छूते ही सिकुड़ जाता है ‘लाजवंती का पौधा’

लाजवंती का पौधा इंसानों के हाथ लगाने से ही नहीं बल्कि किसी भी बाहरी चीज के छू जाने से भी सिकुड़ जाता है इसीलिए इसे ‘छुई-मुई’ पौधा भी कहा जाता है।

पौधों की हमारे जीवन में अहम् भूमिका है, ये कई विविधताओं से भरे होते हैं। कुछ पौधे बहुत छोटे होते हैं तो कुछ बड़े, कुछ प्रकाश उत्पन्न करते हैं तो कुछ पानी से भरे हुए होते हैं... कई पौधों में सुंदर फूल उगते हैं और कई रसीले फल देने वाले होते हैं। इसके अलावा कई पौधे तो ऐसे होते हैं जिनमें सिर्फ कांटे ही उगते हैं, इन्हें हम कैक्टस पौधे कहते हैं और एक पौधा ऐसा है जिसमें लाज-शर्म जैसा मानवीय गुण भी देखा जा सकता है, इसे लाजवंती का पौधा कहते हैं। इस पौधे का बॉटनिकल नाम ‘मिमोसा प्यूडिका’ है। हमारे हाथ लगाते ही यह पौधा शर्माकर सिकुड़ जाता है जिसे देखना बहुत मनोरंजक होता है।

दोस्तों, लाजवंती का पौधा इंसानों के हाथ लगाने से ही नहीं बल्कि किसी भी बाहरी चीज के छू जाने से भी सिकुड़ जाता है इसीलिए इसे ‘छुई-मुई’ पौधा भी कहा जाता है। छूते ही सिकुड़ने की अपनी प्रकृति के चलते यह पौधा जानवरों के खाने से भी बचा रहता है, जैसे ही कोई जानवर इसे खाने की कोशिश करता है इसकी पत्तियां सिकुड़ कर सूखी पत्तियों जैसी हो जाती हैं जिससे जानवर इसे बेजान पौधा समझकर छोड़ देते हैं।

लाजवंती या छुई-मुई पौधा अत्यंत संवेदनशील होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पौधे की पत्तियां कई कोशिकाओं से बनी होती हैं जिनमें द्रव भरा रहता है, कोशिकाओं का यही द्रव इसकी पत्तियों के खड़े रह पाने में मदद करता है। हमारे या किसी अन्य जीव के अथवा बारिश के पानी या तेज हवा के चलने पर इस पौधे में भरे द्रव का दाब कम हो जाता है और इसी कारण से इसकी पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। 

यह पौधा मुख्य रूप से भारत के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। इस पौधे को ‘टच मी नॉट’ प्लांट भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में इस पौधे में बैंगनी, गुलाबी व नीले रंग के पुष्प उगते हैं। अपने शर्माने या लजाने के स्वभाव के अलावा इस पौधे को इसके कई औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसकी पत्तियों में एंटीवायरल व एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। मधुमेह, पेट के रोगों, टॉन्सिल्स, नेत्र रोगों, शारीरिक कमजोरी तथा हड्डियों की दुर्बलता दूर करने में यह पौधा उपयोगी होता है। सिर्फ पत्तियां ही नहीं बल्कि इस पौधे की जड़े पुष्प तथा बीज भी रोगों के उपचार में काम आते हैं।

अमृता गोस्वामी

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