होते हैं।
- शैव्या शुक्ला
कहीं आपके शरीर में तो नहीं हो रही Vitamin D की कमी, आहार में शामिल करें यह चीजें!
- सिमरन सिंह
- अप्रैल 25, 2020 14:40
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धूप से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है। वहीं, धूप न मिलने के कारण आप अपने घर में विटामिन डी युक्त भोजन का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी से हड्डियां मजबूत होती हैं. आप चाहे तो दूध, अंडा या दही का सेवन कर सकते हैं, इससे आपको विटामिन डी प्राप्त होगा।
कोरोन वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण ज्यादातर लोग घर में रहने पर मजबूर है। ऐसे में ये खास ध्यान रखने की जरूरत है कि शरीर में किसी भी तरह से विटामिन और प्रोटीन की कमी न हो। एक सेहतमंद शरीर बनाए रखने के लिए कई तरह के विटामिन की जरूरत पड़ती है। जिनमें से एक विटामिन डी भी है। शरीर में विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए धूप को एक अच्छ स्त्रोत माना जाता है, लेकिन क्या आपको पाता है कि धूप में फास्फोट भी पाया जाता है, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
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हालांकि लॉकडाउन के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में बंद हैं, जिनमें से कुछ लोगों का वर्क फ्रॉम होम चल रहा हैं। अगर आप भी इनमें से एक है तो जाहिर सी बात है आपको धूप भी नहीं मिल पाती होगी। ऐसे में आपको क्या करना चाहिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं...
विटामिन D युक्त भोजन का करें सेवन
धूप से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है। वहीं, धूप न मिलने के कारण आप अपने घर में विटामिन डी युक्त भोजन का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी से हड्डियां मजबूत होती हैं. आप चाहे तो दूध, अंडा या दही का सेवन कर सकते हैं, इससे आपको विटामिन डी प्राप्त होगा।
रोजाना सुबह 1 घंटा धूप में बैठे
लॉकडाउन होने के कारण आप अपने घर से बाहर तो नहीं निकल सकते लेकिन अपने घर की छत या बालकनी पर जाकर धूप का आनंद उठ सकते हैं। सुबह के 7 से 8 बजे के करीब धूप जरूर सेकनी चाहिए, ये सेहत के लिए काफी अच्छी साबित होती है। आप चाहे तो खिड़की के पास आने वाली धूप के पास भी बैठ सकते हैं।
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विटामिन D के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं
विटामिन डी की पूर्ति के लिए आप चाहे तो इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं, लेकिन इसे अपनाने से पहले डॉक्टर से जरूर बात कर लें। डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें। हालांकि सप्लीमेंटरी से ज्यादा अच्छा है कि आप विटामिन डी युक्त भोजन का सेवन करें।
यह हैं विटामिन D की कमी के कुछ लक्षण
शरीर में विटामिन D की कमी के कई लक्षण होते है। जिनमें से प्रमुख लक्षण, हड्डियों में दर्द और थकान महसूस होना है। साथ ही शरीर के मांसपेसियों में लगातार दर्द होना, बाल झड़ना, तनाव में रहना, और चोट भरने में ज्यादा वक्त लगना भी विटामिन D में कमी के लक्षण होते हैं। विटामिन डी की कमी का प्रभाव सेरोटोनिन हार्मोन पर पड़ता है, जिससे मूड स्विंग जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा त्वचा में रूखापन होने की समस्या से भी विटामिन डी की कमी होती है। त्वचा का ख्याल रखने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है।
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क्या हैं विटामिन डी की कमी के कारण
यूं तो विटामिन डी की कमी का अहम कारण शरीर में धूप न लगना या कम लगना माना जाता है, लेकिन कई बार इसकी वजह अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसमें संतुलित भोजन न करना और जरूरी एक्सरसाइज न करना शामिल है, जिससे आपके शरीर में विटामिन डी की कमी होने की संभावना है। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना कम से कम 15 मिनट की धूप में लें।
- सिमरन सिंह
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- कंचन सिंह
- जनवरी 31, 2020 17:51
