चीन में कोविड का प्रकोप, आईसीयू भरे
चीन में कोविड- महामारी की नयी लहर में लगभग यही स्थिति है। रुआन अपने फोन पर किसी से बात करते हुए लगभग चिल्लाते हुए कहती सुनाई देती है, ‘‘ वे कह रहे हैं कि बिस्तर खाली नहीं है।’’ चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है।
चीन की राजधानी बीजिंग से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम स्थित औद्योगिक हेबेई प्रांत के काउंटी अस्पताल में याओ रुआन हताश खड़ी हैं क्योंकि उनकी सास कोविड से संक्रमित है और तत्काल इलाज की जरूर है परंतु आसपास के सभी अस्पताल मरीजों से भरे हैं। चीन में कोविड- महामारी की नयी लहर में लगभग यही स्थिति है। रुआन अपने फोन पर किसी से बात करते हुए लगभग चिल्लाते हुए कहती सुनाई देती है, ‘‘ वे कह रहे हैं कि बिस्तर खाली नहीं है।’’ चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है।
छोटे शहरों और दक्षिण पश्चिम बीजिंग के अस्पतालों के आपात चिकित्सा इकाई मरीजों से भरी हैं। एंबुलेंस को ही आपात चिकित्सा कक्ष में तब्दील कर इलाज किया जा रहा है और मरीजों के तीमारदार अस्पताल में एक खाली बिस्तर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालात यह है कि मरीजों को अस्पतालों के गलियारों और जमीन पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है क्योंकि बिस्तरों की कमी है। रुआन की बुजुर्ग सास करीब एक सप्ताह पहले कोविड-19 की चपेट में आई थीं।
उन्होंने बताया किवह सबसे पहले स्थानीय अस्पताल गईं जहां पर स्कैनिंग के दौरान फेफड़ों में निमोनिया जैसे लक्षण हाने के संकेत मिले, लेकिन वहां पर कोविड के गंभीर मामलों का इलाज करने की व्यवस्था नहीं थी। रुआन ने बताया कि इसके बाद वह लंबी दूरी तय कर बगल की काउंटी (प्रशासनिक इकाई) के बड़े अस्पतालों में गईं। उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ अस्पताल-दर अस्पताल गई लेकिन सभी वार्ड भरे मिले, वहां से वापस आकर अपने गृह नगर झोझोउ अस्पताल आईं लेकिन वहां भी हताश हाथ लगी।
रुआन ने कहा, ‘‘वह आक्रोशित है। मेरे लिए बहुत उम्मीद नहीं बची है। हम लंबे समय से घर से बाहर हैं और भयभीत हैं क्योंकि उन्हें (सास को) सांस लेने में मुश्किल हो रही है।’’ एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने गत दो दिनों में हेबेई प्रांत के बाओडिंग और लांगफांग के कस्बों और छोटे शहरों के पांच अस्पतालों और दो श्मशानों का दौरा किया। सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद महामारी ने सबसे अधिक विकराल रूप इसी इलाके में लिया। कई दिनों तक घर में रहने के बाद अब कई उबर चुके हैं और युवा अपने काम पर लौट चुके हैं, लेकिन बुजुर्ग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और आपात चिकित्सा इकाई पर बोझ है।
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