गले में संक्रमण और दर्द से हैं परेशान, इन उपायों से होगा जल्द फायदा

throat infection

ऐसे कई प्रकार के हर्बल चाय होते हैं जिसे आप गले में राहत के लिए कोशिश कर सकते हैं। लौंग की चाय और ग्रीन टी दोनों में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटी बैक्टिरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

गले में इन्फेक्शन और खराश सबसे आम स्वास्थ्य बीमारियों में से एक है, खासकर सर्दियों में। वे आम तौर पर कॉमन कोल्ड और फ्लू के संक्रमण के कारण होते हैं और काफी दर्दनाक होते हैं, हालांकि एक सप्ताह के भीतर चले भी जाते हैं। दर्द को कम करने के लिए आपको सबसे पहले यह समझने की आवश्यकता होती है कि आपके गले में खराश की वजह क्या हो सकती है: ड्राई एयर, धूम्रपान, एसिड रिफ्लक्स, फ्लू या सामान्य सर्दी की तरह वायरल संक्रमण और स्ट्रेप जैसे जीवाणु संक्रमण - ये सभी गले में इन्फेक्शन की वजह हो सकते हैं।

सामान्य तौर पर एक वायरल संक्रमण गले में खराश के साथ अन्य लक्षणों, जैसे मांसपेशियों में दर्द और थकान, के साथ आता है। वहीँ दूसरी ओर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के केस में दर्द आमतौर पर आपके गले पर अधिक केंद्रित होता है और संक्रमण बहुत गंभीर हो जाता है। तेज बुखार के साथ साथ आपको कुछ भी निगलने पर तेज दर्द भी हो सकता है। यहाँ कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताये जा रहे हैं जो आपके गले के दर्द को कम कर सकते हैं। यदि आप वास्तव में गले में खराश से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इन सर्वोत्तम उपचारों को अवश्य अपनाएं।

1. नमक का पानी

नमक का पानी गले की खराश का एक बेहतरीन घरेलू उपाय है, क्योंकि यह सूजन और जलन को कम करता है। हालांकि नमक का पानी आपको तत्काल राहत नहीं दे सकता है, लेकिन यह बलगम को ढीला और दर्द को कम करते हुए बैक्टीरिया को मारने के लिए एक प्रभावी उपाय है। बस आधा चम्मच नमक को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाएं और गार्गिल करें।

2. शहद

हनी अपने नेचुरल एंटीबैक्टेरियल गुणों के कारण गले में खराश के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है, जो घाव को कम करने में मदद करता है और सूजन को कम करके दर्द से तुरंत राहत देता है। हनी बैक्टीरिया को भी मार सकता है और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकता है। यदि आप गले में खराश के अलावा खांसी से बुरी तरह से पीड़ित हैं तो शहद बहुत प्रभावी रूप में कार्य कर सकता है। एक गर्म गिलास पानी या चाय के साथ शहद के दो बड़े चम्मच मिलाएं और इसे अच्छी तरह से हिलाएं। आवश्यकतानुसार दिन में कई बार पिएं।

3. नींबू

नमक पानी और शहद के समान नींबू भी गले में खराश के लिए बहुत अच्छा होता है, क्योंकि वे बलगम को भगाने और दर्द से राहत प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। नींबू विटामिन सी से भरा होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और संक्रमण से लड़ने के लिए इसे और अधिक शक्ति देने में मदद कर सकता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और जल्दी राहत के लिए पिएं।

4. गर्म सॉस

संक्रमित गले को राहत देने के लिए गर्म सॉस का उपयोग करना अजीब लग सकता है, लेकिन यह मसाला वास्तव में गले में खराश के लिए राहत प्रदान करने के लिए काफी सिद्ध साबित हुआ है। हॉट सॉस का उपयोग सूजन से लड़ने और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। गर्म सॉस की कुछ बूंदों को गर्म पानी के गिलास में मिलाकर गरारा करने से आपके गले की खराश को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

5. चाय

ऐसे कई प्रकार के हर्बल चाय होते हैं जिसे आप गले में राहत के लिए कोशिश कर सकते हैं। लौंग की चाय और ग्रीन टी दोनों में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटी बैक्टिरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रास्पबेरी, कैमोमाइल, और पेपरमिंट चाय दर्द से राहत और सूजन को कम करने के लिए बढ़िया विकल्प हैं। कैमोमाइल चाय एक प्राकृतिक लुब्रिकेंट के रूप में भी काम करती है, इसलिए यदि आपको बोलने में कठिनाई हो रही है तो यह आपका सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, पेपरमिंट चाय स्वाभाविक रूप से आपके गले को आराम पहुंचा सकती है और दर्द को कम कर सकती है।

क्या अवॉयड करें?

हालांकि इन सभी उपायों से गले में दर्द से काफी राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसे कई आइटम हैं जिनसे आपको बचना चाहिए। जैसे, यदि आपके गले में खराश है तो किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन न करें जिन्हें निगलने में मुश्किल हो। जब तक गले में दर्द का समाधान नहीं हो जाता, तब तक सूप और नरम खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। यदि आपने ये सारे घरेलू उपचार को आजमा लिया है और वे मदद नहीं करते हैं तो अपने डॉक्टर से ज़रूर मिलें। यदि आपको बुखार, ठंड लगना, निगलने में कठिनाई, यहाँ तक कि तरल पदार्थ पीने में दिक्कत हो रही है तो आपको डॉक्टर से तुरंत उपचार लेना चाहिए, क्योंकि यह अधिक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।

- शैव्या शुक्ला 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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