चीन परमाणु क्षेत्र में भारत के साथ कर सकता है सहयोग
परमाणु के क्षेत्र में चीन को ‘महत्वपूर्ण किरदार’ करार देते हुए चीन की एक वरिष्ठ नीति शोधकर्ता ने कहा है कि यह उन क्षेत्रों में एक है जहां वह भारत के साथ सहयोग कर सकता है।
परमाणु के क्षेत्र में चीन को ‘महत्वपूर्ण किरदार’ करार देते हुए चीन की एक वरिष्ठ नीति शोधकर्ता ने कहा है कि यह उन क्षेत्रों में एक है जहां वह भारत के साथ सहयोग कर सकता है। यह बयान एनएसजी मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के मध्य आया है। यहां अपने संबोधन में चीनी स्टेट काउंसिल रिसर्च ऑफिस की वरिष्ठ शोधकर्ता चेन वेनलिंग ने भारत आने वाले चीनी नागरिकों के लिए दीर्घकालिक वीजा की भी जोरदार वकालत की और कहा कि इससे द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में दोनों पड़ोसी सहयोग कर सकते हैं, विनिर्माण, परमाणु ऊर्जा, बुलेट ट्रेन, पर्यटन, शिक्षा, कृषि ओर सेवा उन्हीं क्षेत्रों में ही आते हैं और वहां दोनों अपना सहयोग बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने गुरुवार को यहां मिनिस्टर काउंसलर चेंग गुआंगझोंग की उपस्थिति में कुछ चुनिंदा लोगों के साथ एक परिचर्चा में कहा, ‘‘चीन परमाणु क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण किरदार है। चीनी ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनियां अमेरिकी बाजार में निवेश कर रही हैं।’’
चेन ने कहा, ‘‘भारत दुनिया में कंपनियों के आंतरिक कामकाज के दफ्तर के रूप में जाना जाता है जबकि चीन अपने विनिर्माण कौशल के लिए जाना जाता है। चीन सेवा, आईटी, आउटसोर्सिंग के क्षेत्रों में भारत से सीख सकता है... लेकिन चीन के निवेश के लिए बाजार स्पष्ट, पारदर्शी और सुरक्षित होना चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता कोशिश को उस समय बड़ा झटका लगा जब पिछले महीने दक्षिण कोरिया में 48 देशों के सम्मेलन ने भारत के आवेदन को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया क्योंकि चीन एवं कुछ अन्य देशों ने गैर एनपीटी हस्ताक्षरकर्ता देशों को एनएसजी में प्रवेश से इनकार कर दिया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को संसद में स्पष्ट किया कि भारत परमाणु अप्रसार संधि पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेगा।
उधर चीन ने गुरुवार को कहा कि कोई भी देश अपने आप को एनपीटी के खिलाफ खड़ा नहीं करना चाहिए और खड़ा नहीं कर सकता। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने स्वराज के बयान पर बीजिंग में कहा, ‘‘हमने बार बार गैर एनपीटी देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में प्रवेश के मुद्दे पर अपना रूख रखा है।’’ वेनलिंग ने भारत को आश्वासन भी दिया कि शी जिनपिंग सरकार अपने पड़ोसियों के साथ संबध मजबूत बनाने पर ध्यान दे रही है और वह भारत समेत इन देशों के कल्याण को लेकर चिंतिंत है।
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