सिंगापुर सम्मेलन में रोहिंग्या मामले में घिरीं आंग सान सू ची

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[email protected] । Nov 15 2018 4:02PM

सिंगापुर में आयोजित एक सम्मेलन म्यामां की शीर्ष नेता आंग सान सू ची के लिए मुश्किलों भरा रहा। एक समय मानवाधिकार की पुरोधा रहीं सू ची के रोहिंग्या संकट से निपटने के तरीके को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

सिंगापुर। सिंगापुर में आयोजित एक सम्मेलन म्यामां की शीर्ष नेता आंग सान सू ची के लिए मुश्किलों भरा रहा। एक समय मानवाधिकार की पुरोधा रहीं सू ची के रोहिंग्या संकट से निपटने के तरीके को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। सू ची ने रोहिंग्या समुदाय के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। इस मुद्दे पर सू ची की चुप्पी ने संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक मानवाधिकार समुदाय के बीच उनकी साख गिराई है। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं का कहना है कि पिछले साल म्यामां की सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ चलाया गया अभियान नरसंहार के बराबर था। रोहिंग्या म्यामां में हिंसा से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में बांग्लादेश जाने वाला मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय है।

यह सप्ताह सू ची के लिए बुरी खबरें लेकर आया। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने रोहिंग्या के खिलाफ अत्याचारों पर सू ची की ‘‘अनदेखी’’ के कारण उनसे सर्वोच्च सम्मान वापस ले लिया। इसी संगठन ने सू ची को उनके लोकतंत्र के लिए संघर्ष के चलते वैश्विक पहचान दिलाई थी। एक दिन बाद, सिंगापुर में एक क्षेत्रीय सम्मेलन में उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। आसियान की बैठक में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सू ची की निंदा की।

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