वयस्‍कों की तुलना बच्‍चे अब ज्‍यादा हो रहे कोरोना के शिकार, नए खतरे को लेकर चिंता में विशेषज्ञ

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प्रतिरूप फोटो
निधि अविनाश । May 13 2021 7:13PM

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में केवल अप्रैल महीने में व्यस्कों के मुकाबले छोटे बच्चों से लेकर 12 साल के बच्चों में कोरोना के 65 से अधिक मामले सामने आए।

अमेरिका में जहां कोरोना के मामलों में काफी तेजी से गिरावट देखी गई है वहीं अब एक बड़ी चिंता भी बढ़ रही है। आपको बता दें कि अमरिका के विशेषज्ञों ने अमेरिका में एक नया खतरा बढ़ने की आशंका जताई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल महीने में अमेरिका में बच्चों में कोरोना के मामलों में काफी तेजी देखी गई है और यह मामलें वयस्कों की तुलना में काफी ज्यादा है। इसी को देखते हुए अब यह सवाल पैदा हो रहा है कि क्या अमेरिका में कोरोना से व्यस्कों से ज्यादा बच्चें खतरे में बने हुए है? वहीं न केवल अमेरिका बल्कि भारत के विशेषज्ञ भी बच्चों में होने वाले कोरोना के खतरे को लेकर काफी चिंतित है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में केवल अप्रैल महीने में व्यस्कों के मुकाबले छोटे बच्चों से लेकर 12 साल के बच्चों में कोरोना के 65 से अधिक मामले सामने आए। वहीं ताजे आंकड़े बताते है कि, यह मामले आगे भी बरकरार रह सकते है। इसके अलावा, अस्पतालों में बच्चों के भर्ती होने की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए रिसर्चर अब चिंता में है कि क्या कोरोना का नया स्वरूप युवाओं को अलग-अलग तरीकों से दिक्कत पहुंचा सकता है?

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दिख रही है काफी समस्याएं!

बता दें कि कोरोना में सूजन पैदा हो जाना भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, बॉस्टन चिल्ड्रंस हॉस्पिटल की क्रिटिकल केयर डॉक्टर एड्रीन रैंडॉल्फ ने बताया कि, तेजी से हो रहे कोरोना टीकाकरण अभियान में एक पूरी बच्चों की आबादी इस अभियान से अछूते है और यह अभी बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। केवल फरवरी महीने में बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम पाए गए है जिसके अब तक 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ गए है और इनकी संख्या अप्रैल में बढ़कर 3 हजार के पार हो गई है। यह बीमारी कोरोना से ठीक होने के बाद देखी जा रही है और यह काफी खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह शरीर के कई हिस्सों में सूजन पैदा कर देती है। शरीर का कोई अंग जैसे, दिल, दिमाग, फेफड़े और आंतें पर इनका असर हो सकता है। बता दें कि इसमें पेट में दर्द और शरीर के कुछ हिस्सों में निशान बनने शुरू हो जाते है और यह 1 साल 14 साल के बच्चों में लक्षण देखे जा रहे है।

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