पाकिस्तान में भीड़ के हमले में मारे गए श्रीलंकाई व्यक्ति का शव कोलंबो पहुंचा

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कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और इसके महाप्रबंधक दियावदनागे की हत्या कर दी थी तथा उनके शव को आग लगा दी थी।

कोलंबो/लाहौर| ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए श्रीलंकाई नागरिक का शव सोमवार को कोलंबो लाया गया। इस बीच, इस वीभत्स घटना के मामले में पाकिस्तान में कुछ और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।

शव ‘श्रीलंकन एअरलाइंस’ के विमान से लाहौर स्थित अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से श्रीलंका लाया गया। लकड़ी के जिस ताबूत में शव रखा गया था, उस पर लिखा था, ‘‘दिवंगत डोन नंदसारी पी कुमारा दियावदनागे के मानव अवशेष। लाहौर से कोलंबो तक।’’

श्रीलंका के अधिकारियों ने कहा कि दियावदनागे का शव ‘श्रीलंकन एअरलाइंस’ की विशेष उड़ान से राज्य के खर्च पर लाहौर से कोलंबो लाया गया जहां शव भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर परिजनों को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अवशेषों को कानूनी कार्यवाही के लिए पास के नेगोंबो अस्पताल भेजा गया।

पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि अंतिम संस्कार संबंधी प्रबंधों के बारे में बाद में सूचना दी जाएगी। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और इसके महाप्रबंधक दियावदनागे की हत्या कर दी थी तथा उनके शव को आग लगा दी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, इस बर्बर घटना में दियावदनागे की लगभग सभी हड्डियां टूट गई थीं और उनका शरीर 99 फीसदी जल गया था।

अवशेषों को पाकिस्तान में एक एम्बुलेंस में लाहौर हवाई अड्डे पहुंचाया गया, जहां पंजाब के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एजाज आलम ने श्रीलंका उच्चायोग के अधिकारियों को ताबूत सौंपा। पाकिस्तान की पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘श्रीलंका उच्चायोग के अधिकारी सोमवार सुबह यहां पहुंचे और पंजाब के अल्पसंख्यक मंत्री एजाज आलम ने लाहौर हवाई अड्डे पर शव उन्हें सौंप दिया।

शव को श्रीलंकन एअरलाइंस के विमान में ले जाया गया।’’ इस बीच, पंजाब पुलिस ने 49 वर्षीय दियावदनागे की हत्या करने में कथित रूप से शामिल सात और प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पंजाब पुलिस ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘‘26 प्रमुख संदिग्धों सहित कुल 131 संदिग्धों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। 26 प्रमुख संदिग्धों ने लोगों को भड़काने, कुमारा की पीट-पीटकर हत्या करने और उसके शरीर को आग लगाने में अहम भूमिका निभाई है।’’

पंद्रह प्रमुख संदिग्धों को सोमवार को गुजरांवाला स्थित आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक, दियावदनागे की बेरहमी से हत्या करने के बाद भीड़ कारखाने के मालिक को भी मारना चाहती थी और इमारत में आग लगाना चाहती थी।

सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद ने कहा, ‘‘भीड़ कुमारा की हत्या के बाद पूरी फैक्टरी में आग लगाना चाहती थी। आरोपी श्रमिकों का एक समूह फैक्टरी के मालिक को मारने के लिए उसके आवास की ओर गया, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर आगे की हिंसा को रोक दिया।’’ दियावदनागे पिछले सात साल से खेल परिधानों से जुड़ी फैक्टरी राजको इंडस्ट्रीज में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक कारखाने में मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी मिलने के बाद दियावदनागे 2011 में पाकिस्तान पहुंचे थे। एक साल बाद, वह सियालकोट की राजको इंडस्ट्रीज में महाप्रबंधक के रूप में शामिल हो गए और वह इस कारखाने में काम करने वाले एकमात्र श्रीलंकाई नागरिक थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी निलुशी और 14 तथा नौ वर्षीय दो बेटे हैं।

निलुशी ने पाकिस्तान सरकार से अपने पति की हत्या के मामले में न्याय और मुआवजे की अपील की है तथा पाकिस्तानी धरती पर सभी श्रीलंकाई लोगों की सुरक्षा का आग्रह किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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