चीन ने साइबर हैकिंग के आरोपों को नकारा, कहा- अमेरिका झूठ बोल रहा है
अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक वे दोनों चीन की हुआयिंग हैताइ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के लिए और चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय तियानजिन स्टेट सिक्युरिटी ब्यूरो के साथ मिलकर काम करते थे।
बीजिंग। अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा चीन की सुरक्षा सेवा से जुड़े दो चीनी नागरिकों पर भारत समेत 12 देशों में साइबर जासूसी करने के आरोप तय करने के बाद चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर ‘‘ तथ्य गढ़ने’’ का आरोप लगाया। आरोप के मुताबिक चीन के नागरिक झू हुआ और झांग शिलांग चीन में सक्रिय एक हैकिंग समूह के सदस्य हैं। साइबर सुरक्षा समुदाय में उस समूह को एडवांस्ड परसिस्टेंट थ्रेट कहा जाता है।
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अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक वे दोनों चीन की हुआयिंग हैताइ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के लिए और चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय तियानजिन स्टेट सिक्युरिटी ब्यूरो के साथ मिलकर काम करते थे। वाशिंगटन ने कहा कि यह साइबर जासूसी का देश द्वारा प्रायोजित व्यापक अभियान था। चीन ने इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी और अमेरिका के साथ राजनयिक स्तर पर विरोध जताया।
Australia for the first time publicly accuses the Chinese Govt over industrial-scale cyber hacking effort to steal intellectual property from Australian companies https://t.co/AdiVCqj3Tx @smh #ausdef @ASPI_ICPC pic.twitter.com/gqE6zcslEd
— David Feeney (@Feeney4Batman) December 21, 2018
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘अमेरिका के कदम से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले मूलभूत नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन होता है और यह दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है।’’ हुआ ने कहा कि साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर चीन के खिलाफ लगाए अमेरिका के आरोप बेबुनियाद हैं।
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अमेरिका और अन्य देशों की ओर से लगाए जाने वाले साइबर हमलों के आरोपों को चीन लंबे समय से नकारता आ रहा है। अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन ने भी चीन पर इन आरोपों का समर्थन किया है।
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