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डाइटिंग से नहीं, डिनर में दाल-चावल खाकर घटा सकते हैं वजन
- कंचन सिंह
- फरवरी 12, 2019 17:23
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दाल में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जबकि चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है। ऐसे में जब इसे साथ में खाया जाता है तो शरीर को कार्बोहाइड्रेट के साथ ही कई जरूरी विटामिन भी मिल जाते हैं।
दाल-चावल का नाम सुनकर ही कुछ लोगों को मोटापे का एहसास होने लगता है। दरअसल, लोगों के दिमाग में यह बात बैठ चुकी है कि चावल खाने से इंसान मोटा हो जाता है, लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही है। दाल-चावल को जितना आप अनहेल्दी मानते हैं दरअसल, यह उससे कहीं ज़्यादा हेल्दी फूड है और वज़न घटाने में भी आपकी मदद कर सकता है। यकीन नहीं हो रहा तो खुद ही पढ़ लीजिए।
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दाल में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जबकि चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है। ऐसे में जब इसे साथ में खाया जाता है तो शरीर को कार्बोहाइड्रेट के साथ ही कई जरूरी विटामिन भी मिल जाते हैं। साथ ही इससे शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है और पाचन तंत्र ठीक रहता है। रात के खाने में रोज़ाना या हफ्ते में 4 बार आप दाल-चावल खा सकते हैं। इससे वज़न बढ़ेगा नहीं, बल्कि कम होगा। दाल-चावल में ढेर सारा प्रोटीन, फाइबर और अन्य ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं।
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दाल-चावल खाने के फायदे
- यदि आप वज़न कम करने के लिए डायटिंग नहीं करना चाहते तो दाल-चावल आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। दाल चवाल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के वजन घटाने में मददगार है।
- चावल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट जिससे शरीर की ऊर्जा की ज़रूरत को पूरा करता है।
- शाकाहारी लोगों के लिए दाल-चावल प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। यह न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी आपको बचाता है।
- फाइबर पांचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और दाल-चावल फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। अतः इसे खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती।
- यदि आपको पाचन से जुड़ी समस्या है तो दाल-चावल खाना आपके लिए बेस्ट है, क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। इससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है।
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ध्यान रखें यह बातें
कई मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट का भी यही मानना है कि पारंपरिक भोजन दाल-चावल सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन रात का खाना 8 बजे तक या सोने से 2 घंटे पहले ही कर लेना चाहिए जिससे भोजन आसानी से पच जाए। साथ ही चावल की मात्रा भी बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा वज़न घटाने के लिए रोज़ना कम से कम 45 मिनट की एक्सरसाइज़ बहुत ज़रूरी है। दाल-चावल सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप दोपहर और रात दोनों समय एक ही चीज़ खाएं। खाने के अन्य हेल्दी चीज़ें भी शामिल करनी चाहिए जैसे सलाद, फल और हरी सब्ज़ियां आदि।
-कंचन सिंह
लिवर के लिए फायदेमंद है इन चीजों का सेवन, डाइट में जरूर करें शामिल
- मिताली जैन
- जनवरी 16, 2021 16:22
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कॉफी का सेवन करना आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है। कॉफी लीवर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाती है, जबकि सूजन को कम करती है। यह यकृत रोग, कैंसर और फैटी लीवर के विकास के जोखिम को भी कम करता है।
लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह विभिन्न प्रकार के आवश्यक कार्य करता है, जिसमें प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के निर्माण से लेकर विटामिन, खनिज और यहां तक कि कार्बोहाइड्रेट भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन को तोड़ने में भी मदद करता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए अपने लिवर का भी उतना ही ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने आहार पर ध्यान देना होगा। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इसलिए आपको इन्हें अपनी डाइट में जगह देनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में−
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कॉफी
डायटीशियन बताते हैं कि कॉफी का सेवन करना आपके लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है। कॉफी लीवर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाती है, जबकि सूजन को कम करती है। यह यकृत रोग, कैंसर और फैटी लीवर के विकास के जोखिम को भी कम करता है। हालांकि आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसमें कैफीन होता है।
चकोतरा
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, चकोतरा भी आपके लिवर को लाभ पहुंचाता है। चकोतरा में एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करके और इसके सुरक्षात्मक तंत्र को बढ़ाकर लिवर की रक्षा करते हैं। वैसे चकोतरे के अलावा अंगूर का सेवन करना भी लिवर के लिए काफी अच्छा माना गया है।
चुकंदर का जूस
सर्दियों में चुकंदर के जूस को सेहत का साथी माना गया है। इससे आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह लिवर के लिए भी बेहद फायदेमंद है। चुकंदर का जूस लीवर को ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन से बचाता है, और इसके प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइम को बढ़ाता है।
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जैतून का तेल
अध्ययनों से पता चलता है कि जैतून के तेल का सेवन जिगर में वसा के स्तर को कम करता है, रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और लिवर एंजाइम के स्तर में सुधार करता है। ऐसे में आप इसे अपने सलाद से लेकर खाने तक में शामिल करके अपनी लिवर हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।
ओट्स
