Pakistan Crisis: बाढ़ पीड़ितों को सामने कर IMF से कर्ज देने के लिए गिड़गिड़ाने लगे बिलावल भुट्टो, कहा- अब तो पैसा दे दो

Bilawal Bhutto
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 9 2023 1:20PM

पाकिस्तान स्थित डॉन अखबार ने बताया कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पाकिस्तान सरकार को देश में बाढ़ से प्रभावित लोगों की दुर्दशा पर विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आर्थिक कठिनाइयों से सुरक्षित हैं।

पाकिस्तान की तंगहाली किसी से छुपी नहीं है। खैरात का कटोरा लेकर वो कभी विश्व बैंक तो कभी अरब देशों के पास मदद मांगता फिर रहा है। वहीं पाकिस्तान के बिगड़ते आर्थिक हालात ने वहां के हुक्मरानों के तेवर भी ढीले कर दिए हैं। आलम ये हो गया है कि वो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सामने गिड़गिड़ाने लगे हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के मंत्री बिलावल भुट्टे तो बाढ़ पीड़ितों को सामने कर आईएमएफ से कर्ज देने की गुजारिश करते नजर आए। पाकिस्तान स्थित डॉन अखबार ने बताया कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पाकिस्तान सरकार को देश में बाढ़ से प्रभावित लोगों की दुर्दशा पर विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आर्थिक कठिनाइयों से सुरक्षित हैं। 

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पाकिस्तान फिलहाल रुके हुए बेलआउट कार्यक्रम के तहत बहुत जरूरी धन जारी करने के लिए आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहा है। सिंध में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से बाढ़ के बाद पुनर्निर्माण परियोजना का अनावरण करते हुए विदेश मंत्री ने सरकार और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता से बाढ़ प्रभावित लोगों को "राहत" प्रदान करने का आग्रह किया। जरदारी ने कहा कि आईएमएफ सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों की यह जिम्मेदारी है कि वह "हमारी बेहतरी के लिए सुधारों का सुझाव दें लेकिन बाढ़ प्रभावितों को भी सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे मौजूदा स्थिति से बाहर आ सकें। 

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उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण देश को गंभीर नुकसान हुआ है क्योंकि 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 50 लाख एकड़ में खड़ी फसल नष्ट हो गई है। आपदा के प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है लेकिन इस बाढ़ ने हमारी कमर तोड़ दी है। जियो न्यूज ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पाकिस्तान सरकार के बीच 900 अरब रुपये के राजकोषीय अंतर को लेकर गतिरोध है, जो एक कर्मचारी स्तर के समझौते को पूरा करने में एक बड़ी बाधा है। आईएमएफ ने पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के एक प्रतिशत के बराबर लगभग 900 अरब रुपये के बड़े अंतर की गणना की है।

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