जानिये पद्म पुरस्कारों का इतिहास और क्या है इनका महत्व

Know the history of Padma awards and what is their importance

पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। पुरस्कारों में न केवल नामचीन हस्तियां शामिल हैं बल्कि कुछ गुमनाम चेहरों को भी शामिल किया है जिन्होंने अपनी मेहनत से एक मुकाम हासिल किया है।

पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। पुरस्कारों में न केवल नामचीन हस्तियां शामिल हैं बल्कि कुछ गुमनाम चेहरों को भी शामिल किया है जिन्होंने अपनी मेहनत से एक मुकाम हासिल किया है। पद्म पुरस्कार पाने वालों में न केवल भारतवासी हैं बल्कि कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

जानें पद्म पुरस्कार के बारे में

पद्म पुरस्कार हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। भारत रत्न के बाद देश के सबसे सम्मानित माने जाने वाले पद्म पुरस्कारों को तीन स्तर पर दिया जाता है जिसे पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री के नाम से जाना जाता है। 

पद्म पुरस्कारों का इतिहास

पद्म पुरस्कारों की स्थापना 1954 में की गई थी। कला, शिक्षा, साहित्य, उद्योग, विज्ञान, खेल, चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इन पुरस्कारों की विशेषता यह है कि यह पुरस्कार न केवल देशवासियों को बल्कि विदेशियों को भी दिए जाते हैं। 

पद्म विभूषण 

इस साल तीन लोगों को पद्म विभूषण देने की घोषणा की गयी है। पद्म विभूषण प्राप्त करने वाले लोगों में इलैयाराजा का नाम प्रमुख है जिन्हें कला और संगीत में उत्कृट योगदान के लिए दिया गया है। साथ ही गुलमा मुस्तफा खान को भी संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान के लिए भी पद्म विभूषण दिया गया है। इसके अलावा केरल के परमेश्वरन परमेश्वरन को भी साहित्य और शिक्षा में योगदान हेतु पद्म विभूषण दिया गया है। 

पद्म भूषण 

पद्म भूषण की भी घोषणा की गयी है। अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नौ लोगों को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। आठ भारतीयों के साथ एक विदेशी नागरिक अलेक्जेंडर कदाकिन को भी पब्लिक अफेयर्स के लिए पद्म भूषण दिया गया है। इसके अलावा पंकज आडवाणी और महेन्द्र सिंह धोनी को स्पोर्टस में योगदान हेतु पुरस्कार दिया गया है। संगीत के क्षेत्र में योगदान हेतु बिहार के शारदा सिन्हा को भी पुरस्कार से नवाजा गया है। 

पद्म श्री 

इस साल 73 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार दिए गए हैं। इसमें केरल की लक्ष्मी कुट्टी भी शामिल हैं जिन्हें हर्बल दवाएं बनाने के लिए पद्म श्री दिया गया है। अरविंद गुप्ता, सुधांशु विश्वास, एमआर राजागोपाल, मुरलीकांत पेटकर, सुभाषिणी मिस्त्री, सुलगत्ती नरसम्मा और अनवर जलालपुरी को भी पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया है। 

- प्रज्ञा पाण्डेय

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