पाक आतंकवाद रोधी अदालत ने जमात उद दावा, जैश के 12 सदस्यों को सुनाई सजा

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पंजाब पुलिस के आंतकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के अनुसार उसने आतंकवादी गतिविधियों को वित्तीय मदद मुहैया कराने के आरोप में जमात-उद-दावा एवं जैश के सदस्यों को कुछ समय पहले गिरफ्तार किया था और उन्हें सुनवाई के लिए पंजाब के विभिन्न जिलों की आतंकवाद रोधी अदालतों में पेश किया था।

लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवाद रोधी अदालतों ने प्रतिबंधित संगठनों जमात उद दावा और जैश ए मोहम्मद के 12 सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को वित्तीय मदद मुहैया कराने के मामले में पांच साल तक के कारावास की सजा सुनाई है। पंजाब पुलिस के आंतकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के अनुसार उसने आतंकवादी गतिविधियों को वित्तीय मदद मुहैया कराने के आरोप में जमात-उद-दावा एवं जैश के सदस्यों को कुछ समय पहले गिरफ्तार किया था और उन्हें सुनवाई के लिए पंजाब के विभिन्न जिलों की आतंकवाद रोधी अदालतों में पेश किया था।

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सीटीडी ने यहां सोमवार को एक बयान में कहा कि एटीसी ने जमात-उद-दावा के रावलपिंडी निवासी असगर अली, जुनैद इरशाद एवं एजाज अहमद और रहीम यार खान के अब्दुल खालिक को दो- दो साल कारावास की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया। बयान में कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के आठ स्थानीय सदस्यों को एटीसी ने दोषी पाया है और उन्हें पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई है।

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जैश के दोषी ठहराए गए सदस्यों की पहचान गुजरांवाला के इफ्तिकार अहमद, मोहम्मद अजमल, बिलाल मक्की, अबरार अहमद और इरफान अहमद, रावलपिंडी के हफीजुल्ला, मजहर नवाज और अब्दुल लतीफ के रूप में की गई है। जैश ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले की हाल में जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। ऐसा समझा जाता है कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित है। मुंबई हमलों के पीछे लश्कर का ही हाथ था। इमरान खान की सरकार ने जैश प्रमुख मसूद अहजर के बेटे एवं भाई समेत प्रतिबंधित संगठनों के 100 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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