चीकू खरगोश और जादुई कॉलीन (बाल कहानी)

चीकू और टीनू खरगोश में गहरी मित्रता थी। चीकू के चाचाजी विदेश में रहते थे। एक बार चीकू के पास चाचाजी का पत्र आया। चीकू चाचाजी का पत्र पाकर बहुत खुश हुआ।

चीकू और टीनू खरगोश में गहरी मित्रता थी। चीकू के चाचाजी विदेश में रहते थे। एक बार चीकू के पास चाचाजी का पत्र आया। चीकू चाचाजी का पत्र पाकर बहुत खुश हुआ। वह दौड़ा-दौड़ा टीनू के पास पहुंचा और उसे चाचाजी का पत्र दिखाया। चीकू और टीनू  मिलकर पत्र पढ़ने लगे। चीकू के दादाजी बहुत बड़े जादूगर थे छुट्टियों में विदेश में उनके कई शो आयोजित थे। दादाजी ने चीकू को छुट्टियों में अपने पास आने का लिखा था।

टीनू बोला- चीकू, चाचाजी ने तुम्हें विदेश में छुट्टियां मनाने बुलाया है तो मौका अच्छा है तुम्हें जरूर वहां जाना चाहिए। चीकू बोला- लेकिन टीनू मैं तुम्हें वहां बहुत मिस करूंगा। टीनू ने कहा- सिर्फ छुट्टियों की ही तो बात है और विदेश जाकर तुम्हें न जाने कितनी नई बातें सीखने को मिलेंगी और तुम्हें जादू देखना भी तो पसंद है न, मुझे लगता है विदेश जाकर तुम अपनी छुट्टियां अच्छी तरह एन्जॉय कर पाओगे। 

चीकू को जादू के शो देखने में बड़ा आनंद आता था, उसने छुट्टियां चाचाजी के पास बिताने का मन बना लिया। चीकू के चाचाजी ने चीकू के विदेश आने की पूरी व्यवस्था कर दी थी वह आराम से विदेश उनके पास पहुंच गया। चीकू के चाचाजी चीकू को अपनी जादूगरी वाले हर शो में साथ ले जाते और चीकू शो पर बड़े मजे लेता। 

छुट्टियां खत्म होने को थी चीकू वापस अपने शहर आने वाला था. चीकू ने अपने दोस्त टीनू को अपने आने का सारा कार्यक्रम बता दिया था। टीनू चीकू के आने का इंतजार कर रहा था और जैसे ही चीकू के आने का समय हुआ टीनू उसे लेने एयरपोर्ट पर पहुंच गया। एयरपोर्ट पर टीनू को देखकर चीकू बहुत खुश हुआ। चीकू ने टीनू को गले लगाया और दोनों बातें करते घर को चल दिए। 

टीनू और चीकू बातें करते घर की ओर चले जा रहे थे कि तभी रास्ते में बिल्लू सियार की नजर उन पर पड़ी। दो मोटे-मोटे खरगोशों को देखकर बिल्लू सियार के मुंह में पानी आ गया। बिल्लू सियार मन ही मन बोला- आज मेरा दिन अच्छा है बैठे-बैठे ही भोजन मेरे पास चला आ रहा है। 

बिल्लू सियार को रास्ते में बैठा देखकर चीकू और टीनू हक्के बक्के रह गये। वे ऐसी जगह पर खड़े थे जहां से कहीं भागा भी नहीं जा सकता था। बिल्लू सियार उनके नजदीक ही आ रहा था। बचने का कोई उपाय न पाकर चीकू निडरता दिखाते हुए बोला- बिल्लू भाई हम तुम्हारा भोजन बनने के लिए तैयार हैं पर मरने से पहले एक विनती है यदि तुम स्वीकार लो तो तुम हमारी हत्या के पाप के भागी नहीं बनोगे और हमारी अंतिम इच्छा भी पूरी हो पाएगी। 

बिल्लू सियार ने चीकू से पूछा-भला ऐसा कैसे हो सकता है। चीकू बोला-बस दो मिनिट यहां बैठकर हमें ईश्वर से अपने अच्छे जीवन की और तुम्हें तुम्हारे पापों से माफी की प्रार्थना करने की इजाजत दे दो और फिर तुम आराम से हमें खा सकते हो। बिल्लू सियार भगवान का भक्त था उसने चीकू की बात मान ली। 

चीकू ने तुरंत ही अपने झोले से एक छोटा सा कॉलीन निकाला और उस पर टीनू के साथ हाथ जोड़कर प्रार्थना के लिए बैठ गया। बिल्लू सियार ने देखा चीकू और टीनू के कॉलीन पर बैठते ही कॉलीन उन्हें लेकर ऊपर उठने लगा था जब तक बिल्लू कुछ समझ पाता चीकू और टीनू को लेकर कॉलीन हवा से बातें करने लगा। बिल्लू सियार अचंभित था वह चीकू और टीनू को पकड़ने के लिए झपटा पर उन तक नहीं पहुंच सका।

चीकू ने कॉलीन पर उड़ते हुए बिल्लू सियार को टाटा किया और बोला-बिल्लू! अब तुम्हें हमें खाने का पाप नहीं लगेगा और हम भी अच्छा जीवन जी सकेंगे। बिल्लू सियार ठगा सा रह गया था।

टीनू खरगोश ने चीकू से कहा-गजब यार! पर यह सब कैसे हुआ। चीकू खरगोश बोला-यह सब विदेश से आए इस जादुई कॉलीन का कमाल है जिसे मेरे चाचाजी ने मुझे गिफ्ट में दिया है। टीनू खरगोश बोला-देखा चीनू तुम्हारा विदेश जाना कितना कारगर निकला, यहां हमारी जान भी बच पाई और हमने उड़ने का मजा भी लिया।

चीकू और टीनू खुशी-खुशी घर वापस आ गए।

अमृता गोस्वामी

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़