उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका और रूस का उद्देश्य ‘समान'': पोम्पिओ
पोम्पिओ ने रूसी के सोची में मंगलवार देर रात वार्ता के बाद संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि हमारा लक्ष्य समान है और मुझे उम्मीद है कि हम एक साथ काम करने के तरीके तलाश कर सकते हैं।
सोची। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बाद कहा कि उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका और रूस के लक्ष्य समान हैं। पोम्पिओ ने रूसी के सोची में मंगलवार देर रात वार्ता के बाद संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि हमारा लक्ष्य समान है और मुझे उम्मीद है कि हम एक साथ काम करने के तरीके तलाश कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुतिन के आवास में करीब दो घंटे चली बातचीत में उन्होंने उत्तर कोरिया पर लंबी चर्चा की।
Today’s meetings were a positive step forward. U.S. & #Russia have demonstrated in the past that we can cooperate on key international issues. We urge Russia to work with us to change the trajectory of the relationship for the benefit of both nations. pic.twitter.com/LDoixnsTVe
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) May 14, 2019
पुतिन ने कुछ सप्ताह पहले ही उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ एक शिखर वार्ता की थी।पोम्पिओ ने बताया कि पुतिन और उनके बीच सीरिया पर भी लंबी वार्ता हुई। उल्लेखनीय है कि सीरिया को लेकर अमेरिका और रूस विपरीत पक्षों में हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने सीरिया में युद्ध के बाद संविधान बनाने के लिए एक समिति गठित करने का समर्थन किया। पोम्पिओ ने सोची से रवाना होने से पहले हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा कि सीरिया में आगे की योजना को लेकर हमारे बीच काफी सार्थक बातचीत हुई। हमारे बीच राजनीतिक प्रक्रिया को आगे ले जाने के संबंध में उन चीजों पर बातचीत हुई जो हम मिलकर कर सकते हैं और जिसमें हमारे साझे हित हैं।
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उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2254 से जुड़ी राजनीतिक प्रक्रिया अटकी पड़ी है और मेरा मानना है कि हम इसे आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना आरंभ कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2254 को 2015 में पारित किया गया था जिसमें संयुक्त राष्ट्र के समर्थन में सीरिया नीत राजनीतिक प्रतिक्रिया की बात की गई है लेकिन संयुक्त राष्ट्र दूत संवैधानिक समिति बनाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। गौरतलब है कि सीरिया में आठ वर्ष से चल रहे संघर्ष में तीन लाख 70 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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