डायटीशियन कहते हैं कि लिवर को हेल्दी बनाए रखने के लिए ओट्स को भी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर आपके लिवर के लिए लाभकारी है। वैसे, शोध से पता चलता है कि यह आपको कुछ अतिरिक्त पाउंड और पेट की चर्बी कम करने में मदद कर सकता है, जो यकृत की बीमारी को दूर रखने का एक अच्छा तरीका है।
मिताली जैन
मीठी तुलसी से मिलते हैं यह गजब के फायदे, जानकर दंग रह जाएंगे आप
- मिताली जैन
- जनवरी 15, 2021 14:54
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स्टीविया यानि मीठी तुलसी आपके शरीर की रोग−प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है और ऐसा इसमें मौजूद एंटी−ऑक्सीडेंट्स के कारण होता है। गौरतलब है कि स्टीविया में फलेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेन्स, कैफीनोल, कैफिक एसिड और क्वेरसेटिन जैसे कई एंटी−ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।
तुलसी के औषधीय गुणों के बारे में तो आपने यकीनन सुना ही होगा। आमतौर पर लोग घरों में तुलसी का पौधा लगाकर ना सिर्फ उसका सेवन करते हैं, बल्कि उसकी पूजा भी करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी मीठी तुलसी और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में सुना है। स्टीविया जिसे मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है, इसका स्वाद चीनी से भी 300 गुना मीठा होता है और यह सेहत के लिए भी उतनी ही गुणकारी है। स्टीविया वास्तव में सूरजमुखी परिवार के लगभग 240 प्रजातियों में पाया जाने वाला एक जीनस है, जो मुख्य रूप से अमेरिका के अलग−अलग भागों में पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इससे मिलने वाले कुछ बेमिसाल लाभ−
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मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका इस्तेमाल सालों से एक स्वीटनर के रूप में किया जाता रहा है। वैसे यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद ही लाभकारी है। ग्लूकोज रक्त पर स्टीविया का प्रभाव नग.य होता है, यहां तक कि ग्लूकोज सहनशीलता को यह बढ़ाता है, इसलिए, यह नेचुरल स्वीटनर के रूप में मधुमेह रोगियों और कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित आहार पर रहने वाले अन्य लोगों के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है।
बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता
हेल्थ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि स्टीविया यानि मीठी तुलसी आपके शरीर की रोग−प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है और ऐसा इसमें मौजूद एंटी−ऑक्सीडेंट्स के कारण होता है। गौरतलब है कि स्टीविया में फलेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेन्स, कैफीनोल, कैफिक एसिड और क्वेरसेटिन जैसे कई एंटी−ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
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कम करें वजन
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आप अपना वजन नेचुरली कम करना चाहते हैं तो ऐसे में स्टीविया को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। दरअसल, यह एक नेचुरल स्वीटनर है, जिसके कारण इसे प्रोसेस्ड नहीं किया जाता। रिसर्च से भी यह साबित हुआ है कि स्टीविया में मिठास चीनी से कहीं ज्यादा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है। ऐसे में अगर आप अपने स्वाद से समझौता किए बिना वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो मीठी तुलसी यकीनन इसमें आपकी मदद करेगी।
मिताली जैन
पेट की गंभीर बीमारी कोलाइटिस होने पर नजर आते हैं यह लक्षण, जानिए कैसे करें इससे अपना बचाव
- मिताली जैन
- जनवरी 14, 2021 13:27
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कोलाइटिस होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि यह आपकी स्थिति और कोलाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। वैसे अगर इसके आम लक्षणों की बात की जाए तो इसमें तेज दर्द, डिप्रेशन, तेजी से वजन कम होना, जोड़ों में दर्द और भूख में कमी है।
कोलाइटिस एक क्रॉनिक डाइजेस्टिव स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें कोलोन की इनर लाइनिंग में सूजन होती है। कोलाइटिस के कई कारण हैं जिनमें संक्रमण, सूजन आंत्र रो, इस्केमिक कोलाइटिस, एलर्जी प्रतिक्रियाएं और सूक्ष्म कोलाइटिस शामिल है। यह आपके पेट के दर्द, ब्लोटिंग व डायरिया से भी जुड़ा हो सकता है। इसके लक्षणों पर ध्यान देकर समय रहते उपचार किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए मेडिकल हेल्प लेने के अलावा आप कुछ छोटी−छोटी बातों का ध्यान रखकर स्थित किो बेहद आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको इसके लक्षणों व इससे बचाव के कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं−
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पहचानें लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि कोलाइटिस होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि यह आपकी स्थिति और कोलाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। वैसे अगर इसके आम लक्षणों की बात की जाए तो इसमें तेज दर्द, डिप्रेशन, तेजी से वजन कम होना, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, थकान, बुखार, बृहदान्त्र ऊतक की सूजन, कोलोन की सतह पर लालिमा, कोलोन में अल्सर, मल में ब्लड आना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में गैस, ब्लोटिंग, अपच, हार्टबर्न, गैस्ट्रो एसोफैगल रिफ्लक्स रोग, ऐंठन, आदि शामिल हैं। कोलाइटिस की पहचान के लिए बृहदान्त्र का एक्स−रे, सिग्मायोडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी के लिए मल का परीक्षण आदि किया जाता है।
यूं करें बचाव
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि जिन लोगों को यह समस्या होती है, उन्हें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई तरह के खाद्य पदार्थ इस समस्या को टि्रगर करते हैं। इसलिए आपको शराब, कैफीन, कार्बोनेटेड शीतल पेय, सूखे सेम, मटर, फलियां, सूखे फल या जामुन, गूदे या बीज वाले फल, गर्म सॉस और मसालेदार भोजन, मीट, पॉपकॉर्न, रिफाइंड चीनी आदि से दूरी बनानी चाहिए।
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कुछ हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि स्वच्छता में ही रोकथाम निहित है। स्वच्छ पेयजल की कमी और पर्याप्त स्वच्छता मुख्य कारण हैं, जिसके कारण यह समस्या अधिक लोगों को अपनी जद में ले रही है। ऐसे में पर्सनल हाईजीन से लेकर किचन हाईजीन पर फोकस करके इस समस्या से काफी हद तक बचाव संभव है।
मिताली जैन

