ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स पर फिदायीन हमले में 27 सैनिकों की मौत

27-soldiers-killed-in-suicide-attack-on-revolutionary-guards-of-iran
[email protected] । Feb 14 2019 11:19AM

ईरान 14 साल तक निर्वासित जीवन व्यतीत करने के बाद 1979 में अयातुल्लाह रुहल्लाह खमेनी के तेहरान में लौटने और पश्चिम समर्थक शाह को बाहर करने की 40वीं वर्षगांठ मना रहा है।

तेहरान। दक्षिणपूर्वी ईरान में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की बस पर आत्मघाती कार हमले में 27 सैनिकों की मौत हो गई है। हाल के वर्षों में यह एलीट बलों पर सबसे खतरनाक हमलों में से एक है। गार्ड्स ने एक बयान में कहा कि यह हमला बुधवार को ऐसे समय में हुआ है जब सैनिक सीमा पर गश्त अभियान से लौट रहे थे। बयान में कहा गया है, ‘‘इस आतंकवादी हमले में इस्लाम के 27 बहादुर योद्धाओं की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए।’’ बयान में यहूदी खुफिया एजेंसियों पर हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है।

इसे भी पढ़ें- मतदान से पहले नाईजीरिया के चुनाव कार्यालय में आग लगी

इससे पहले आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने कहा, ‘‘इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर पर आत्मघाती हमला खाश-जाहेदन रोड पर हुआ।’’ गार्ड्स ने बताया ‘‘बस के पीछे विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट हुआ।’’ ईरान 14 साल तक निर्वासित जीवन व्यतीत करने के बाद 1979 में अयातुल्लाह रुहल्लाह खमेनी के तेहरान में लौटने और पश्चिम समर्थक शाह को बाहर करने की 40वीं वर्षगांठ मना रहा है।

इसे भी पढ़ें- चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अमेरिकी व्यापार अधिकारियों से करेंगे मुलाकात

उनके आगमन से इस्लामिक क्रांति की शुरूआत हुई और इस्लामिक गणतंत्र का उदय हुआ। रेवोल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला दक्षिणपूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ जहां बड़ी संख्या में जातीय बलूची समुदाय के सुन्नी मुस्लिम रहते हैं। इस प्रांत की सीमा पाकिस्तान से लगती है। एसआईटीई खुफिया समूह ने बताया कि हमले की जिम्मेदारी जैश-अल-अद्ल ने ली है। यह संगठन सुन्नी चरमपंथी समूह जुंदल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में 2012 में बना। एसआईटीई ने कहा कि ईरान में ‘‘आतंकवादी समूह’’ के रूप में काली सूची में दर्ज जैश-अल-अद्ल ने 13 फरवरी 2019 को पर्शिया

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़