हिन्दी हमारे देश की भाषा (कविता)
[email protected] । Apr 29 2017 5:09PM
वरिष्ठ लेखिका अमृता गोस्वामी ने प्रस्तुत की है ''हिन्दी हमारे देश की भाषा'' शीर्षक वाली कविता। कविता में उन्होंने भारत की समृद्धि का वर्णन करते हुए उसके समक्ष खड़ी चुनौतियों का भी उल्लेख किया है।
हिन्दी हमारे देश की भाषा,
सुगम, सरल मनोरम भाषा।
भाषाओं के अथाह समुद्र में,
नीले रंग सी हिन्दी भाषा।
कई भाषाओं को ले साथ है चलती,
संग सखी सी हिन्दी भाषा।
साहित्य का भंडार है हिन्दी,
विद्वजनों की यह प्यारी भाषा।
जातियों में एकता जगाती,
प्यार सिखाती हिन्दी भाषा।
भारत मां की शान है हिन्दी,
गर्व कराती हिन्दी भाषा।
हर पल हमारा साथ निभाती,
सशक्त बनाती हिन्दी भाषा।
मातृ भूमि की है अधिष्ठात्री,
गौरव दिलाती हिन्दी भाषा।
संतजनों का राग है हिन्दी
मान बढ़ाती हिन्दी भाषा।
हिन्दी हमारे देश की भाषा,
सुगम, सरल मनोरम भाषा।
अमृता गोस्वामी
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