सीआईए को पता था कि पुतिन ट्रंप को जिताना चाह रहे थे: रपट
सीआईए को पिछले साल अगस्त में जानकारी मिली थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव जीतने में ट्रंप की मदद करने के लिए पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से अभियान शुरू करने का आदेश दिया था।
वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को पिछले साल अगस्त में शीर्ष स्तरीय खुफिया जानकारी मिली थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव जीतने में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से एक अभियान शुरू करने का आदेश दिया था। समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट की खबर में यह खुलासा किया गया है जिसके बाद व्हाइट हाउस में खलबली मच गयी और अमेरिकी खुफिया विभाग के लिए भी यह बड़ा संकट पैदा हो गया कि अब वह कैसे प्रतिक्रिया दे।
वाशिंगटन पोस्ट में शुक्रवार को प्रकाशित खबर में कहा गया है कि चुनाव डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में होने के भरोसे और राष्ट्रपति बराक ओबामा को कई बार चुनाव में कथित तिकड़म का इस्तेमाल करते देखे जाने की चिंता के बीच प्रशासन ने मास्को को चेतावनी जारी की लेकिन कार्रवाई को मतदान होने तक टाल दिया। ट्रंप की चौंका देने वाली जीत के बाद प्रशासन के अधिकारियों में इस बात का पछतावा था कि उन्होंने कड़ी कार्रवाई नहीं की।
एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने समाचार पत्र से कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लोगों से लेकर आगे तक तत्काल यह आत्मावलोकन करने की भावना थी कि क्या हमने कोई कदम उठाया। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक जैसे ही पुतिन के बारे में खुफिया सूचना आई, व्हाइट हाउस ने इसे गहरे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के तौर पर देखा। इसके बाद एक खुफिया टास्क फोर्स गठन किया गया, जो इससे संबंधित सभी जानकारियां जुटाकर संभावित प्रतिक्रिया बताए। बहरहाल, वह हिलेरी क्लिंटन के ईमेल हैक होने के बाद विकीलीक्स द्वारा किए गए शर्मिन्दगी भरे खुलासे को लेकर कुछ नहीं कर सके। फिर उनका ध्यान इस बात पर केन्द्रित हो गया कि कहीं आठ नवंबर के मतदान में मास्को मतदाता पंजीकरण सूची अथवा वोटिंग मशीनों को हैक कर गड़बड़ी ना कर दे।
अन्य न्यूज़