100 रुपये के नोट से मिले ‘संस्कार'' (कहानी)

Inspirational story

एक दिन शाम को जब वह अपने दोस्तों के साथ पार्क में खेल कर वापस घर लौटा तो उसकी मां ने उसे 500 रूपये का नोट और घर के सामान की लिस्ट देते हुए कहा- बेटा! बाजार से घर का कुछ आवश्यक सामान ले आ।

सचिन दसवीं कक्षा का विद्यार्थी था। एक दिन शाम को जब वह अपने दोस्तों के साथ पार्क में खेल कर वापस घर लौटा तो उसकी मां ने उसे 500 रूपये का नोट और घर के सामान की लिस्ट देते हुए कहा- बेटा! बाजार से घर का कुछ आवश्यक सामान ले आ। सचिन ने हां में सिर हिलाया और मां के हाथ से 500 रूपये का नोट, सामान की लिस्ट और थैला लेकर बाजार चल दिया।

सचिन एक मॉल पर गया जहां वह सब कुछ सामान उपलब्ध था जिसे सचिन की मां ने लिस्ट बनाकर लाने को कहा था। वह मॉल के चौथे फ्लोर की एक दुकान पर सामान खरीदने के लिए अभी आगे बढ़ा ही था कि उसने देखा दुकान के कैश काउंटर पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ से पैसे का लेनदेन करते समय 100 रूपये का नोट नीचे गिर गया था। सचिन कुछ सोचता उससे पहले ही वह बुजुर्ग व्यक्ति वहां से आगे निकल गया।

सचिन ने जमीन पर गिरा 100 रूपये का नोट उठाया और मन ही मन सोचने लगा कि 100 का नोट यदि वह अंकल को वापस लौटा देता है तो उसे क्या मिलेगा, सिर्फ धन्यवाद... और यदि इसे वह अपने पास रख लेता है तो मॉल के बाहर सजी चाट-पकोड़ी की दुकानों से बढ़िया दावत भी उड़ा सकता है। उस 100 रूपये के नोट को अंकल को वापस लौटाऊं या न लौटाऊं की उहापोह में फंसे सचिन ने अन्त में नोट को अपनी जेब में डालना ही सही समझा और आनन-फानन में उसे अपनी जेब में डालकर मां के बताए सामान की खरीददारी में लग गया।

खरीददारी पूरी कर सचिन कैश काउंटर पर पेमेंट करने आया। उसके सामान का बिल 450 रूपये बना था। सचिन ने पेमेंट देने के लिए जेब में हाथ डाला तो उसकी जेब से 500 रूपये का नोट नदारद था। चेहरे पर चिन्ता के भाव लिए सचिन अपनी सारी जेबें जल्दी-जल्दी टटोलते हुए इधर-उधर देखने लगा। केश काउंटर पर खड़े व्यक्ति ने जब सचिन को परेशान सा कुछ खोजते हुए देखा तो पूछा- क्या हुआ? सचिन ने कहा मेरी जेब से 500 रूपये का नोट कहीं गिर गया है।

कैश काउंटर पर खड़ा व्यक्ति बोला- अरे! तो तुमने गिराया था 500 रूपये का नोट। यह लो इसे अभी-अभी एक सज्जन जो यहां कहीं गिरा अपना 100 रूपये का नोट ढूंढने आए थे देकर गए हैं। कह रहे थे कि कोई मेरे जैसा परेशान व्यक्ति यहां अपने गिरा 500 रूपये का नोट ढूंढने आए तो उसे दे देना।

सचिन अपने खोए 500 रूपये के नोट को पाकर इतना खुश था जैसे उसे नई जिंदगी मिल गई हो। उसे अहसास हो गया था कि जेब से पैसे गिर जाना कितना दुःख और चिन्ता भरा, परेशान करने वाला होता है। अपने 500 रूपये से सामान का पेमेंट कर सचिन जल्दी-जल्दी मॉल के चौथे मंजिले से उन अंकल को खोजने लगा जो उसका 500 रूपये का नोट देकर गए थे। सचिन ने उन अंकल को मॉल से बाहर जाते देखा तो तुरंत ही वह मॉल की लिफ्ट से नीचे उतरकर उनके पास पहुंचा और उन्हें 100 रूपये का नोट वापस देते हुए बोला- अंकल! मेरा 500 रूपये का नोट मुझे मिल गया और यह रहा आपका 100 रूपये का नोट जो मुझे आज बहुत कुछ सिखा गया। सचिन ने सारी बात अंकल को सच-सच बता दी और आगे कभी इस तरह का असंस्कारी काम न करने का उनसे वादा किया। 

अंकल ने सचिन की पीठ थपथपाई और कहा- थैंक्यू, अब मैं रिक्शा पकड़कर घर जा सकता हूं नहीं तो आज पैदल ही जाना पड़ता। सचिन खुश था, उसने मन ही मन फैसला किया कि अब कभी भी वह ऐसे कोई गलत विचार अपने मन में न लाएगा और खुशी-खुशी अपने घर वापस आ गया।

अमृता गोस्वामी

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