पाकिस्तान में परंपरा के नाम पर बच्चों के साथ धोखा, भारी तादात में बच्चे बनाए जा रहे 'रैट चिल्ड्रन'

rat children

बच्चों द्वारा कमाई कराने के एवज में उनको जबरन 'रैट चिल्ड्रेन' बनाया जा रहा है ताकी भारी मात्रा में उनसे कमाई की जा सके। इस प्रथा के चलते पाकिस्तान के आलोचकों ने इस प्रथा को इंसानियत के साथ खिलवाड़ से नवाज़ा है।

इस्लामाबाद। दुनियाभर में बच्चों से भीख मांगवाने की प्रथा चली आ रही है ऐसा कहा जाता है कि बच्चों से भीख मंगवाने से उनको ज्यादा भीख मिलती है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर अगर नज़र डालें तो यहां भी बच्चों के साथ क्रुर प्रथा अपनाई जाती है। यहां बच्चों के नाम पर झूठी परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है जिससे आने वाली नस्लें खराब हो रहीं हैं। दरअसल पाकिस्तान में इंसानियत मर चुकी है बच्चों द्वारा कमाई कराने के एवज में उनको जबरन 'रैट चिल्ड्रेन' बनाया जा रहा है ताकी भारी मात्रा में उनसे कमाई की जा सके। इस प्रथा के चलते पाकिस्तान के आलोचकों ने इस प्रथा को इंसानियत के साथ खिलवाड़ से नवाज़ा है

 

रैट चिल्ड्रन की संख्या पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही है

वन इंडिया हिंदी की खबर के अनुसार, जो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में ऐसे बच्चों की तादात पहले कहीं ज्यादा मानी जा रही है, यह कोई प्राकृतिक यान शारीरिक विकृति नहीं बल्कि इंसानों द्वारा किए गए घिनौने काम का नजीता है। बच्चों को ज़बरन झूठी परंपरा के नाम पर ज़बरन रैट चिल्ड्रन बनाकर उन्हें भीख मांगने के दंगल में उतारा जा रहा है। पाकिस्तान में ऐसा माना जाता है कि अगर ऐसे बच्चों को भीख नहीं देंगे तो उनकी बुरी किस्मत शुरू हो जाएगी।

रैट चिल्ड्रन कौन होते हैं ?

वन इंडिया हिंदी की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान में रैट चिल्ड्रन  को लेकर पुराना विवाद है। दुनियाभर में इसकी आलोचना की जाती है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में रैट चिल्ड्रन उन बच्चों को कहा जाता है, जिनका माथा (सिर) पूरी तरह विकसित नहीं होता। शर्मनाक बात तो ये है कि इन बच्चों की ये हालत किसी बीमारी या पोषण की कमी से नहीं बल्कि भीख मंगवाने वाले माफिया द्वारा जबरन की जाती है।

बचपन से टॉर्चर सहते हैं बच्चे

इन बच्चों के साथ जो होता है उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते बच्चों के बर्बरता इस कदर तक की जाती है कि पाकिस्तान में परंपरा के नाम पर इन बच्चों के साथ बर्बरता बढ़ती जा रही है, माना जाता है कि भीख मांगने पर मजबूर करने वाला गिरोह स्वस्थ बच्चों का पहले अपहरण करते हैं और फिर उन्हें विकृत करने या रैट चिल्ड्रन में बदलने के लिए क्रूर तरीके अपनाते हैं। जिसमें बच्चों के सिर में बचपन से ही लोहे का मास्क में बांध दिया जाता है, ताकि उनके माथे को सामान्य आकार का होने से रोका जा सके। इस दर्दनाक अवस्था में बच्चों को सालों तक रहना पड़ता है। 

परंपरा के नाम पर बच्चों के साथ खिलवाड़

परंपरा के नाम पर पाकिस्तान में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ ही महीं बल्कि उनकी पीरी जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता है और ये केवल इसलिए होता है कि पाकिस्तान में ऐसे बच्चों को भीख देना शुभ माना जाता है उनका मानना है कि रैट चिलड्रन को पैसे देने से उनका काम अच्छा होगा और बुरी किस्मत अच्छी हो जाएगी। इस वजह से कई बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। ऐसे बच्चों को चूहा 'रैट चिल्ड्रन' कहकर लोग पुकारते हैं। 

जबरन अपराधिक गैंग बना रही बच्चों को अपाहिज

आपको बता दें कि पहले से इस परंपरा का खेल चला आ रहा है उस समय बिमारियों की वजह से बच्चे जन्मजात विकृत पैदा होते थे जिस वजह से लोग इनको ऊपर वाले की देन मानते थे लेकिन अब इसके पीछे अपराधिक गैंग काम कर रही है। उन्होंने बच्चों का चेहरा बिगाड़कर भीख मंगवाने को अपना व्यवसाय बना लिया है। वन इंडिया हिंदी न्यूज़ खबर के मुकाबिक हालांकी कुछ लोगों का कहना है कि 17वी शताब्दी में अक मुस्लिम धर्म गुरू थे जो बच्चों के माथे पर सजावट के लिए हेलमेट लगाता और बदले में बच्चे के लिए भीख मांगते थे। आपको बता दें कि बांझ माता पिता से इस शर्त पर आशीर्वाद देते थे कि पहला बच्चा वो उनको दान करेंगे। लेकिन अब ऐसे बच्चों को ज़बरन विकृत बनाया जाता है। वहीं कुछ बच्चे अपने माता पिता के लालच की वजह से ये करने के लिए मज़बूर माने जाते हैं।

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