द प्रॉबल्म विद अपु में वही है जो युवा के तौर पर हम सबने अनुभव किया
हॉलीवुड में दक्षिण एशिया के लोकप्रिय अभिनेता मनीष दयाल का मानना है कि अमेरिकी धारावाहिक ‘द सिम्पसन्स’ के मशहूर किरदार अपु नहसापेमपेटिलोन को एक स्टीरियोटाइप चरित्र के तौर पर दिखाए जाने की आलोचना करने वाली नई डॉक्यूमेंट्री समय की मांग है।
नयी दिल्ली। हॉलीवुड में दक्षिण एशिया के लोकप्रिय अभिनेता मनीष दयाल का मानना है कि अमेरिकी धारावाहिक ‘द सिम्पसन्स’ के मशहूर किरदार अपु नहसापेमपेटिलोन को एक स्टीरियोटाइप चरित्र के तौर पर दिखाए जाने की आलोचना करने वाली नई डॉक्यूमेंट्री समय की मांग है। अभिनेता ने कहा कि हरि कोंडाबोलू की ‘द प्रॉब्लम विद अपु’ मशहूर अमेरिकी सिटकॉम में दक्षिण एशियाई व्यक्ति को नकारात्मक रूढ़िवादी चरित्र के तौर पर चित्रित किया गया है।
‘द हंड्रेड - फूट जर्नी’ के मशहूर कलाकार का कहना है कि उन्होंने खुद कई बार इस तरह की रूढ़िवादी सोच को तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हरी ने वह दिखाने की बेहतरीन कोशिश की है जिसका हम सब ने बतौर युवा अनुभव किया है। ‘द सिम्पसन्स’ में केवल भारतीयों का ऐसा चरित्र चित्रण किया गया है जिससे लगता है कि हम सभी रूढ़ीवादी हैं। यह हमारे प्रति अन्याय है।
दयाल ने कहा कि, ‘हमारे पास कई अलग-अलग गुण तथा प्रतिभाएं हैं। हमारे लिए इस एनिमेटिड धारावाहिक तक सीमित रहना उचित नहीं था। हमें सोचना था कि हम इस तरह की छवि से कैसे उबर सकते हैं ? हरि ने डॉक्यूमेंट्री के जरिए शानदार काम किया है और एक ऐसे विषय को उठाया है जिसपर हम में से कई बात करना चाहते थे।’
अन्य न्यूज़