2016 अब तक का सर्वाधिक गर्म वर्ष: संयुक्त राष्ट्र

[email protected] । Jan 19 2017 1:44PM

जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम अब सामने आने लगे हैं और इसका ताजा उदाहरण यह है कि गर्मी के मामले में वर्ष 2016 ने 2015 को भी पीछे छोड़ दिया है।

संयुक्त राष्ट्र। जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम अब सामने आने लगे हैं और इसका ताजा उदाहरण यह है कि गर्मी के मामले में वर्ष 2016 ने 2015 को भी पीछे छोड़ दिया है। 2016 को अब तक का सर्वाधिक गर्म वर्ष दर्ज किया गया है जबकि उसके पहले 2015 सर्वाधिक गर्म वर्ष था। संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी वर्ल्ड मीटीआरलॉजिकल ऑगैनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) के एक विश्लेषण के अनुसार 2016 में औसत वैश्विक तापमान पूर्व औद्यौगिक अवधि से 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्टेरी तलास ने कहा कि वैश्विक जलवायु के हिसाब से वर्ष 2016 एकदम पराकाष्ठा पर था और सर्वाधिक गर्म के रूप में दर्ज किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘तापमान कहानी के केवल एक हिस्से को दिखाता है।’’ तलास ने कहा कि मानव निर्मित कारणों से जलवायु परिवर्तन के जो संकेत हमें लंबे समय से मिल रहे थे वह 2016 में एकदम ऊँचाई पर पहुंच गए क्योंकि इस दौरान कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन सघनता नये रिकॉर्ड पर पहुंच गए। ये दोनों गैसें जलवायु परिवर्तन का एक अहम कारण हैं। उन्होंने कहा कि केवल बढ़ता तापमान और ग्रीनहाउस गैसें ही जलवायु परिवर्तन के रिकॉड तोड़ने वाले संकेतक नहीं हैं, आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर भी काफी कम रहा। विश्लेषण के मुताबिक आर्कटिक सागर वैश्विक औसत के मुकाबले दोगुनी तेजी से गर्म हो रहा है और इसने विश्व के अन्य भागों में मौसम, जलवायु और समुद्रीय संचरण को लगातार प्रभावित किए रखा है।

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