पाकिस्तान में 72 साल से बंद पड़ा ऐतिहासिक चोआ साहिब गुरुद्वारा खोला गया
साल 1947 में पंजाब प्रांत के झेलम जिले में सिख समुदाय के पाकिस्तान से पलायन कर जाने के बाद से बंद यह गुरुद्वारा उपेक्षा की स्थिति में था।
लाहौर। विभाजन के 72 साल बाद पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चोआ साहिब के दरवाजे भारत समेत विभिन्न देशों के सिख श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को खोल दिए। यह कदम नवंबर में गुरू नानक देव की 550वीं जयंती की तैयारी के मद्देनजर उठाया गया है।
इसे भी पढ़ें: तीन तलाक बिल पर बोले PM मोदी, मुस्लिम माताओं-बहनों को सम्मान से जीने का हक मिला
साल 1947 में पंजाब प्रांत के झेलम जिले में सिख समुदाय के पाकिस्तान से पलायन कर जाने के बाद से बंद यह गुरुद्वारा उपेक्षा की स्थिति में था।
Opening ceremony of Gurdwara Choa Sahib, Jehlum was held in the front lawn of Gurdwara. Dr. Aamer Ahmed, Chairman ETPB was the Cheif Guest of ceremony. pic.twitter.com/g1dlIS4qj8
— PTV World (@WorldPTV) August 2, 2019
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल रोहतास किले के करीब स्थित गुरुद्वारा चोआ साहिब को कई उच्चाधिकारियों और समुदाय के सदस्यों की मौजूदगी में एक भव्य कार्यक्रम में खोला गया। कार्यक्रम की शुरुआत सिख समुदाय के सदस्यों की ‘अरदास’ और ‘कीर्तन’ के साथ हुई। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों को देखने वाले इवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष डॉ. आमिर अहमद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
इसे भी पढ़ें: तीन तलाक बिल पर बोले PM मोदी, मुस्लिम माताओं-बहनों को सम्मान से जीने का हक मिला
अन्य न्यूज़