मोदी ने पुतिन से की मुलाकात, विजय दिवस समारोह के लिए रूस आने का निमंत्रण स्वीकारा

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[email protected] । Nov 14 2019 9:36AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्रासीलिया आये हुए हैं। मोदी ने इस शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन के साथ यह मुलाकात की।

ब्रासीलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यहां एक ‘‘शानदार बैठक’’ हुई जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की इसके अलावा पुतिन ने मोदी को अगले वर्ष मई में रूस में होने वाले विजय दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया।

मोदी 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आये हुए हैं। मोदी ने इस शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन के साथ यह मुलाकात की। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद निरोधक सहयोग के लिए तंत्र बनाना है। ब्रिक्स विश्व की पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक शानदार बैठक हुई। हमने अपनी बैठक के दौरान भारत-रूस संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। भारत और रूस व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं। हमारे देश के लोगों को नजदीकी द्विपक्षीय संबंधों से लाभ होगा।’’

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उन्होंने इस बैठक के दौरान कहा कि ‘‘लगातार बैठकों ने हमारे संबंधों को मजबूत किया है।’’ दोनों नेताओं के बीच इस साल यह चौथी मुलाकात है। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार हो रहा है। आपने मुझे मई में विजय दिवस समारोह के लिए रूस की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया है। मैं उसका बहुत उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं क्योंकि मुझे एक बार फिर आपसे मिलने का मौका मिलेगा।’’ दोनों नेताओं ने सितंबर में व्लादिवोस्तोक की मोदी की यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में की गयी प्रगति की समीक्षा की।

दोनों नेताओं ने इस पर संतोष जताया कि साल 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 25 अरब डॉलर तक करने का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया गया है। उन्होंने निर्णय लिया कि क्षेत्रीय स्तर पर व्यापार के रास्ते में आनी वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अगले साल रूसी प्रांतों और भारतीय राज्यों के स्तर का पहला द्विपक्षीय क्षेत्रीय फोरम आयोजित किया जाएगा। मोदी और पुतिन ने यह भी कहा कि तेल और प्राकृतिक गैस के आयात में प्रगति की गयी है। उन्होंने बुनियादी ढांचा खासतौर से रेलवे यानी कि नागपुर-सिकंदराबाद रेलवे लाइन की गति बढ़ाने के क्षेत्र में की गई प्रगति की भी समीक्षा की।

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दोनों नेताओं ने रक्षा और असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी संतोष जताया। उन्होंने अन्य देशों में असैन्य परमाणु ऊर्जा में सहयोग के आयामों का भी स्वागत किया। पुतिन ने अगले साल विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मोदी को मास्को आने का निमंत्रण दोहराया जिसे प्रधानमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। मास्को में प्रतिवर्ष नौ मई को विजय दिवस परेड आयोजित होती है जिसमें रूस अपनी सैन्य ताकत प्रदर्शित करता है। यह मई 1945 में नाजी जर्मनी पर मित्र देशों की जीत की याद दिलाता है। रूसी राष्ट्रपति ने प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में आर्कटिक क्षेत्र की संभावनाओं का उल्लेख किया और भारत को क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है। पुतिन ने बैठक में कहा, ‘‘यह हमारी इस वर्ष चौथी बैठक है। मैं प्रगाढ़ होते संबंधों को लेकर बहुत खुश हूं। हम प्रमुख द्विपक्षीय परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं और हमारा तकनीकी सहयोग मजबूत हो रहा है और सांस्कृतिक आदान प्रदान का विस्तार हो रहा है।’’ दोनों नेताओं की यह बैठक रूस के सुदूर पूर्व व्लादिवोस्तोक शहर में पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के मौके पर व्यापक बातचीत के करीब दो महीने बाद हुई जिसमें दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।

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पांच सितंबर को मोदी ने कहा था कि भारत और रूस की दोस्ती दोनों देशों की राजधानी में सरकारी बातचीत तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा लोगों और करीबी व्यापारिक संबंधों तक भी फैला हुआ है। भारत ने रूस के संसाधन संपन्न सुदूर पूर्व के लिए ‘‘अभूतपूर्व रूप से’’ एक अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा की घोषणा की थी। मोदी ने इस क्षेत्र को विकसित करने के पुतिन के प्रयासों में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जतायी थी। भारत और रूस ने सितंबर में रक्षा, वायु और समुद्री संपर्क, ऊर्जा, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और व्यापार जैसे क्षेत्रों में 15 समझौतों या सहमतिपत्रों पर हस्ताक्षर किए थे।

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