बांग्लादेश में युद्ध अपराध के दोषियों में से तीन को मौत की सजा
बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के दोषी इस्लामिस्टों में से तीन को मौत की सजा सुनाई है।
ढाका। बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के दोषी इस्लामिस्टों में से तीन को मौत की सजा सुनाई है जबकि पांच को मृत्यु पर्यंत कैद की सजा सुनाई है। जस्टिस अनवारूल हक की अध्यक्षता वाले बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आइसीटी-बीडी) के न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय पैनल ने इस फैसले की घोषणा की। इनमें से दो आरोपी तो फैसले के वक्त मौजूद थे जबकि छह अन्य फरार हैं।
अभियोजन ने सभी आठ आरोपियों पर सामूहिक हत्या, अपहरण, उत्पीड़न और लूट के आरोप लगाए थे। अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि छह दोषी युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के कुख्यात अल बद्र सहायक बल के सदस्य थे और उत्तरी जमालपुर जिले में उन्होंने अपने अत्याचारों से कहर बरपाया था। दो अन्य पाकिस्तान के बंगाली सैन्य समूह राजाकर से थे। यह समूह भी मुक्ति संग्राम के दौरान गठित किया गया था। यह फैसला ऐसे समय आया है जब देश में हाल ही में एक के बाद एक इस्लामिस्ट आतंकी हमले हो चुके हैं और देशभर में इन हमलों के कारण तनाव पसरा हुआ है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इन हमलों के पीछे जमात का हाथ होने के संकेत दिए थे। बांग्लादेश में 1971 के युद्ध अपराधों के मामले में अब तक चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के 2008 के चुनावी वादे के अनुरूप इस मामले में दोषियों पर मुकदमे की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
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