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विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए बहुत ज़रूरी है। यदि लगातार विटामिन डी की कमी बनी रही तो हड्डियां कमज़ोर होकर टूट सकती हैँ। इसक अलावा विटामिन डी की कमी से इन रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
हमारे देश में करी 70 से 80 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश लोगों को यह बात पता भी नहीं हैं, क्योंकि आमतौर पर बाकी विटामिन्स और मिनरल्स पर जितना ध्यान दिया जाता है विटामिन डी के बारे में लोगों को ज़्यादा जानकारी नहीं है, जबकि इसका स्रोत सबसे सस्ता है। जी हां, धूप विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत है बावजूद इसके इस विटामिन की कमी होना वाकई चिंताजनक है।
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चलिए आपको बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से होने वाले नुकसान और इसके स्रोत।
सबसे पहले तो यह जान लें कि शरीर में इस विटामिन की कमी का पता कैसे लगाया जाए। विटामिन डी की कमी होने पर आपको निम्न लक्षण दिखने लगेंगे-
हड्डियों में दर्द होना।
मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना।
थकान और कमजोरी।
ज़रुरत से ज़्यादा नींद आना।
डिप्रेशन में होने जैसा महसूस होना।
शरीर की तुलना में सिर से अधिक पसीना आना।
बार-बार इन्फेक्शन होना।
सांस लेने में दिक्कत होना, आदि।
विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए बहुत ज़रूरी है। यदि लगातार विटामिन डी की कमी बनी रही तो हड्डियां कमज़ोर होकर टूट सकती हैँ। इसक अलावा विटामिन डी की कमी से इन रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
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डायबिटीज
इस बीमारी की बड़ी वजह। वैसे मोटापे के साथ ही विटामिन डी की कमी भी बीमारी के लिए जिम्मेदार है। डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, यदि मोटापे और विटामिन डी की समस्या किसी व्यक्ति को एकसाथ है तो शरीर में इंसुलिन की मात्रा असंतुलित हो जाती है और इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में एनीमिया का खतरा
यदि खून में विटामिन डी का स्तर 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम है तो ऐसे में बच्चे को एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम स्तर वाले बच्चों को सामान्य विटामिन डी के स्तर वाले बच्चों की तुलना में दोगुना ज़्यादा खतरा होता है। इतना ही नहीं विटामिन डी की कमी का असर रेड ब्लड सेल के उत्पादन पर भी होता है।
ब्रेस्ट कैंसर
हाल ही हुई एक स्टडी के अनुसार विटामिन डी की कमी होने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्टडी के मुताबिक, विटामिन डी की कमी के साथ ही यदि मोटापा भी है तो ब्रेस्ड कैंसर का खतरा ज़्यादा होता है।
डिमेंशिया
एक नए अध्ययन के मुताबिक, विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया या मनोभ्रंश होने का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की अधिक कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की संभावना 122 प्रतिशत अधिक होती है।
विटामिन डी का बेहतरी स्रोत है धूप इसके अलावा डायट में कुछ खास चीज़ों को शामिल करके भी इसकी कमी दूर की जा सकती है।
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कॉड लिवर ऑयल- यह तेल कॉड मछली के जिगर से प्राप्त होता है और सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
मशरूम- मशरूम में विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है। सूखे शिटेक मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार स्रोत हैं। इनमें कम कैलोरी होती है और इन्हें जब चाहे खाया जा सकता है।
सूरजमुखी के बीज- इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में होता है।
मछली- विभिन्न प्रकार की मछली जैसे सालमन और ट्यूना 'विटामिन डी' के अच्छे स्रोत हैं।
दूध- विटामिन डी का यह भी एक बेहतरीन स्रोत है। हमें दिन भर में जितना विटामिन डी चाहिए होता है, उसका 20 फीसदी हिस्सा दूध पूरा कर देता है।
अंडों- प्रोटीन के साथ ही अंडे में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। हालांकि विटामिन डी ज्यादा अंडे की जर्दी में पाया जाता है। लेकिन फिर भी हमें इसे पूरा खाना चाहिए। अंडे का सफेद हिस्सा खाने से विटामिन डी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती।
- कंचन सिंह

