भारतीय सीमा के पास अपनी हवाई रक्षा तैयारियां चाक-चौबंद कर रहा चीन

China is chalking its air defense preparations near the Indian border
[email protected] । Feb 20 2018 6:32PM

चीन की सरकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में एक सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा गया है कि चीन अपने पश्चिमी थिएटर कमान की हवाई रक्षा व्यवस्था को उन्नत बना रहा है ताकि ‘‘भारत से किसी तरह के खतरे का सामना किया जा सके।’’

बीजिंग। चीन की सरकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में एक सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा गया है कि चीन अपने पश्चिमी थिएटर कमान की हवाई रक्षा व्यवस्था को उन्नत बना रहा है ताकि ‘‘भारत से किसी तरह के खतरे का सामना किया जा सके।’’ चीन के पश्चिमी थिएटर कमान पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास की सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी सेना ने एक जे-10 और जे-11 लड़ाकू विमानों की तस्वीर जारी की जो मौजूदा चीनी नव वर्ष एवं वसंत उत्सव अवकाश के दौरान पश्चिमी चीन में काफी ऊंचाई वाले पठार पर उड़ान भर रहे हैं। जे-10 हल्के वजन का बहुद्देशीय लड़ाकू विमान है जबकि जे-11 एक सीट और दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वेबसाइट पर बताया गया है कि ये लड़ाकू विमान पीएलए की पश्चिमी थिएटर कमान के तहत वायुसेना की एक विमानन ब्रिगेड से संबद्ध हैं। चीन ने हाल में अपने खुफिया लड़ाकू विमान जे-20 को सेना में शामिल किया है। यह क्षेत्र में तैनात किया गया पहला ऐसा विमान है। 

पश्चिमी थिएटर कमान मुख्यत: भारत से सटे सीमाई इलाकों में पर्वतीय युद्ध से जुड़ी कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार है। काफी ऊंचाई पर स्थित तिब्बती पठार सहित 3,488 किलोमीटर में एलएसी का फैलाव है।।सीमा के सिक्किम खंड के डोकलाम में पिछले साल भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद दोनों देश अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।।चीनी सैन्य विशेषज्ञ एवं टीवी टिप्पणीकार सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पर्वतीय इलाके के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण मजबूत करना चीन के लिए अहम है।सोंग ने कहा, ‘‘3.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को मजबूत करना या पश्चिमी थिएटर कमान में ज्यादा आधुनिक लड़ाकू विमानों को तैनात करना पीएलए के लिए अत्यावश्यक रहा है।’’ 

सीपीईसी को बचाने के लिए बलूच लड़ाकों से चुपचाप बातचीत कर रहा है चीन

चीन 60 अरब डॉलर की अपनी परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारा (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए पांच सालों से अधिक समय से बलूच लड़ाकों से चुपचाप बातचीत कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया। अखबार फाइनेंसियल टाइम्स ने तीन अधिकारियों के हवाले से कहा, ‘‘चीन दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में लड़ाकों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क में था। सीपीईसी की अधिकांश महत्वपूर्ण परियोजनाएं इसी प्रांत में हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया,‘‘पाकिस्तान की राजनीति में हस्तक्षेप के चीन के इरादे से भारत चिंतित है। नेपाल, म्यामां और श्रीलंका समेत कई पड़ोसी देशों में चीन के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव से भारत पहले ही चिंतित है।’’

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