ट्रंप के साथ वार्ता से पहले किम जोंग से मिलने उत्तर कोरिया पहुंचे चीनी राष्ट्रपति
शीत युद्ध के समय के सहयोगियों के बीच रिश्तों में उस वक्त ठंडापन आ गया था जब उत्तर कोरिया अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर बार-बार परीक्षण कर रहा था और बीजिंग संयुक्त राष्ट्र में उस पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन कर रहा था।
प्योंगयांग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर बृहस्पतिवार को प्योंगयांग पहुंचे। यह दौरा ऐसा वक्त हो रहा है जब वह और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बीते 14 वर्षों के दौरान किसी चीनी राष्ट्राध्यक्ष का यह पहला उत्तर कोरियाई दौरा है। शीत युद्ध के समय के सहयोगियों के बीच रिश्तों में उस वक्त ठंडापन आ गया था जब उत्तर कोरिया अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर बार-बार परीक्षण कर रहा था और बीजिंग संयुक्त राष्ट्र में उस पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन कर रहा था।
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हाल के दौरान शी और उत्तर कोरियाई नेता रिश्तों में आई इस दरार को पाटने की कोशिश में जुटे हैं। बीते एक साल में किम चार बार चीन का दौरा कर चुके हैं जबकि चीन संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों में रियायत की मांग उठा चुका है। चीन के सीसीटीवी के मुताबिक शी दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न से पहले पहुंचे।
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सरकारी मीडिया के मुताबिक, शी के साथ उनकी पत्नी पेंग लीयुन, विदेश मंत्री वांग यी और अन्य अधिकारी है। प्योंगयांग में जगह-जगह चीनी झंडे लगे हुए थे और स्थानीय लोग सड़क के किनारे कतारबद्ध होकर शी के स्वागत में खड़े थे। सत्ताधारी पार्टी के मुखपत्र रोडोंग सिनमुन अखबार में मुखपृष्ठ के ऊपरी आधे पन्ने पर शी से जुड़ी खबरें और तस्वीर प्रकाशित की गई है।
अधिकारियों ने शी के दौरे की मीडिया कवरेज पर कड़ा नियंत्रण रखा हुआ है। प्योंगयांग में मौजूद अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों से कह दिया गया था कि वे उनके दौरे को कवर नहीं कर पाएंगे जबकि शुरू में आमंत्रित किये गए विदेशी मीडिया संगठनों को भी वीजा नहीं मिल सका। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति शी के साथ आए चीनी मीडिया प्रतिनिधिमंडल का आकार भी शुरुआती योजना से कम ही रखा गया।
Xi Jinping will pay a state visit to the Democratic People's Republic of Korea (DPRK) on June 20-21 at the invitation of Kim Jong Un. Since March 2018, Xi and Kim have met four times in China, most recently in Beijing in January https://t.co/tdneAuEeXl #Xiplomacy pic.twitter.com/1dIcaYtBf5
— China Xinhua News (@XHNews) June 18, 2019
यह दौरा काफी हद तक प्रतीकात्मक होगा और इस दौरान कोई संयुक्त बयान आने की उम्मीद नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन के लिए, यह दौरा क्षेत्र में अपने प्रभाव को दिखाने का मौका है।
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