महाराजा बनने के बाद प्रथम पारिवारिक क्रिसमस की मेजबानी कर रहे हैं चार्ल्स तृतीय
शाही ध्वज एक बार फिर शाही भवन के शीर्ष पर लहरा रहा है, जो लंबे समय से जारी उत्सव परंपरा की वापसी का सूचक है। इस साल सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में निधन होने के बाद से रविवार को पहला क्रिसमस मनाया जा रहा है।
महाराजा बनने के बाद चार्ल्स तृतीय नॉरफॉक स्थित सैंड्रिंघम रॉयल एस्टेट में अपने प्रथम पारंपरिक और पारिवारिक क्रिसमस की मेजबानी कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी की 2019 में शुरूआत होने के बाद से यह पहली बार है, जब ब्रिटेन के शाही परिवार ने पूर्वी इंग्लैंड स्थित एस्टेट में क्रिसमस दिवस पर समय बिताया। शाही ध्वज एक बार फिर शाही भवन के शीर्ष पर लहरा रहा है, जो लंबे समय से जारी उत्सव परंपरा की वापसी का सूचक है। इस साल सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में निधन होने के बाद से रविवार को पहला क्रिसमस मनाया जा रहा है।
परिवार ने दिन की शुरुआत सेंट मैरी मैग्डलीन चर्च में सुबह की प्रार्थना से शुरू की और रात में तुर्किये के साथ पारिवारिक रात्रि भोज से पहले राजघराने के प्रशंसकों का अभिवादन किया। महाराजा और महारानी कैमिला के साथ प्रिंस ऑफ वेल्स विलियम और प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट तथा उनके बच्चे प्रिंस जॉर्ज, प्रिंसेस चार्लोट और प्रिंस लूईस भी थे। अपने प्रथम पारंपरिक क्रिसमस दिवस संदेश में ब्रिटिश महाराजा के रूप में चार्ल्स तृतीय ने अपनी दिवंगत मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि दी।
बकिंघम पैलेस की ओर से जारी तस्वीर में 74 वर्षीय महाराजा विंडसर कैसल स्थित सेंट जार्ज चैपल में एक ‘क्रिसमस ट्री’ के बगल में देखे जा सकते हैं। संदेश को इस महीने की शुरुआत में रिकॉर्ड किया गया था। ब्रिटिश राजशाही की ओर से क्रिसमस पर संदेश प्रसारित करने की लंबे समय से परंपरा रही है, जिसका मकसद ब्रिटेन समेत पूरे राष्ट्रमंडल की जनता को एक संदेश देना होता है।
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